सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी की ओर से दिव्यांग छात्रों के लिए गाइडलाइन जारी की गई है. जारी नोटिस के अनुसार पठन-पाठन के आयामों पर छात्रों को राहत दी गई है. जारी गाइडलाइंस में दिव्यांग छात्रों को एक बार में एक या अधिक ऑप्शनल कोर्स का उपयोग करके क्रेडिट हासिल करने की अनुमति दिए जाने का प्रस्ताव किया गया है. आयोग ने सभी पक्षकारों से दिशानिर्देश पर UGC के निगरानी पोर्टल पर 25 अक्तूबर तक सुझाव मांगे गए हैं.नोटिस में कहा गया है कि च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम यानी CBCS से छात्र अपनी पसंद के एक से ज्यादा कोर्स कर सकते हैं. सीबीसीएस एक शैक्षिक मॉडल है जो छात्रों को अपनी पसंद के पाठ्यक्रम और विषयों को चुनने की पेशकश करता है. कोर, वैकल्पिक पाठ्यक्रम, खुले या वैश्विक ऐच्छिक और कौशल-आधारित पाठ्यक्रम. यह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा पेश किया गया था.राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में अकादमिक क्रेडिट बैंक की संकल्पना की गई है. इसके अनुसार छात्र एक संस्थान से दूसरे संस्थान में सुगमता से जाएं और पढ़ाई करें. साथ ही यह उपयुक्त क्रेडिट ट्रांसफर सिस्टम के जरिए एक कार्यक्रम से दूसरे कार्यक्रम में भी हो सके.नई गाइडलाइंस के अनुसार, दिव्यांग छात्रों को अकादमिक क्रेडिट बैंक की सुविधा देने के लिए प्रदान करने के लिए उच्च शिक्षण संस्थान कई कदम उठा सकते हैं. इसमें दिव्यांग छात्रों को एक बार में एक या अधिक वैकल्पिक कोर्स का उपयोग करके क्रेडिट हासिल करने की अनुमति दी जा सकती है.यूजीसी की ओर से उच्च शिक्षण संस्थाओं यानी HEI के लिए नए नियम तैयार किए गए हैं. इसमें-
- उच्च शिक्षण संस्थाओं के परिसरों में पैदल पथ से जुड़ी बुनियादी सुविधाओं का सृजन करने को कहा गया है.
- परिसर में दो-तरफा आवाजाही के लिये पैदल पथ का निर्माण करने को कहा गया है जिसकी सतह ठोस और फिसलन मुक्त हो .
- परिसर में सड़क के इर्द गिर्द बैठने की व्यवस्था, समपार और पर्याप्त रौशनी की व्यवस्था होनी चाहिए .
- परिसर में सड़कों के साथ ही 30 मीटर पर बैठने की उचित व्यवस्था हो और इससे पैदल चलने वालों की आवाजाही बाधित नहीं होती हो.
- परिसर में नौवहन सुविधा के लिए जीपीएस मैपिंग एवं ब्लूटूथ प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराई जा सकती है.
- इसमें कहा गया है कि परिसर में इलेक्ट्रानिक एवं डिजिटल संकेतक प्रणाली लगाई जा सकती है.
- UGC Guidelines में कहा गया है कि सभी छात्रों को इलेक्ट्रानिक माध्यम से पाठ्यक्रम से जुड़ी चीजें उपलब्ध कराई जाएं.