सर्वप्रथम न्यूज सौरभ कुमर : बिहार में विश्व हीमोफीलिया दिवस मनाया जाता है। इस साल की थीम है विश्व के सभी हीमोफीलिया मरीजों को एक समान इलाज की सुविधा मिले। बिहार में निबंधित हीमोफीलिया मरीजों की संख्या 1900 है।आकलन है कि प्रत्येक 10 हजार की आबादी पर एक हीमोफीलिया पीड़ित है। बिहार में 13 करोड़ की आबादी पर 13 हजार से अधिक हीमोफीलिया मरीज होने का अनुमान है। बिहार में 2007 से हीमोफीलिया मरीजों के इलाज की सुविधा बेहतर की गई हैं। पटना के न्यू गार्डिनर अस्पताल में हीमोफीलिया मरीजों के इलाज के विशेष सेंटर है। अन्य मेडिकल कॉलेज अस्पताल और अन्य जिला अस्पतालों में आवश्यक दवा की उपलब्धता है। डॉ. अविनाश कुमार 10 हजार की आबादी पर एक के पीड़ित होने का अनुमान मरीजों को एक समान इलाज की सुविधा इस वर्ष की है थीम क्या हैं हीमोफीलिया यह आनुवांशिक बीमारी है। पीड़ित के शरीर में खून का थक्का नहीं जमता है। चोट व कटने की स्थिति में खून निकलना बंद नहीं होता है। पुरुष प्रभावित होते हैं। महिला कॅरियर होती हैं। सिंह के अनुसार हीमोफीलिया के मरीजों को चोट और कटने आदि से बचाव जरूरी है। हीमोफीलिया सोसाइटी के सचिव कुमार शैलेंद्र के अनुसार फिजियोथेरैपी की कमी से मरीज अपाहिज हो जाते हैं। मरीजों में जागरूकता जरूरी है।
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