सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : बैंक खातों में आम लोगों के पैसों को सेफ रखने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 5 दिन में दूसरा बड़ा फैसला लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक (Modi Government Cabinet Decision) में लिए गए फैसले के मुताबिक, अब RBI ही देश के को-ऑपरेटिव बैंकों को रेग्युलेट करेगी.
आपको बता दें कि हाल ही में सामने आए पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक संकट (PMC Bank Crisis) के बाद सरकार को ऐसा कदम उठाना पड़ा. इसके अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने बैंकों में जमा रकम के लिए डिपॉजिट इंश्योरेंस (Deposit Insurance) की लिमिट को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का ऐलान किया था. अगर कोई बैंक किसी भी वजह से दिवालिया होता है तो उस बैंक में जमाकर्ताओं को उनकी रकम पर 1 लाख की जगह 5 लाख रुपये का बीमा मिलेगा.
एक हफ्ते में हुए दो बड़े फैसले- प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि डिपॉजिटर्स (बैंक खाते में पैसा जमा कराने वाले) के लिए एक हफ्ते में दो बड़े कदम उठाए हैं. पहला को-ऑपरेटिव बैंक को अब RBI रेग्युलेट करेगा. इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा. वहीं, बजट में डिपॉजिट इंश्योरेंस (Deposit Insurance) की लिमिट को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का ऐलान किया गया है. इस फैसले से 99 फीसदी डिपॉजिटर्स को फायदा होगा.
देशभर करीब 1540 सहकारी यानी को-ऑपरेटिव बैंक हैं. इससे पहले आरबीआई निजी और सरकारी नियंत्रित बैंकों को रेग्युलेट करता था.
अब क्या होगा- केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि अब देश के सभी को-ऑपरेटिव बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) की निगरानी में काम-काज करेंगे. इसके लिए बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट (Banking Regulation Act) में संशोधन होगा. साथ ही, इन बैंकों में नियुक्ति से लेकर कॉरपोरेट गवर्नेन्स स्ट्रक्चर में बदलाव भी होगा. इसको लेकर RBI की गाइडलाइंस आएंगी.