सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : देश में हर साल 24 जनवरी से गणतंत्र दिवस समारोह (Republic Day Celebrations) की शुरुआत होती है लेकिन अब से हमेशा 23 जनवरी से ही इसकी शुरुआत हो जाएगी. इस समारोह में स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को भी अब इसमें शामिल कर लिया जाएगा. नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को हुआ था. यानी अब से हर साल सुभाष चंद्र बोस की जयंती के साथ ही गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत होगी. भारत सरकार के सूत्रों ने इस खबर की पुष्टि की है.1950 से हर साल समारोह का आयोजन गौरतलब है कि 1950 से हर साल देश की राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है. इस दिन राष्ट्रपति राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और इस अवसर पर भारतीय सैन्य बल अपने पराक्रम का प्रदर्शन करते हैं. इसके अलावा देश के विभिन्न राज्यों से कला और संस्कृति को समर्पित झांकी प्रस्तुत की जाती है जिसमें देश की विविधता की झलक मिलती है. इस समारोह को करीब 2 लाख लोग सामने से देखते हैं. हालांकि कोरोना के मद्देनजर पिछले साल सिर्फ 45 सौ लोगों को टिकट मिले थे. रक्षा मंत्रालय के उपर समारोह का सफलतापूर्वक करने की जिम्मेदारी होती है.अगस्त से शुरू हो जाती है तैयारी समारोह में भाग लेने वाले सभी प्रदर्शनों की तैयारी अगस्त से ही शुरू हो जाती है. सभी प्रतिभागियों को 26 जनवरी से 600 घंटे पहले पहुंचना अनिवार्य है. इसके लिए इंडिया गेट के सामने कैंप लगता है. रिहर्सल के दौरान प्रतिभागियों को 12 किलोमीटर का सफर तय करना होता है जबकि 26 जनवरी को उन्हें 9 किलोमीटर की दूरी तय करनी होती है. सभी कार्य़क्रम पूर्व नियोजित होते हैं और इसके लिए कई दिन पहले से रिहर्सल किया जाता है 29 को बीटिंग द रिट्रीट के साथ खत्म होता है समारोह 24 जनवरी से गणतंत्र दिवस की औपचारिक शुरुआत हो जाती है जिसका समापन 29 जनवरी को बीटिंग द रिट्रीट (Beating The Retreat) कार्यक्रम के साथ हो जाता है. इस दौरान सेना की तीनों शाखाएं पारंपरिक धुन बजाते हुए मार्च करती हैं. विजय चौक में होने वाले इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रपति होते हैं. इस दौरान राष्ट्रपति से गणतंत्र दिवस समारोह खत्म करने की अनुमति मांगी जाती है. अब नेताजी के जन्मदिवस 23 जनवरी से ही गणतंत्र दिवस की शुरुआत हो जाएगी. आरटीआई से प्राप्त जानकारी के मुताबिक 2014 में गणतंत्र दिवस समारोह पर 320 करोड़ रुपये खर्च हुए थे.
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