क्या दिव्यांग लोग के साथ होगा न्याय देशभर में रेलवे के सात हजार से अधिक रेलवे स्टेशनों पर छह लाख से अधिक लोगों को सैल्समैन की नौकरी मिलेगी।

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार :केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना ‘एक स्टेशन, एक उत्पादन’ के तहत देशभर में रेलवे के सात हजार से अधिक रेलवे स्टेशनों पर छह लाख से अधिक लोगों को सैल्समैन की नौकरी मिलेगी। रेलवे ने इस बाबत अपनी नीति जारी कर दी है। जारी नीति में कहा गया है कि प्रत्येक प्लैटफॉर्म पर योजना के तहत कम से कम दो स्थायी स्टॉल खोले जाएंगे। इसमें प्रत्येक शिफ्ट में कम से कम दो सेल्मैन की तैनाती की जाएगी। रेलवे बोर्ड के सदस्य (वित्त) ने 20 मई को सभी जोनल रेलवे महाप्रबंधकों को वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देने संबंधित दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं।इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि प्लैटफॉर्मों पर स्थायी स्टॉल-कियोस्क के अलावा पोर्टेबल स्टॉल व ट्रॉली आवंटित करने का अधिकार डीआरएम को होगा। इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि मौजूदा स्टॉल-कियोस्क का व्यवसाय इससे प्रभावित नहीं होने पाए।सभी स्टॉल-कियोस्क आकार और रंग-रूप में एक जैसे होंगे। इस नीति के अनुसार, स्टॉल का आवंटन समाज के कमजोर वर्ग और हाशिये पर खड़े लोगों को किया जाएगा। इसमें शिल्पकार-जुलाहा-दस्तकार, स्वयं सहायत समूह सहित केंद्र व राज्य सरकार के प्राधिकरणों की मांग पर स्टॉल दिए जांएगे जब से स्टॉल का आवंटन दिव्यांगों के लिए रेलवे में किया गया तब से लेकर अब तक एक भी वर्ष में 4% आरक्षण को पूरी तरह से दिव्यांगों के लिए कोई भी स्टेशन पर लागू नहीं किया गया इसलिए मैं सामाजिक कल्याण न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार से अनुरोध करता हूं कि अगर इस योजना में इतनी बड़ी मात्रा में सेल्समैन की बहाली होने जा रही है तो प्रत्येक रेलवे स्टेशन पर 4% दिव्यांगों को रोजगार प्रदान की जाए जो इनका संविधानिक अधिकार है जो इनका मौलिक अधिकार है भारत के दिव्यांगों को प्रदान करवाई जाए विभाग भारतीय रेलवे से सूची मांगे एवं जितने सालों से यह योजना चल रही है विगत वर्षों में 4% आरक्षण दिया गया है कि नहीं प्रत्येक रेलवे स्टेशन पर प्रत्येक मंडल ऑफिस में उसकी विधिवत सूची दिव्यांगों के संविधानिक अधिकार के बचाव के लिए मांगी जाऐ और कड़े निर्देश दिए जाऐ जिस प्रकार से बैकलॉग की सीट खोलने का प्रावधान है उसी प्रकार से स्टोल देने की भी विधिवत योजना चलाई जाती है इसलिए भारत का प्रत्येक दिव्यांग यह चाहता है की अगर इस योजना के तहत पहले भी इन्हें 4% आरक्षण नहीं दिया गया 2016 से अब तक तो उन्हें वह मिलना चाहिए इस बात को मैं इस आधार पर रख रहा हूं कि मान लीजिए कि किसी साल किसी रेलवे स्टेशन पर 1 स्टॉल किसी दिव्यांग को मिला और मिलना है चार स्टॉल और किसी स्टेशन पर एक भी स्टॉल नहीं मिला तो यहां पर संविधानिक अधिकार कहता है कि अगले वर्ष बहुत सारे स्टोर में जाकर जितने स्टोल की संख्या होगी उतना स्टोल मिलेगा लेकिन अभी तक पूरे भारत में 2% दिव्यांगों को भी ठीक तरीके से स्टॉल प्राप्त नहीं हुआ जबकि प्रत्येक वर्ष चार स्टॉल दिव्यांगों को देना यहां पर संविधानिक अधिकार का हनन हो रहा है दिव्यांगों का इसलिए दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 की रक्षा के लिए जिस विभाग को बनाया गया है वह दिव्यांग के हित में रेलवे से 2016 से अब तक की सूची मांगे और जितनी स्टॉल कम दिए गए हैं उन सभी रेलवे स्टेशनों पर दिव्यांगों को स्टोल प्रदान किया जाए दिव्यांगों की मुस्कान है हमारी पहचान।

Check Also

कितने मानव अंगों का प्रत्यारोपण किया जा सकता है?

🔊 Listen to this सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय अंग एवं …