सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : धारा 31 [1] में कहा गया है कि बेंचमार्क दिव्यांगता वाले प्रत्येक बच्चे को पड़ोस के स्कूल में या उसकी पसंद के विशेष स्कूल में मुफ्त शिक्षा का अधिकार होगा भारत का कोई भी स्कूल 5% दिव्यांग बच्चों को प्रत्येक सत्र में लेना अनिवार्य अगर कोई दिव्यांग बच्चा किसी विद्यालय में पढ़ना चाहता और वह उसके घर के नजदीक है और वहां पर 5% दिव्यांग छात्र को नहीं लिया गया है उस विद्यालय में जहां दिव्यांग छात्र पढ़ना चाहते हैं तो हर हालत में दिव्यांग छात्र को उस निजी स्कूल को लेना होगा नहीं तो नहीं लेने पर और दोषी करार होने पर उन पर दिव्यांग अधिनियम 2016 के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी साथ ही साथ अगर वह बच्चा आर्थिक रूप से कमजोर है तो उन्हें स्कूल फी में भी छूट का प्रावधान इसके कारण स्कूल उनका नामांकन लेने से इंकार नहीं कर सकते यह खुले रूप से दिव्यांग अधिनियम 2016 में दिव्यांग के शिक्षा के अधिकार में वर्णित है उनका नामांकन समावेशी शिक्षा के चाहत होगा दिव्यांग 21वीं सदी का नारा नॉलेज इज द पावर से जोड़ने का एक अद्भुत उदाहरण दिव्यांग अधिनियम 2016 मैं दिखता है ।
