पटना : रनवे का विस्तार पटना एयरपोर्ट की सबसे बड़ी चुनौती है. पटना एयरपोर्ट के निदेशक राजेंद्र सिंह लाहौरिया ने अपने चार वर्षों के कार्यकाल के अनुभव को साझा करते हुए शुक्रवार को कहा कि इस दौरान उन्होंने बूम बैरियर लगाने समेत कई ऐसे काम किये, जिसका आरंभ में कुछ विरोध भी हुआ लेकिन बाद में सराहा.
नये टर्मिनल का प्रोजेक्ट मंजूर हो चुका है और इसके बन जाने से वर्तमान भीड़भाड़ और उससे होने वाली असुविधा से निजात मिल जायेगी, लेकिन रनवे की परेशानी फिर भी बनी रहेगी. ऑफ लोड की समस्या से निजात पाने और बिना ब्रेक के विमान लैंड कराने के लिए कम से कम रनवे को 400 मीटर और बढ़ाना पड़ेगा.
जू की तरफ ही एकमात्र गुंजाइश है और उसके गेट नंबर दो तक की 26 एकड़ जमीन मिले, तभी रनवे का 400 मीटर तक विस्तार किया जा सकता है. लाहौरिया ने यह भी कहा कि निदेशक के रूप में उन्होंने तीन बार प्रेजेंटेसन के माध्यम से इस दिशा में पहल की और उनके बाद आने वाले एयरपोर्ट निदेशक के लिए भी यह एक बड़ी जिम्मेदारी होगी.
उन्होंने यह भी कहा कि इस दिशा में पटेल गोलंबर के कोने पर स्थित 5.7 एकड़ जमीन पर भी बात हुई थी, लेकिन उसके मिल जाने से भी रनवे में केवल 135 मीटर का विस्तार संभव है, जिससे समस्या नहीं सुलझेगी.
आरएस लाहौरिया ने कहा कि चार साल पहले मई 2015 में जब वह आये थे, पटना का सालाना एयर ट्रैफिक 10 लाख था, जो पिछले वर्ष 32 लाख को पार कर चुका है. यदि यह गति जारी रही तो अगले दो वर्षों यहां से जानेवाले विमानों की संख्या 100 को पार कर जायेगी.
25 को योगदान देंगे नये एयरपोर्ट निदेशक
नये एयरपोर्ट निदेशक भूपेश नेगी 25 मार्च को योगदान देंगे. एयरपोर्ट निदेशक आरएस लाहौरिया ने बताया कि सुविधा के लिए उन्हें एकबारगी प्रभार सुपुर्द नहीं कर कुछ दिनों बाद किया जायेगा.