वैसे दिव्यांग जो पैरालाइसिस के शिकार हैं उन्हें मिलेगी मदद बैंकिंग ट्रांजैक्शन में बड़ा बदलाव: अब ओटीपी की जरूरत खत्म, आंख की पुतली से होगी लेन-देन

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : दिव्यांग लोगों को भी मिलेगा विशेष फायदा देश में आने वाले दिनों में ओटीपी की जगह आंखों की पुतली के जरिए बैंकिंग लेन देन की प्रक्रिया को अंजाम दिया जाएगा। बड़े पैमाने पर हो रहे साइबर और बैंकिंग अपराधों के चलते इस नई व्यवस्था पर तेजी से काम किया जा रहा है।

नेशनल साइबर सिक्योरिटी को-ऑर्डिनेटर लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) राजेश पंत  को बताया है मास्टर कार्ड, वीजा और नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया समेत पेमेंट सेवा देने वाली कंपनियों को इस बारे में निर्देश दे दिए गए हैं। उन्होंने ये भी बताया है कि कंपनियों ने विश्व के विकसित देशों में इस्तेमाल की जा रही इस तकनीक पर देश में काम शुरू कर दिया है।

राजेश पंत के मुताबिक देश में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर नई तकनीक की व्यवहारिकता पर तेजी से काम किया जा रहा है। एक साल के भीतर ये कंपनियां इस प्रयोग के नतीजों पर अपनी रिपोर्ट पेश करेंगी जिससे बाद 2021 से देश भर में इस व्यवस्था को शुरू किया जा सकेगा।

कैसी होगी तकनीक
नई तकनीक का पूरा फोकस ओटीपी की जगह व्यक्ति के चेहरे और आंख की पुतली पर रहेगा। इसके जरिए खाताधारक के चेहरे का मोबाइल या कम्प्यूटर के कैमरे के जरिए मिलान किया जाएगा साथ ही आधार की तर्ज पर आंख की पुतली का भी मिलान करने वाली व्यवस्था शुरू की जाएगी। यही नहीं जिस जगह से व्यक्ति लेनदेन कर रहा होगा वहां की लोकेशन यानि जियोटैगिंग भी अनिवार्य होगी ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि खाताधारक ने कहां से लेनदेन किया है। साथ ही आधार की तरह शुरुआती दौर में इसे इंटरनेट बैंकिंग के लिए ही रखा जाएगा बाद में एटीएम में भी लागू किए जाने की योजना है।

आंकड़ों के मुताबिक देश में डिजिटल लेनदेन सालाना करीब 15 फीसदी की रफ्तार से बढ़ रह है। वहीं अगले 4 सालों में मोबाइल वैलेट लेन देन में करीब 50 फीसदी से ज्यादा बढ़त का अनुमान लगाया जा रहा है। ऐसे में देश में साइबर खतरा भी उसी अनुपात में बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

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