पटना रेलवे स्टेशन के रिटायर रूम से क्यों भागा दिव्यांग छात्र

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : पटना रेलवे स्टेशन के रिटायर रूम से क्यों भागा दिव्यांग छात्र को कोरोना काल में बंद महत्वपूर्ण दस्तावेज चूहे कुतर सकते हैं. डोरमेट्री सेवा आज तक दरअसल, जंक्शन के रिटायरिंग रूम में नहीं हुई बहाल में रात गुजारने की सोच रहे है, तो सतर्क हो जाएं क्योंकि रिटायरिंग रूम में रहना महंगा पड़ सकता है. आपके कपड़े और चूहों का आतंक दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है.  किसी का चार्जर कतर देते है तो किसी का बैग काट देते है. यहां रुकने वाले यात्रियों का यह कहना है, व्यवस्था इस कदर बदतर है कि कोरोना काल में बंद हुई डोरमेट्री सेवा आज तक चालू ही नहीं हो पाई. नॉन ऐसी कमरे खाली रहने पर भी उपलब्ध नहीं है, कहकर कर्मचारी यात्रियों को चलता कर देते है, क्योंकि रिटायरिंग रूम पूरी तरह से रिटायर्ड हो गया है. शिकायत मिलने के बाद हमारी टीम ने रियलिटी चेक किया तो सामने आया सालों से नहीं खुली है डोरमेट्री पटना अक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर एक के ऊपरी तल पर बना डोरमेटी का कोरोना दाल में बंद हुआ. इसका संचालन आईआरसीटी के द्वारा होता था.कोरोना वायरस का प्रभाव कम होने के बाद भी इसे चालू करने के लिए रेलवे की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. नाम न छापने की शर्त पर रेलवे के कर्मचारियों ने बताय कि डोरमेट्री का सबसे अधिक उपयोग स्टूडेंट्स करते थे. परीक्षा देने के लिए आने वाले स्टूडेंट्स को कम पैसे में सुरक्षित स्थान रेलवे की ओर से उपलब्ध कराया जाता था. खेरमेट्री कक्ष हमेशा भरा रहता था लेकिन कोरोना काल में बंद होने के बाद आज तक चालू ही नहीं हुआ. डोरमेट्री रूम जाने के रास्ते में नहीं रखा जा सफाई का ध्यान चूहों पर नहीं है रेलवे को कंट्रोल चूहों को भगाने के लिए रेलवे कई तरह के उपाय और पैसे खर्च करता है, लेकिन पटना जंक्शन के रिटायरिंग रूम में यहाँ पर रेलवे प्रशासन का कंट्रोल नहीं है. यात्रियो की मानें तो किसी का चार्जर काट देते है तो किसी का बैग काट देते है. शिकायत करने पर कर्मचारी चूहा हर जगह रहता है ये कहकर मामले को टाल देते है. एसी और नॉन एसी दोनो कक्ष में चूहे पता नहीं कहां से प्रवेश कर जाते है. इससे यात्रियों कोकी काम हो रहा है. भागलपुर जिले के रहनेवाले यात्री रोहित ने कहा कि रेलवे को इस पर ध्यान रखना चाहिए.होटल से भी महंगा है यहां का रिटायरिंग रूम जंक्शन के आसपास के एरिया में 600-700 में नन एसे और 1000 रुपए में ऐसी रूम असानी से उपलब्ध हो जाता है, लेकिन पटना जंक्शन कर रिटायरिंग रूम एक हजार और एसी रिटायरिंग रूम 1500 रुपए में मिल रहा है. पूरी तरह से रिटायरिंग रूम नहीं होने के चलते नन एसी रूम में उपलब्ध नहीं होने की बात कहकर बुकिंग क्लर्क यात्रियों को चलता कर देते है. इस संबध में नाम न छापने की शर्त पर कर्मचारियों ने बताया कि सिस्टम जितना फीड रहता है उतना ही शो करता है. इसलिए बुकिंग भी उतने को ही होती है.डोरमेट्री रूम में पसरी गंदगी.केस वन दिल्ली से आए यात्री पंकज ने बताया कि पिछले दिनों पटना जंक्शन के रिटायरिंग रूम मे पिताजी ने रूम बुक कराया था. घर पहुंचने पर पता चला कि चूहे ने नीचे से बैग ही काट दिया है. बैग में रखा शर्ट भी काट दिया. रेलवे को चूहाँ पर ट्रोल करना चाहिए ताकि किसी और के साथ ये घटना नहीं है।

 

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