सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : पूरे देश के जनता को धोखा दिया गया आप देखिए रुपया हैं ₹1 का जो नोट है सर जी ₹1 के नोट पर वित्त मंत्रालय का साइन है इस पर रिजर्व बैंक का गवर्नर का साइन है इसमें बोल रहा है कि मैं धारक को ₹100 अदा करने का वचन देता हूं इसका मतलब होता है कि मैं वचन दे रहा हूं ये रुपया नहीं है कि मैं धारक को ₹100 अदा करने का वचन देता हूं वचन देने का मतलब क्या होता है मतलब दे रहा हूं दिस इज़ लीगल टेंडर अच्छा यह वचन दे रही है कि अगर आपको ₹100 चाहिए इस नोट पर गवर्नमेंट ऑफ इंडिया लिखा हुआ है लेकिन और किसी नोट पर आप बताइए गवर्नमेंट ऑफ इंडिया लिखा हुआ है। ये आरबीआई जो है भारत सरकार द्वारा रेगुलेटेड नहीं है। हां। 1882 एक्ट के अनुसार पेपर करेंसी एक्ट के अनुसार इसका रुपए का जो मानक तय किया गया है गोल्ड स्टैंडर्ड के अनुसार हां तो आपके पास अगर ₹1 है तो 777 मिलीग्राम गोल्ड चाहिए हम उसके अनुसार आपका ₹1 का वैलिड है हम अगर उतना रुपया आरबीआई के पास है तो वो मार्केट में चला सकता पहली बार पहली बार इस तरह का खबर बन रहा है इसमें गड़बड़ी का दूसरा लिखा हुआ है केंद्र सरकार द्वारा प्रत्याभूत केंद्र सरकार भारत में नहीं है क्या है केंद्र सरकार भारत में नहीं है रिजर्व बैंक केंद्र सरकार जो है पार्लियामेंट ऑफ इंग्लैंड को बोला जाता था आजादी से पहले और बैंक का स्थापना 1934 में हुआ आजादी कब हुआ 47 में हां और 1934 में पहले बैंक स्थापना हुआ केंद्र सरकार द्वारा प्रत्याभूत यहां लिखा गारंटेड बाय सेंट्रल गवर्नमेंट इसमें गारंटेड बाय गवर्नमेंट ऑफ इंडिया लिखा जा सकता था कि नहीं हम्म अगर भारत सरकार का रुपया है तो गारंटेड बाय सेंट्रल गवर्नमेंट क्यों लिखा गया? लिखा जा सकता था गारंटेड बाय गवर्नमेंट ऑफ इंडिया। हम्म। लेकिन वो भी नहीं लिखा गया। यह भी फर्जी है। दूसरा बात भारतीय रिजर्व बैंक। इधर क्या लिखा है? रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया। है ना? तो भारतीय और इंडिया दोनों दो चीज है। ये भी फर्जी मामला है। चाचा समझ में आ रहा है। गांधी जी मेरा बात सुनिए। गांधी जी को फर्जी नोट पर चिपकाया गया। इनका भी अपमान किया जा रहा है। आईपीसी की धारा 489 के को खगड़ों के अनुसार अगर रुपया में रुपया में जो एफिडेविट है गवर्नमेंट का इसमें अगर एक फुल स्टॉप भी चेंज किया जाता है तो उसको आजीवन कारावास को सजा होना चाहिए। पेपर 1882 के अनुसार लेकिन इसमें चेंज पूरा सर बैंक ऑफ इंडिया प्राइवेट कंपनी है। वो बैंक ऑफ इंग्लैंड कंपनी है और वो इंग्लैंड से संचालित होती है। भारत सरकार का उससे कोई लेना सरकार तो इसी को मान रही है ना। हम लोग इसी को मान रहे हैं। पैसा सरकार के अनुसार काम होता है तो मानने पर बाध्य है। हां पब्लिक है हां तो आपके पास अगर ₹1 है तो 777 मिलीग्राम गोल्ड चाहिए सरकार के हर मंत्रालय में सीआईए का एजेंट होता है। जो विदेश से संचालित होता है सभी बैंक घर बनाने के लिए लोन देती है जमीन खरीदने के लिए लोन देती है सामान खरीदने के लिए लोन देती है लेकिन उसके पास अपना कोई निजी जमीन क्यों नहीं है हम लोग आरटीआई लगाए। रिजर्व बैंक को आरटीआई लगाए। हम रिजर्व बैंक का आरटीआई में बताया कि हमारे पास 800 टन टोटल सोना है। पिछले साल का रिपोर्ट है। इधर 200 टन किराया है इसका नहीं। पिछले साल का रिपोर्ट है। 800 टन टोटल सोना रिजर्व बैंक के पास है। लेकिन नोट कितना छापे हुआ जानते हैं? अरे वो बताए थे पहले। 800 टन का जो नोट छापा जा सकता है भारत में 500 करोड़ लगभग ₹500 करोड़ छापा जा सकता है। ₹5 लाख करोड़। लेकिन छापा हुआ कितना जानते हैं? कितना? सोचने के बाद दम क्या बोलते हैं? पैर से जमीन खिसक जाएगा। कितना? ₹38 लाख करोड़ छापे हुआ रिजर्व बैंक। अच्छा बगैर सोना स्टैंडर्ड रखे हुआ टोटल फर्जी रुपया छाप के मार दिया बोल रहे हैं असली रुपया को नकली रुपया हां असली बोल नहीं रहे असली नहीं है यह अरे तो यह चल कैसे रहा है चल रहा है।
Sarvpratham News Latest Online Breaking News
