सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : दिव्यांग खास बात ये है कि एलईडी बल्ब को रिसाइकिल (recycled) किया जा सकता है. एलईडी में सीएफएल (CFL) बल्बों की तरह पारा (mercury) नहीं होता है, लेकिन इसमें लेड (lead) और निकल (Nickel) जैसे घटक शामिल होते है. एलईडी (LED) बल्ब सीएफएल की तुलना में कम बिजली खपत करता है. CFL से एक वर्ष में करीबन 80% की ऊर्जा लागत होती है. LED बल्ब सीएफएल की तुलना में महंगा होता है.एक LED बल्ब की लाइफ आमतौर पर 50000 घंटे या अधिक होती है जबकि सीएफएल CFL बल्ब की 8000 घंटे तक ही होती है. एलईडी बल्ब टिकाऊ और लंबे समय तक चलता है. ऐसे में, अगर आप अपना बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो LED बल्ब का बिजनेस शुरू कर सकते हैं. मिनिस्ट्री ऑफ माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज के तहत कई संस्थान एलईडी बल्ब बनाने की ट्रेनिंग दे रहे हैं. दिल्ली के पश्चिम विहार स्थित भारती विद्यापीठ डीम्ड यूनिवर्सिटी एलईडी बल्ब बनाने का एक कोर्स करवाती है. करीब 5000 रुपये इस कोर्स की फीस रखी गई है. यहां आपको एलईडी के बारे में हर बारीक से बारीक जानकारी दी जाएगी और एलईडी बनाने के तरीकों के बारे में बताया जाएगा.एलईडी बल्ब बनाने की ट्रेनिंग के दौरान आपको बेसिक आफ एलईडी, बेसिक ऑफ पीसीबी, एलईडी ड्राइवर, फिटिंग-टेस्टिंग, मैटेरियल की खरीद, मार्केटिंग, सरकारी सब्सिडी स्कीम आदि के बारे में बताया जाएगा.अगर आप ट्रेनिंग लेकर एलईडी बल्ब बनाने का खुद का बिजनेस शुरु करना चाहते हैं
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