प्रत्येक माह आम जनता को देना पड़ता है बिजली बिल के नाम पर अतिरिक्त पैसा महा घोटाला है यह नियम।

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : क्या आप बिजली बिल के बारे में जानते हैं? आज हम सभी बिजली बिल के बारे में विस्तार पूर्वक जानने की कोशिश करते हैं। आमतौर पर हम जानते हैं कि हम लोग जितना बिजली का उपयोग करते हैं उस उपयोग किए गए बिजली का ही भुगतान करेंगे।लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है।कुछ बिजली बिल में ऐसे भी चार्ज होते हैं जिसे हम आमतौर पर हम लोग नहीं जानते हैं। आज हम लोग बिजली बिल के बारे में जानने की कोशिश करते हैं।1 – आप जब बिजली का उपयोग करते हैं इसे बिजली बिल में यूनिट के नाम से जानते हैं। उसका आप जो भुगतान करते हैं उसका भी एक नियम है।इसे उदाहरण स्वरूप समझने की कोशिश करते हैं। 1- 1 से 100 यूनिट का चार्ज। अगर 6.50 हर एक यूनिट पर है। 100 से 200 यूनिट का चार्ज। लगभग 7.00 हर एक यूनिट पर है।200 से 300 यूनिट का चार्ज। लगभग 7.50 हर एक यूनिट पर है।यूनिट का चार्ज अलग-अलग कैटेगरी में(दुकानदार शहरी इलाके में जो घर होते हैं जो गांव के इलाके में घर होते हैं )उससे बिजली बिल में LTIS CS DS1 DS II के नाम से जानते हैं उन सभी के यूनिट का चार्ज अलग अलग होता है।2- जब आप बिजली का कनेक्शन लेने जाते हैं तो आपको एक कॉलम भरना पड़ता है कि आप कितना किलो वाट का लोड लेना चाहते हैं Iअगर आप 1 किलो वाट का लोड लेते हैं उस 1 किलो वाट का चार्ज बिजली बिल में जोड़कर आता है जो अलग-अलग कैटेगरी का अलग-अलग चार्ज होता है।कुछ कैटेगरी का चार्ज इस प्रकार है।1किलोवाट Cs पहले ₹180 अब ₹300Ds शहरी घर पहले ₹40 अब ₹80 इस चार्ज को मैक्सिमम डिमांड चार्ज कहते हैं।आप चाहे बिजली का उपयोग करें या नहीं करें। इस चार्ज को आपको भुगतान करना पड़ेगा।अगर आप 1 किलो वाट का लोड लिए हुए हैं और किसी कारण बस आप 1 किलो वाट के लोड से अतिरिक्त भार का उपयोग करते हैं। आपको बिजली बिल में एक्स्ट्रा किलो वाट का चार्ज जोड़ कर आएगा।और अगर आप 1 किलो वाट के भार से कम बिजली का उपयोग करते हैं तो आपको बिजली विभाग से कोई रिबेट नहीं मिलेगा बल्कि आपने जो 1 किलो वाट का भार लिए हुए हैं उस किलो वाट का डिमांड चार्ज आपके बिजली बिल में जोड़कर आएगा।3- विद्युत कर आपके बिजली बिल में आता है जो आप बिजली का उपयोग करते हैं यानी यूनिट के चार्ज का सिक्स पर्सेंट लगता है।इसे हम लोग इस प्रकार समझ सकते हैं। अगर आपके यूनिट का चार्ज ₹600 आता है तो आपको बिजली बिजली बिल में विद्युत कर के रूप में ₹36 जोड़ कर आएगा।4-कैपेसिटर चार्ज अगर आपके मीटर में पावर फैक्टर 0.9 से कम हो जाता है तो आपको कैपेसिटर चार्ज! के रूप में उनके फॉर्मूला के अनुसार बिजली बिल में चार्ज जोड़ कर आएगा। कंजूमर को अपना मीटर लगाने नहीं दिया जाता है। विभाग के द्वारा मीटर लगाया जाता है और उसका चार्ज कंजूमर को हरमहीने जिंदगी भर करना पड़ता है।कब तक विभाग के द्वारा मीटर का चार्ज लेना चाहिए, यह भी स्पष्ट नहीं होता है।जबकि कंजूमर जितना बिजली का उपयोग करता है उसका भुगतान मैक्सिमम   डिमांड चार्ज इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी चार्ज का भुगतान करना पड़ता है।

Check Also

दिव्यांग लोगों के लिए सरकार क्या कर सकती है रोजगार के लिए क्या किया है।

🔊 Listen to this सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : निश्चित तौर से दिव्यांगों के लिए …