सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : नेत्रहीन, बधिर और गूंगा शब्दों का प्रतिस्थापन IRCA कोचिंग टैरिफ नंबर 26 भाग-I (Vol.II) के अनुसार पूरी तरह से नेत्रहीन व्यक्तियों, बधिर और गूंगे व्यक्तियों (एक ही व्यक्ति में एक साथ दोनों कष्ट) के लिए रियायत स्वीकार्य है। 2. रेल मंत्रालय ने अब नियम संख्या 101, क्र.सं. में आने वाले निम्नलिखित शब्दों को बदलने का निर्णय लिया है। 9 (1) (2) (3), 28, और परिशिष्ट 1/45 आईआरसीए कोचिंग टैरिफ नंबर 26, भाग -1, खंड।।। विकलांगता की प्रकृति का वर्णन करने के लिए नए के साथ हालांकि, अन्य नियम और विनियम लागू होते हैं ‘विकलांग व्यक्तियों’ के लिए समान रहेगा प्रमाणपत्र के लिए संशोधित प्रोफार्मा इसके साथ संलग्न है। पुराने प्रोफार्मा में पहले से जारी प्रमाण पत्र वैधता अवधि की समाप्ति तक वैध रहेगा।3.इसे 01.02.2018 से लागू किया जाएगा।4. अन्य नियम और शर्तें समान रहेंगी।5. क्रिस, आईआरसीटीसी और जोनल रेलवे संशोधित प्रोफार्मा को अपनी वेबसाइट पर अपडेट कर सकते हैं। 6. असुविधा से बचने के लिए जोनल रेलवे संशोधित प्रोफार्मा प्रिंट कर सकते हैं और सभी स्थानों/स्टेशनों पर उपलब्ध करा सकते हैं। .सभी संबंधितों को आवश्यक निर्देश जारी किए जाएंगे भारत सरकार/ GOVERNMENT OF INDIA रेल मंत्रालय /MINISTRY OF RAILWAYS रेलवे बोर्ड / RAILWAY BOARD (2018 का वाणिज्यिक परिपत्र संख्या 04) सं.टीसी-11/2196/2016/बधिर एवं गूंगा नई दिल्ली, दिनांक 12.01.2018 प्रधान मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक, सभी क्षेत्रीय रेलें। प्रबंध निदेशक,क्रिस, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली। सीएमडी, आईआरसीटीसी, नई दिल्ली (शैली श्रीवास्तव) निदेशक यात्री विपणन रेलवे बोर्ड।
