सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : होमर यूनान के ऐसे प्राचीनतम कवियों में से हैं जिनकी रचनाएँ आज भी उपलब्ध हैं और जो बहुमत से यूरोप के सबसे महान कवि स्वीकार किए जाते हैं। वे अपने समय की सभ्यता तथा संस्कृति की अभिव्यक्ति का प्रबल माध्यम माने जाते हैं। अन्धे होने के बावजूद उन्होंने दो महाकाव्यों की रचना की इलियड और ओडिसी होमर (Homer) के प्राचीन यूनानी महाकाव्य के कवि है | उनके जीवन के विषय में कही से भी कोई प्रमाणिकजानकारी नही मिलती | उनका वास्तविक नाम मेलसगनीज था | इलियड तथा ओडिसी मौखिक परम्परा से चले आ रहे प्राचीन काव्य ग्रन्थ है | उन्हें किसी एक कवि ने तैयार किया था अथवा कवियों ने – यह विवाद का विषय रहा है | कुछ विद्वानों का मानना है कि इन्हें होमर ने तैयार किया था जबकि कुछ का यह मानना है कि यह कई कवियों के मस्तिष्क की देनहै | परवर्ती विद्वानों का मानना है कि ये महाकाव्य समय के साथ धीरे धीरे सामने आये | अत: ये कई पीढियों के कवियों कीसामूहिक देन है |होमर (Homer) का अध्ययन छात्रवृति के पुराने विषयों में से रहा है | यह सभी साहित्यिक उप-विषयों में से एक है इसका वार्षिक प्रकाशन शेक्सपियर के मुकाबले का होता है | बदलते समय के साथ होमर अध्ययन के उद्देश्यों एवंउपलब्धियों में भी अंतर आया है | पिछली कुछ सदियों से उन प्रक्रियाओ की चर्चा होती आयी है कि किस तरह होमर की कविताये अस्तित्व में आयी | बहुत से व्यक्तियों की धारणा है कि होमर ने यह सामग्री कथा-वाचन से ली और फिर उसेमहाकाव्यों में उतारा | इलियड में ट्राय राज्य के साथ ग्रीक लोगों के युद्ध का वर्णन है। इस महाकाव्य में ट्राय की विजय और ध्वंस की कहानी तथा यूनानी वीर एकलिस की वीरता की गाथाएँ हैं। होमर के महाकाव्यों की भाषा प्राचीन यूनानी याहेल्लिकी है। जिस प्रकार हिंदू रामायण में लंका विजय की कहानी पढ़कर आनंदित होते हैं। उसी प्रकार ओडिसी में यूनान वीरयूलीसिस की कथा का वर्णन है। ट्राय का राजकुमार स्पार्टा की रानी हेलेन का अपहरण कर ट्राय नगर ले गया। इस अपमानका बदला लेने के लिए ही ग्रीस के सभी राजाओं और वीरों ने मिलकर ट्राय पर आक्रमण किया। ट्राय से लौटते समय उनका जहाज तूफान में फँस गया। वह बहुत दिनों तक इधर-उधर भटकता रहा। इसके बाद अपने देश लौटा। यूनान (ग्रीस) के तत्कालीन सामाजिक, राजनैतिक एवं धार्मिक तथ्यों की जानकारी का एकमात्र भरोसेमंद साधन के रूप में इनके ये दो महाकाव्य ही उपलब्ध हैं- इलियड औरओडेसी। इसके अतिरिक्त बहुत सी धार्मिक काव्य रचनाएँ भी जिन्हेंबाद में परवर्ती कवियों की रचनाएँ माना गया। यह भी कहा जाता है कि इलियड और ओडेसी का प्रारंभिक स्वरूप मौखिकथा और इन्हें प्राचीन ग्रीस के गायक गाया करते थे। गाते हुए वे बहुत से स्वरचित पद इसमें मिला देते। इस कारण इन्हें पूर्णरूप से होमर की रचनाएँ मानना ठीक नहीं है। इस आधार पर वे होमर किसी एक व्यक्ति को नहीं बल्कि समष्टि रूप सेइलियड और ओडेसी के रचनाकारों को मानते हैं।