सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार पटना :मुख्यमंत्री भिक्षावृत्ति निवारण योजना का उद्देश्य राज्य में भिक्षावृत्ति की कुप्रथा का उन्मूलन करना और भिक्षावृत्ति करने वालों का पुनर्वास करना है। इस योजना के अंतर्गत निदेशालय निराश्रितों और विशेषकर वृद्धजनों के पुनर्वास के लिए चिकित्सा और अन्य सुविधाओं के साथ आश्रय गृह स्थापित करता है। यह योजना युवा भिक्षावृत्ति करने वालों का पुनर्वास भी करती है। पटना में अग्रगामी आधार पर पहलकदमी करने के बाद अब इन कार्यकलापों का चरणबद्ध तरीके से सभी प्रभागीय और जिला मुख्यालयों में विस्तार किये जाने की योजना है।
लाभ और पात्रता
इस योजना का उद्देश्य भिक्षावृत्ति करने वालों को भिक्षावृत्तिा से अलग करना और उनका पुनर्वास करना है।
अति गरीब व्यक्तियों के पुनर्वास के लिए स्टेट सोसाइटी फॉर रीहैबीलिटेशन ऑफ़ अल्ट्रा पूअर की स्थापना की गई है। अति गरीब लोगों में निःशक्त व्यक्ति व भिखारी आते हैं| वर्तमान समय में संयुक्त निदेशक, सामाजिक सुरक्षा और निःशक्तता परियोजना अधिकारी, परियोजना सेल की भूमिका निभाएंगे स्टेट सोसाइटी फॉर रीहैबीलिटेशन ऑफ़ अल्ट्रा पूअर के अन्य पदों के लिए विज्ञापन निकाल कर कुल पदों पर संविदा के आधार पर नियुक्ति की गयी है| इसके साथ गैर सरकारी संस्था ‘मेधा’ का चुनाव भी कर लिया गया है, यह संस्था भिखारियों का सर्वेक्षण करेगी| जिला स्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी अंत में भिखारियों के नामों का चुनाव करेगी| इस कमेटी के सदस्य गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि, निःशक्त व्यक्ति व ज़िला मजिस्ट्रेट होंगे। पुनर्वास के लिए एक तीन स्टेप मॉडल निर्धारित किया गया है – सुझाव और पुनर्वास, कौशल विकास और स्वरोज़गार के अवसर।
कैसे प्राप्त करें
इस योजना का कार्यान्वयन करने के उद्देश्य से ‘अत्यंत निर्धनों के पुनर्वास हेतु बिहार राज्य सोसाइटी’ का पंजीकरण किया गया है। भिक्षावृत्तिा करने वालों और ‘अत्यंत निर्धनों’ या निराश्रितों की नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच और चिकित्सीय सहायता के लिए पटना में एक अस्पताल को नोडल अस्पताल के रूप में चिन्हित किया गया है। भिक्षावृत्तिा करने वालों के पुनर्वास की प्रक्रिया में साझेदारी हेतु गैर-सरकारी संस्थाओं को चिन्हित किया गया है।