सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार :पक्षियों में कबूतर को शांति का प्रतीक माना जाता है, शहर के किसी न किसी कोने में कबूतरों को दाना डालते हुए लोग देखे जा सकते हैं. लेकिन इन्हीं कबूतरों के करीब रहने पर आपको कई जानलेवा बीमारियां (Diseases Caused by Pigeon) हो सकती हैं. दिल्ली एनसीआर (Delhi-NCR) में अनगिनत परिवार हैं, जो कबूतरों से पैदा होने वाली खतरनाक बीमारियों से बेपरवाह हैं, कबूतरों (Pigeon) की आवाजाही से लोग परेशान हैं, लेकिन ये नहीं जानते कि ये सिर्फ तंग करने वाला पंछी नहीं बल्कि ऐसा पंछी है जिसकी बीट और पंख आपको बीमार, बहुत बीमार बना सकते हैं.कबूतरों पर हुए शोध में बड़े खतरे सामने आए हैं. डॉक्टरों का भी कहना है कि कबूतर की बीट में ऐसे इंफेक्शन होते हैं जो आपके फेफड़ों को खासा नुकसान पहुंचाते हैं और आपको जल्दी इनका पता भी नहीं चलता है. आपके घर में लगे एसी के आसपास कबूतरों ने घोंसला बनाया है तो ये खतरा कई गुना बढ़ जाता है. दरअसल जहां पर भी ज़्यादा कबूतर होते हैं, वहां पर एक अजीब सी दुर्गन्ध होती है. ये कबूतर उन्हीं जगहों पर बैठना पसंद करते हैं, जहां पर इन्होंने बीट की हो. जब ये बीट सूख जाती है तो पाउडर का रूप ले लेती है, और जब ये पंख फड़फड़ाते हैं तो बीट का पाउडर सांसों के ज़रिए हमारे भीतर पहुंच जाता है. इसी से फेफड़े की भयंकर बीमारी होती है. कबूतरों पर शोध में खुलासा हुआ है कि इनकी बीट की वजह से कई बीमारियां पैदा हो सकती हैं.
2001 में ट्राफलगर स्क्वायर में कबूतरों को दाना डालने पर बैन लगा था
बता दें, 2001 में तो विश्व के कई देशों ने कबूतरों की गंदगी के खिलाफ जंग ही छेड़ दी थी. 2001 में लंदन के ट्राफलगर स्क्वायर में कबूतरों को दाना डालने पर बैन लगा दिया गया था. इतना ही नहीं वेनिस ने 2008 में सेंट मार्क स्क्वायर पर पक्षियों के लिए खाना बेचने वालों पर जुर्माने का प्रावधान कर दिया था. जबकि कुछ साल पहले कैटेलोनिया में कबूतरों को ओविस्टॉप नामक गर्भनिरोधक दवा खिलानी शुरू कर दी गई थी.