सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : दिव्यांग प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम-किसान) का एलान पिछले साल किया गया था. इस योजना के तहत केंद्र सरकार किसानों के बैंक खातों में सीधे पैसे ट्रांसफर करती है. गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना को लागू नहीं करने वाले राज्यों की आलोचना की. उन्होंने कहा कि ये राज्य ओछी राजनीति के लिए इस योजना को लागू नहीं कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की मानसिकता ने किसानों का लंबे समय तक नुकसान किया है. आइए केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना से जुड़ी बातें जानते हैं.
1. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना क्या है?
यह केंद्र सरकार की स्कीम है. इसका एलान 1 फरवरी 2019 को आए बजट में किया गया था. इस स्कीम के तहत छोटे और सीमांत किसान परिवारों को हर साल 6000 रुपये दिए जाते हैं. ऐसे किसान परिवार को इस योजना का लाभ मिलता है जिनकी कुल जमीन 2 हेक्टेयर तक होती है.
2. किसानों को किस तरह मिलता है यह पैसा?
किसान को 2000-2000 रुपये की तीन किस्तों में यह पैसा दिया जाता है. यह पैसा डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के तहत सीधे किसान के खाते में डाल दिया जाता है. डीबीटी से पैसे ट्रांसफर की प्रक्रिया पारदर्शी रहती है. साथ ही किसान का भी काफी समय बचता है.
3. छोटे और सीमांत किसानों को इस स्कीम से किस तरह लाभ होता है?
एक अनुमान के मुताबिक, इस स्कीम से 12 करोड़ से ज्यादा छोटे और सीमांत किसानों को फायदा होगा. इस स्कीम से छोटे और सीमांत किसान खेती-बाड़ी से जुड़ी अपनी जरूरतें पूरी करते हैं. इससे उनकी फसल अच्छी रहती है, जिससे उन्हें ज्यादा आमदनी होती है. इसके अलावा उन्हें सूदखोरों से पैसा लेने की जरूरत भी नहीं पड़ती है
4. पीएम किसान योजना किसी तारीख को लागू हुई थी?
पीएम-किसान योजना की वेबसाइट के मुताबिक, यह योजना 1 दिसंबर, 2018 से लागू है. इस योजना में राज्य सरकारें और केंद्र-शासित प्रदेश किसान परिवारों की पहचान करते हैं. उन्हीं किसान परिवार को चुना जाता है जो योजना के लाभ से जुड़ी शर्तें पूरी करते हैं.
5. किन किसान परिवारों को इस योजना का लाभ नहीं मिलता है?
पीएम-किसान योजना का लाभ निम्नलिखित स्थितियों में नहीं मिलता है:
1.अगर परिवार का सदस्य संवैधानिक पद पर हो या रह चुका हो.
2. सरकार में वर्तमान या पूर्व मंत्री, राज्य सभा या लोकसभा का सदस्य, नगर निगम के वर्तमान या पूर्व मेयर आदि.
3. केंद्र या राज्य सरकार के वर्तमान या पूर्व अफसर और कर्मचारी.
4. ऐसे सभी रिटायर्ड कर्मचारी जिन्हें मासिक 10,000 रुपये से ज्यादा पेंशन मिलती हो.
5. डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट जैसे पेशेवर