इस विभाग ने दिव्यांग समाज का किया है विनाश।

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : भारत के दिव्यांग व्यक्ति के विकास में सबसे बड़ा बाधा और सबसे बड़ी समस्या आपको मैं बताने जा रहा हूं भारत जैसे बड़े देश में अगर किसी व्यक्ति को उसके संख्या के बारे में और वहां के सरकार को उनकी संख्या के बारे में पूरा डाटा प्राप्त नहीं होगा तब तक समाज विकास कर सकेगा क्या उसका विकास संभव हो सकेगा क्या अरस्तु ने कहा है की राज्य का प्रत्येक व्यक्ति जब विकास करेगा तब समाज का विकास होगा और जिस समाज का आंकड़ा ही सही नहीं है तो वह विकास कैसे करेगा और इसकी जिम्मेदारी जिसके हाथों में सौंपी गई है उसकी पूरी जानकारी इस प्रकार है- दिव्यांग व्यक्तियों के बारे में नियमित जानकारी इकट्ठी करना 17 जनगणना जानकारी 2001 से दिव्यांग व्यक्तियों से संबंधित जान शुरू कर दी है। राष्ट्रीय नमुना सर्वेक्षण संगठन को पांच वर्ष में दिव्यांग व्यक्तियों पर कम से कम एक बार जानकारी इकट्ठी करनी होगी। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अधीन दिव्यांग व्यक्तियों के लिए एक व्यापक वेब साइट का सृजन किया जाएगा क्या यह विभाग भारत में दिव्यांगों का जो कार्य लिया है और निष्ठा से करता है क्या इसके बिना दिव्यांगों का विकास संभव है अगर इस काम में कोताही हो रहा है या कदाचार हो रहा है तो भारत का प्रत्येक दिव्यांग विकास के पथ पर अग्रसर होगा या विनाश के पथ पर अग्रसर होगा यह सोचने की बात है।

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