प्रतियोगी परीक्षाओं में दिव्यांग जनों के सहयोगियों (श्रुतिलेखक) को अब सौ की जगह पांच सौ रुपये मिलेंगे।

प्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : प्रतियोगी परीक्षाओं में दिव्यांग जनों के सहयोगियों (श्रुतिलेखक) को अब सौ की जगह पांच सौ रुपये मिलेंगे। अगर परीक्षा लगातार दो पालियों में होगी तो दोनों पाली के आठ सौ रुपये दिए जाएंगे। एक पाली के लिए सौ रुपये की पारिश्रमिक का निर्धारण 2007 में हुआ था। इसे पुनरीक्षित कर पांच सौ रुपये कर दिया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग की यह अधिसूचना विभागीय प्रधानों के अलावा प्रमंडलीय आयुक्तों, जिलाधिकारियों एवं प्रतियोगी परीक्षा आयोजित करने वाले सभी संस्थाओं को भेज दी गई है। परीक्षा में सहयोगी रखने की सुविधा नेत्रहीन या दृष्टिबाधित अभ्यर्थियों को दी जाती है। स्थायी रूप से हाथ नहीं रहने या सेरेब्रल पाल्सी के ग्रसित अभ्यर्थी भी सहयोगी रखते हैं। इस श्रेणी के अभ्यर्थियों को परीक्षा में प्रति घंटा 15 मिनट का अतिरिक्त समय दिया जाता है। यही परीक्षा एक घंटे से अधिक समय तक होती है, उस हालत में प्रति घंटा 15 मिनट का अतिरिक्त समय दिया जाता है, लेकिन एक पाली में अधिकतम 45 मिनट का ही अतिरिक्त समय दिया जाएगा। अगर परीक्षा एक घंटे से कम समय हो तो अतिरिक्त समय का निर्धारण अनुपातिक विधि से होगा, लेकिन पांच मिनट से कम नहीं होगा। परीक्षा में सहयोगी रखने की सुविधा नेत्रहीन या दृष्टिबाधित अभ्यर्थियों को दी जाती है। स्थायी रूप से हाथ नहीं रहने या सेरेब्रल पाल्सी के ग्रसित अभ्यर्थी भी सहयोगी रखते हैं। इस श्रेणी के अभ्यर्थियों को परीक्षा में प्रति घंटा 15 मिनट का अतिरिक्त समय दिया जाता है। यही परीक्षा एक घंटे से अधिक समय तक होती है, उस हालत में प्रति घंटा 15 मिनट का अतिरिक्त समय दिया जाता है, लेकिन एक पाली में अधिकतम 45 मिनट का ही अतिरिक्त समय दिया जाएगा। अगर परीक्षा एक घंटे से कम समय हो तो अतिरिक्त समय का निर्धारण अनुपातिक विधि से होगा, लेकिन पांच मिनट से कम नहीं होगा।

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