सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : महिला प्रतिनिधि अपनी जगह किसी पुरुष को नहीं कर सकेंगी अधिकृत किसी भी सरकारी बैठक में मुखिया पति व सरपंच पति नहीं होंगे शामिल पंचायती राज पंचायती राज के किसी भी बैठक में अब मुखिया पति (एमपी) और सरपंच पति (एसपी) शामिल नहीं होग, इसके साथ ही पंचायती राज संस्थाओं में निर्वाचित महिला प्रतिनिधि अपने पति या किसी पुरुष प्रतिनिधि को बैठक में शामिल होने के लिए अधिकृत नहीं का सकती हैं. पंचायत आम निर्वाचन में त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं में एक लाख 10 हजार से अधिक महिला जनप्रतिनिधि निर्वाचित हुई हैं. इन सभी प्रतिनिधियों को खुद स्थानीय सरकार की बैठकों में शामिल होना होगा, वह अपनी जगह किसी और पुरुष को अधिकृत नहीं कर सकेंगी, पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने इसको लेकर स्पष्ट निर्देश जारी किया है. इसमें पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वार्ड सभा ग्रामसभा से लेकर किसी भी स्तर पर विकास कार्यों को लेकर आयोजित बैठकों में निर्वाचित महिला प्रतिनिधि को ही शामिल होना होगा,पंचायती राज संस्थाओं में 1.10 लाख से अधिक महिला जनप्रतिनिधि निर्वाचित हुई हैं कोरोना महामारी की वजह से फिलहाल बैठकों पर रोक लगा दी गयी है। पंचायती राज मंत्री ने पदाधिकारियों को सख्ती बरतने का आदेश दिया उन्होंने कहा कि समय-समय पर अभ्यावेदन प्राप्त होते हैं कि त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं की बैठक में महिलाएं स्वयं भाग न लेकर अपने प्रति प्रतिनिधि अथवा संबंधी के माध्यम से उपस्थिति दर्ज कराती है, विभाग ऐसी लापरवाही स्वीकार नहीं करेगा. नवगठित स्थानीय सरकार में हर हाल में महिला जनप्रतिनिधि की बैठक में उपस्थिति दर्ज कराने की जिम्मेदारी सभी पदाधिकारी को दी गयी है. इसका कड़ाई से पालन करने का निर्देश भी दिया गया है.इसके पहले 15 जनवरी तक हर हाल में नवगठित वार्ड क्रियान्वयन और प्रबंधन समिति की बैठक का निर्देश दिया था. कोरोना के कारण बैठकों पर रोक लगा दी गयी है अब नये सिरे से त्रिस्तरीय पंचायत संस्थाओं और ग्राम कचहरियों के निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधि स्वयं के बजाय किसी पुरुष मनोनीत करने पर रोक लगाने का निर्देश दिया है. 8067 ग्राम पंचायतों के मुखिया, एक लाख नौ हजार वार्ड सदस्य, 534 पंचायत समिति और 38 जिला पार्षद के अलावा एक लाख नौ हजार पंच और 8067 सरपंच में आधे से अधिक पदों बैठकों में निर्वाचित महिला प्रतिनिधि को ही शामिल होना होगा1.9 लाख से अधिक वार्ड क्रियान्वयन व प्रबंधन समिति का गठन निर्वाचन के बाद पंचायती राज विभाग ने राज्य के एक लाख नौ हजार से अधिक वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति का गठन किया है, इसके माध्यम से बाड़ों में वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति द्वारा अपने क्षेत्र की योजनाओं का चयन करना है, वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति की मुख्य जिम्मेदारी हर घर तक नल का जल पहुंचाने की है, साथ ही पक्की नाली गली की योजना भी वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति को करना है. सितंबर से लेकर अभी तक पंचायत आम चुनाव के कारण पंचायतो का सामान्य कार्य जिसमे नियोजन से लेकर वार्ड सभा की बैठक, ग्राम पंचायत की आमसभा बुलाना और नयी योजनाएं के चयन की गति धीमी पड़ गयी थी. अब कोरोना के बाद वार्ड से लेकर ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला पर्षद के द्वारा विकास की योजनाओं के चयन से लेकर उसका क्रियान्वयन किया जाना है.पर महिला प्रतिनिधि निर्वाचित है. इसके अलावा प्रमुख और जिला पर्षद अध्यक्ष के पद पर भी महिला निर्वाचित हुई है।
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