खुशखबरीः दिव्यांग एवं समान छात्रों के लिए मोदी सरकार ने बनाया कानून प्राईवेट कर्मचारियों की सैलरी कम से कम 24 हजार रुपये महीना

सर्वप्रथम न्यूज़  सौरभ  कुमार : दिव्यांग एवं समान छात्रों के लिए प्राईवेट कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। मोदी सरकार के नये आदेशों के बाद अब प्राईवेट कंपनियों में काम करने वाले किसी भी कर्मचारी की सैलरी 24 हजार रुपये महीने से कम नहीं होगी। अगर कोई कंपनी अपने कर्मचारियों को 24 हजार रुपये महीने से कम देती है तो शिकायत मिलने पर सरकार उस कंपनी के खिलाफ सीधी कार्रवाई कर सकती है। कहने का मतलब यह कि अब कम तनख्वाह पर ज्यादा काम कराने वाली कंपनियों की शामत आने वाली है। कर्मचारी कम तनख्वाह मिलने की शिकायत सीधे नियुक्त  सरकारी अधिकारी को कर सकेंगे। सरकार की ओर से कार्मिक और लोक शिकायत मंत्री जितेंद्र सिंह ने संसद में कहा है कि कर्मचारियों को उनके काम के बदले न्यूनतम वेतन देना आवश्यक है और जिन कंपनियों के खिलाफ इस संबंध में शिकायतें आएंगी, उनकी जांच करायी जाएगी और मानकों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।कार्मिक एवं लोक शिकायत मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में बुधवार को एक पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि मोदी सरकार ने 2017 में न्यूनतम वेतन कानून में संशोधन किया और ऐसा 65 वर्ष बाद हुआ है। न्यूनतम मजदूरी 40 प्रतिशत बढ़ायी गयी है। इसे 18 हजार रुपये से बढ़ाकर 24 हजार रुपये किया गया है। इसके लिए कानून बनाया गया है और जो भी लोग इस कानून का अनुपालन नहीं कर रहे हैं उनकी शिकायत आने पर मामले की जांच करायी जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।जितेंद्र सिंह ने कहा कि उनकी सरकार महिला कर्मचारियों के हितों पर विशेष ध्यान दे रही है। प्रसवकालीन अवकाश को 12 सप्ताह से बढकार 24 सप्ताह कर दिया गया है। सरकार ने प्रधानमंत्री रोजगार योजना आरंभ की है जिसे एक अप्रैल 2016 से सरल बनाया गया है।

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