मेहनत का फल दिव्यांग लेखक की कलम से

सर्वप्रथम न्यूज़ रत्नेश कुमार की कलम से शाम के समय जब मैं अपने बरामदे में किताबें पढ़ रहा था तभी मैंने देखा एक चींटी बार बार प्रयास कर रही है अपने भोजन को अपने घोसले तक ले जाने की कोशिश कई बार चढ़ना उतरना गिरना फिर _फिर उतरना फिर भोजन ले जाना तभी मैंने पूछा क्या तुम्हें थकान नहीं होती तुम थकते नहीं हो तो चींटी ने कहा नहीं बार-बार कोशिश करने में कोई बुराई नहीं है कोशिश करनी चाहिए हम सबको कोशिश करनी चाहिए| उसकी बातें सुनकर ऐसा लगा जैसे एक छोटी सी कोशिश करने से मंजिल पर पहुंचा जा सकता है मनुष्य होकर मेहनत से क्या कुछ नहीं हासिल कर सकते, मैं उन नौजवान साथियों से कहना चाहता हूं जो अपने मंजिल पर मेहनत से पहुंचना चाहते हो बार-बार प्रयास करें| चींटी का उदाहरण के लिए बहुत-बहुत लाभदायक होगा सोचे समझे और अपने जीवन में उतारें तभी मंजिल तक पहुंचा जा सकता है| आप अपने जीवन में कुछ करने की सोचें तो सही समय परिधान जो आपको मिला हुआ है पठन करने का उसे बनाए तो सही, मन में विचार आने पर उसे लिखित रूप देना चाहिए चिंतन मनन आत्मज्ञान साधक जीवन में सफलता आपको स्वयं मिलेगी| कठिनाइयां आती हैं ,हमें स्वीकार करना है और हमें भी उससे दोगुनी मेहनत करनी | लेखक के रूप में मैंने इस भूमिका को पहचाना| आप ही भी पहचाने धन्यवाद ।

Check Also

दिल्ली यूनिवर्सिटी के इस प्रयास से दिव्यांग बनेंगे आत्मनिर्भर।

🔊 Listen to this सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार :दृष्टिबाधित विद्यार्थियों को लगभग 600 लैपटॉप और …