सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : सीबीएसई: 1156 स्कूलों में से 978 में नहीं हैं दिव्यांगों के लिए रैंप व व्हीलचेयर पटना, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के कई स्कूलों में दिव्यांग छात्रों की सुविधा का ख्याल नहीं रखा गया है। बिहार की बात करें तो सीबीएसई से मान्यता प्राप्त 1156 स्कूल है। इसमें 978 स्कूल ऐसे हैं, जहां पर दिव्यांग छात्रों के लिए ना तो रैंप की व्यवस्था और ना ही व्हीलचेयर है। अब इन स्कूलों को सीबीएसई की ओर से नोटिस भेजा जा रहा है। बोर्ड की मानें तो संबद्धता उपनियम 2018 में प्रावधान है कि स्कूल शौचालय में रैंप, व्हीलचेयर, लिफ्ट और श्रवण संकेतों जैसी सुविधाएं प्रदान करेगा। लेकिन राज्य में सैकड़ों स्कूल ऐसे हैं, जहां पर दिव्यांग छात्रों को सुविधा नहीं दी जाती है। बता दें कि समग्र शिक्षा के तहत एक ही स्कूल में सामान्य छात्र के साथ ही दिव्यांग छात्र भी पढ़ेंगे। इस कारण सभी सामान्य सीबीएसई ने सभी स्कूलों को भेजा नोटिसस्कूलों में दिव्यांग छात्रों की सुविधा मिलेगी, तभी वह नामांकन लेंगे। सभी स्कूलों को इसका ख्याल रखना होगा। नई शिक्षा नीति में दिव्यांग छात्रों के लिए विशेष सुविधा देना अनिवार्य है। ग्लेंडा गल्स्टॅन सिटी को-ऑडिनेटर, सीबीएसई स्कूल में ही दिव्यांग छात्रों का नामांकन लिया जाएगा। इसके लिए सभी निजी स्कूलों को दिव्यांग छात्रों के लिए सारी सुविधाओं देने का निर्देश दिया गया था। पर आधे से अधिक निजी स्कूलों ने 2018 से लेकर अब तक कोई सुविधा नहीं दी है। सीबीएसई ने जांच की तो पता चला कि स्कूलों ने दिव्यांग छात्रों के लिए ना तो रैंप लगाया है और ना ही। स्कूलों में यह सुविधाएं हों स्कूल में प्रवेश या निकास बिंदुओं पर रैंप की सुविधा • प्रयोगशाला, पुस्तकालय और सह पाठ्यक्रम गतिविधियां दिव्यांग छात्रों के अनुसार हो • स्कूल के सभी तलों पर रैंप या लिफ्ट की सुविधा हो, जिससे बच्चे हर गतविधि में शामिल हो हर कोटि के दिव्यांग छात्रों को उनके अनुसार ही सुविधा मिलनी चाहिए • दिव्यांग छात्रों के अनुसार ही बेंच और डेस्क होना चाहिएव्ही लचेयर की व्यवस्था की है। यहां तक कि बच्चे स्कूल आएंगे तो वहां ना तो रैंप है और ना ही इंडीकेटर दिया है, जिससे बच्चे आराम से स्कूल के अंदर जा सके। स्कूलों में सुविधा नहीं होने के कारण दिव्यांग बच्चे नामांकन नहीं लेते हैं। या स्कूल में दाखिला लेते भी है तो सुविधा नहीं मिलने के कारण ड्रॉपआउट हो जाते हैं।
