सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार :सरकार ने कहा है कि देश के विभिन्न वित्तीय संस्थानों के पास इस समय 32455.28 करोड़ रुपए लावारिस पड़े हैं और इनको लेने के लिए कोई दावा नहीं कर रहा है। इन वित्तीय संस्थानों में सरकारी-गैर सरकारी बैंक और बीमा कंपनियां शामिल हैं। बैंकों के पास पड़े हैं 14578 करोड़ रुपए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से सोमवार को लोकसभा में आरबीआई के हवाले से दी गई जानकारी के अनुसार, देश के सरकारी और गैर सरकारी बैंक में 2018 तक अनक्लेम्ड राशि (बिना दावे वाली राशि) बढ़कर 14578 करोड़ रुपए पर पहुंच गई है। वित्त मंत्री के अनुसार, यह राशि हर साल बढ़ रही है। 2017 में अनक्लेम्ड राशि 11494 करोड़ और 2016 में यह 8928 करोड़ रुपए थी। वित्त मंत्री की ओर गई जानकारी के अनुसार, अनक्लेम्ड जमा राशि के मामले में देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) सबसे आगे है और इसके पास 2156 करोड़ रुपए अनक्लेम्ड जमा राशि के रूप में पड़े हैं। एसबीआई को छोड़कर अन्य सभी राष्ट्रीय बैंकों के पास 9919 करोड़ रुपए, प्राइवेट बैंकों के पास 1851 करोड़ रुपए, विदेशी बैंकों के पास 376 करोड़ रुपए, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के पास 271 करोड़ रुपए और स्मॉल फाइनेंस बैंक के पास 2.42 करोड़ रुपए अनक्लेम्ड जमा राशि के रूप में पड़े हैं।
बीमा कंपनियों के पास 17,877.28 रुपए
केंद्रीय मंत्री की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार 30 सितंबर 2018 तक बीमा कंपनियों के पास 17,877.28 रुपए अनक्लेम्ड जमा राशि के रूप में पड़े हैं। इसमें जीवन बीमा कंपनियों के पास 16887.66 करोड़ रुपए और गैरजीवन बीमा कंपनियों के पास 989.62 करोड़ रुपए जमा है। खास बात यह है कि जीवन बीमा कंपनियों के पास जमा अनक्लेम्ड राशि में हर साल बढ़ोतरी हो रही है। जीवन बीमा कंपनियों में अकेले भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के पास 12892.02 करोड़ रुपए अनक्लेम्ड राशि के रूप में जमा हैं।