सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : भारत में साल 1934 को जन्मे वेद मेहता ने अपने जन्म के तीन साल बाद ही आंखों की रोशनी खो दी थी. हालांकि उन्होंने अपनी साहित्य से जुड़ी कला और करियर को ऊंचे मुकाम तक लाने के लिए कभी भी अपनी कमियों को आड़े नहीं आने दिया. उन्होंने अपने साहित्य के जरिए अपने आसपास की दुनिया को बेहतरी से समझाने के प्रयास किए उनकी लिखी एक बात थी, ‘मुझे ऐसा महसूस होता था कि दष्टिहीनता एक गंभीर बाधा है, और मैं केवल प्रयास करता था, वो सब जो मेरी बड़ी बहनें और भाई करते थे. मैं किसी भी तरह उनके जैसा हो सकता था.’ मेहता की 24 किताबों में वॉल्किंग द इंडियन स्ट्रीट्स (1960), पोट्रेट ऑफ इंडिया (1970) और महात्मा गांधी एंड हिस एपोस्टल्स शामिल हैं.वह सबसे ज्यादा 12-वॉल्यूम मेमोयर के लिए जाने जाते हैं, जिसमें आधुनिक भारत के मुश्किल भरे इतिहास और दृष्टिहीनता के कारण शुरुआती जीवन में उन्हें होने वाली मुश्किलों पर ध्यान दिया गया है.वेद मेहता की आत्मकथा कृतियों 12-वॉल्यूम सीरीज में ‘डैडीजी’ पहली है. न्यू यॉर्क टाइम्स से बातचीत में साल 1982 में न्यूयॉर्कर के स्टोरी एडिटर विलियम शॉन ने कहा था, ‘वेद मेहता ने मैग्जीन के सबसे प्रमुख लेखक के तौर पर अपनी पहचान बनाई है.’ बता दें विलियम शॉन वही हैं, जिन्होंने 1961 में वेद मेहता को स्टाफ राइटर के तौर पर नियुक्त किया था.मेहता ने कई सारी किताबें लिखने को लेकर एक साक्षात्कार में कहा था कि लेखक आंशिक रूप से अकेलेपन का परिणाम है. उनकी रचनाओं में फ्लाई एंड द फ्लाई बॉटल: एनकाउंटर विद ब्रिटिश इंटेलेक्चुअल, ए फैमिली अफेयर: इंडिया अंडर थ्री प्राइम मिनिस्टर, ए वेद मेहता रीडर: द क्राफ्ट ऑफ द निबंध अन्य हैं. इन्हें पाठकों की ओर से खूब पसंद किया गया है.मेहता महज 15 साल की उम्र में अमेरिका आए थे और यहां उन्होंने लिटिल रॉक में स्थित अर्कांसस स्कूल फॉर द ब्लाइंड में दाखिला लिया. पोमोना कॉलेज और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने एक लेखक के तौर पर काम करना शुरू किया. मैग्जीन से वह 26 साल की उम्र में जुड़े. उन्होंने भारतीय राजनीति, ऑक्सफोर्ड डॉन्स, धर्मशास्त्र सहित कई अन्य विषयों पर लेख लिखे हैं. भारत में जन्मी अभिनेत्री और कुकबुक लेखिका मधुर जैफरी ने एक बार न्यू यॉर्क टाइम्स के मॉरीन दौद से मेहता से अपनी पहली मुलाकात को लेकर कहा था, ‘मैं मदद के लिए उन्हें पकड़ने की कोशिश कर रही थी लेकिन उन्होंने मुझे खिसकने को कहा और तभी से हम दोस्त हैं
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