बिहार के मुखिया जी नहीं दे रहे हैं सम्पत्ति का ब्यौरा,300 पंचायत प्रतिनिधियों पर केस दर्ज मानवता की बात करें तो दिव्यांगों को भी कर रहे हैं काफी परेशान

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : बिहार सरकार के लोकायुक्त के आदेश के बाद भी प्रदेश के सभी त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि अपनी चल अचल संपत्ति का ब्यौरा नहीं दे रहे हैं। गौरतलब है कि लोकायुक्त ने 2020में ही भ्रष्टाचार की शिकायत आने के बाद पंचायत प्रतिनिधियों को चल व अचल संपत्ति का ब्यौरा देना अनिवार्य कर दिया था। दिव्यांग सेेे कहते हैं कि दिव्यांग अधिनियम 2016 किस चिड़िया का नाम है हमें पताा नहीं दिव्यांग लोग ही पढ़ें दिव्यांग अधिनियम हम तो पालन नहीं करेंगे खुलेआम संविधान मौलिक अधिकार का उल्लंघन कर रहेे हैं यह प्रतिनिधि

50 प्रतिशत पंचायत प्रतिनिधियों ने नहीं दिया है संपति का ब्यौरा
पिछले साल जारी लोकायुक्त के निर्देश के बाद पंचायत प्रतिनिधियों को चल अचल संपत्ति की घोषणा करना अनिवार्य हो गया था। पंचायती राज विभाग के अनुसार 31 दिसंबर 2020 तक ही संपत्ति की घोषणा करने को कहा गया था ।लेकिन अभी तक 50% पंचायत प्रतिनिधियों ने संपत्ति का सही व पूरा ब्यौरा नहीं दिया है। वहीं सूत्रों की माने तो 50% पंचायत प्रतिनिधियों ने संपत्ति का सही बार पूरा ब्यौरा पंचायती राज विभाग को दे दिया है ।बताया जा रहा है कि कई जिलों में संपत्ति का ब्यौरा देने वालों की संख्या अच्छी है।  पंचायत प्रतिनिधियों की एक बड़ी संख्या संपत्ति का ब्यौरा अभी तक नहीं दे पाया है।

300 पंचायत प्रतिनिधियों पर हो चुका है केस दर्ज
बता दें कि भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद ही चल अचल संपत्ति का ब्यौरा देना अनिवार्य किया गया था। गौरतलब है की 2006 से लेकर 2020 तक 300 पंचायत प्रतिनिधियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत पाए जाने के बाद प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है। तकरीबन 100 मामले निगरानी थाने में दर्ज हैं। वहीं निगरानी ब्यूरो ने 69 मामलों में चार्जशीट भी दायर किया है।

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