क्यों MRP से ज्‍यादा पानी के दाम वसूल सकते हैं होटल और रेस्‍टोरेंट मालिक

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार :लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट की धारा-36 में कहा गया है कि यदि किसी व्यक्ति को प्री-पैकेज्ड प्रॉडक्ट पर छपी हुई कीमत से ज्यादा की कीमत पर बेचते, बांटते या डिलीवर करते पाया गया, तो उसके इस पहले अपराध के लिए उसपर 25,000 रुपये का जुर्माना लगेगा.रेल में सफर करते वक्त हो या फिर हवाई यात्रा के दौरान, सिनेमा हॉल या अन्य कई जगहों पर अक्सर हम पानी या अन्य सामानों को खरीदते वक्त उसे दाम यानी एमआरपी जरूर चेक करते है. लेकिन दुकानदार कई बार नियमों के खिलाफ जाकर जगह के हिसाब से ग्राहक की मजबूरी का फायदा उठाते हैं. लेकिन होटल और रेस्‍टोरेंट मालिक MRP से ज्यादा दाम वसूल सकते हैं. दरअसल होटल और रेस्‍टोरेंट में पैकेज्‍ड पानी और कोल्ड ड्रिंक्‍स की बिक्री अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) से अधिक दामों पर बेचने से रोकने के सरकार के फैसले को सु्प्रीम कोर्ट ने साल 2017 फैसला सुनाते हुए कहा था कि होटलों और रेस्‍टोरेंट को इस तरह से नहीं रोक सकता क्‍योंकि होटल और रेस्‍टोरेंट मालिकों ने लोगों को बैठने के लिए जो जगह दी है उसके लिए उन्‍होंने खर्च किए हैं.आइए जानें अब क्या है सरकार की प्लानिंग- केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने संसद को बताया कि सरकार बोतलबंद पानी और पैकिंग किए हुए खाद्य पदार्थों को एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) से महंगे दामों पर बेचे जाने के मामलों को गंभीरता से देख रही है.उन्होंने यह भी कहा था कि सरकार लीगल मेट्रोलॉजी कानून 2009 में संशोधन करेगी. उन्होंने संसद को एक सवाल के जवाब में बताया कि इन पर कड़ी कार्रवाई के लिए कदम भी उठाए थे लेकिन मामले अदालत में चले जाते हैं. इसीलिए अब सरकार ने सोचा है कि लीगल मेट्रोलॉजी कानून में संशोधन किया जाए. लेकिन इसके बाद लोग फिर भी अदालत में जा सकते हैं.साल 2017 में आया था सुप्रीम कोर्ट का फैसला- जस्टिस रोहिंटन एफ नरीमन ने कहा था कि  कोर्ट रेस्‍टोरेंट और होटलों को दाम एक रखने के लिए बाध्‍य नहीं है. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि अब रेस्टोरेंट, होटल और मल्टीप्लेक्सों में मिनरल वॉटर की बोतल पर छपी कीमत से ज्यादा रकम वसूलने पर मैनेजमेंट प्रशासन को जेल और जुर्माने की सजा हो सकती है.सरकार का कहना है कि छपी कीमत से ज्यादा पैसे वसूल करना उपभोक्ता के अधिकारों का हनन है, यहां तक कि ये टैक्स चोरी को बढ़ावा देता है.क्‍या है लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट-लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट की धारा-36 में कहा गया है कि यदि किसी व्यक्ति को प्री-पैकेज्ड प्रॉडक्ट पर छपी हुई कीमत से ज्यादा की कीमत पर बेचते, बांटते या डिलीवर करते पाया गया, तो उसके इस पहले अपराध के लिए उसपर 25,000 रुपये का जुर्माना लगेगा.अगर उसने दोबारा ये अपराध किया तो उसे 50,000 रुपये के जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है. लेकिन अगर उसने ऐसा करना जारी रखा तो उसे 1 लाख का जुर्माना या एक साल जेल या दोनों हो सकता है.

Check Also

कितने मानव अंगों का प्रत्यारोपण किया जा सकता है?

🔊 Listen to this सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय अंग एवं …