सामाजिक सुरक्षा दिवस मैं दिव्यांगों के लिए खास

सर्वप्रथम न्यूज़  सौरभ कुमार : समाजिक सुरक्षा दिवस पर दिव्यांगों की भूमिका वह सुरक्षा जो समाज, उचित संगठनों क माध्यम से अपने सदस्यों के साथ घटित होने वाली कुछ घटनाओं और जोखिमों से बचाव के लिए प्रस्तुत करता है, सामाजिक सुरक्षा (Social security) है। ये जोखिम रोग मातृत्व(disability), वृद्धावस्था दिव्यांगता तथा मृत्यु हैं। इन संदिग्धताओं की यह विशेषता होती है कि व्यक्ति को अपना तथा अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए नियोक्ताओं द्वारा सुरक्षा प्रदान की जाये।

इस परिभाषा के अनुसार सरकारी नीति में कई सुरक्षात्मक कार्य सम्मिलित होन चाहिए। ऐसी सभी योजनाओं को सामाजिक सुरक्षा में लिया जाना चाहिए जो कर्मचारी को बीमारी के समय आश्वस्त कर सके अथवा जब श्रमिक कमाने योग्य न हो तो उस लाभान्वित कर सकें तथा उसे पुनः कार्य पर लगाने में सहायक हों।

विलियम के अनुसार, ‘‘सामाजिक सुरक्षा योजना एक सामाजिक बीमा योजना है जो व्यक्ति को संकट के समय अथवा उस समय, जब उसकी कमाई कम हा जाय, तथा जन्म, मृत्यु या विवाह में होने वाले अतिरिक्त व्यय की पूर्ति के लिए लाभान्वित करती है।‘‘

इस प्रकार सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम से आशय यह है कि उससे व्यक्ति को जीवन में कुछ जोखिमों तथा आकस्मिक घटनाओं के भार से सुरक्षा मिलती है। जो भार वह स्वयं वहन करने में असमर्थ होता है, सामाजिक सुरक्षा योजना के माध्यम से वहन कर सकता है। हानि की मात्रा एक प्रकार से समाज के कई लोगों में बंट जाती है। सामान्य तौर से सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों में निजी स्तर पर किये गये सुरक्षा कार्य सम्मिलित नही किये जाते।

भारत में सामाजिक सुरक्षा

भारत में सामाजिक सम्बन्धी सुविधाएं देने के लिए ये अधिनियम बनाये गये हैं :

(1) कर्मचारी प्रीविडेण्ट फण्ड अधिनियम, 1952
(2) कोयला खान भविष्य निधि एवं विविध उपबन्ध अधिनियम, 1948
(3) श्रमिक क्षतिपूर्ति संशोधित, 1984
(4) प्रसूति लाभ अधिनियम, 1961
(5) राज्य बीमा संशोधित अधिनियम, 1984
(6) कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध व्यवस्थाएं अधिनियम, 1952
(7) वृद्धावस्था पेन्शन योजना दिव्यांग पेंशन योजना
(8) अनुग्रह भुगतान संशोधित अधिनियम, 1984
(9) सामाजिक सुरक्षा सर्टीफिकेट, 1982
(10) कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948 आदि।

Check Also

दिव्यांग अब ‘साथी’ के सहारे बनेंगे इंजीनियर-डॉक्टर।

🔊 Listen to this सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार :दिव्यांग अब ‘साथी’ के सहारे बनेंगे इंजीनियर-डॉक्टर, …