सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : दिव्यांगों के लिए मनोविज्ञान और परामर्श सेवाएँ (नैदानिक और शैक्षिक) मनोवैज्ञानिक मानव मन और मानव व्यवहार का अध्ययन करते हैं। मनोवैज्ञानिक मानव व्यवहार के भौतिक, संज्ञानात्मक, भावनात्मक या सामाजिक पहलुओं की जांच करते हैं। नैदानिक मनोवैज्ञानिक अक्सर रोगियों का साक्षात्कार करते हैं और नैदानिक परीक्षण देते हैं। वे व्यक्तिगत, पारिवारिक या समूह मनोचिकित्सा प्रदान कर सकते हैं और व्यवहार संशोधन कार्यक्रमों को डिजाइन और कार्यान्वित कर सकते हैं। योग्यता मनोविज्ञान के क्षेत्र में मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम हैं। भारत में मनोविज्ञान विज्ञान में बीएससी और एमएससी कार्यक्रमों की पेशकश करने वाले कई संस्थान हैं। बैचलर्स प्रोग्राम 3 साल की अवधि का होता है। मास्टर्स कार्यक्रम 2 साल की अवधि का है। केवल ऐसे व्यक्ति, जिन्होंने या तो इन दोनों पाठ्यक्रमों को पूरा किया है, मनोवैज्ञानिक कहलाने के पात्र हैं। उनमें से कई विशिष्ट क्षेत्रों में अपने पीएचडी कार्यक्रमों को पूरा करते हैं।
Sarvpratham News Latest Online Breaking News
