सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : 23 सितंबर (भाषा) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से इतर विकसित तकनीक के आधार पर एक ‘इंटेलिजेंट’ कृत्रिम पैर का निर्माण किया है। इसरो ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इसरो ने कहा कि शीघ्र ही इसे बाजार में पेश किया जाएगा और यह 10 गुना किफायती दाम पर उपलब्ध होगा जिससे घुटने के ऊपर दिव्यांग लोगों को चलने में सुविधा होगी। इसरो की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि इस ‘माइक्रो प्रोसेसर नियंत्रित घुटनों’ (एमपीके) की मदद से दिव्यांगजनों को माइक्रो प्रोसेसर रहित कृत्रिम पैर की अपेक्षा अधिक सुविधा होगी। बयान में कहा गया, “अभी तक 1.6 किलोग्राम के एक एमपीके की सहायता से एक दिव्यांग व्यक्ति को लगभग बिना किसी सहारे के सौ मीटर तक चलने में मदद मिली है। इस उपकरण को और उन्नत बनाने का प्रयास किया जा रहा है।”यह स्मार्ट एमपीके इसरो के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र(वीएसएससी) द्वारा विकसित किये जा रहे हैं। इसे राष्ट्रीय गतिशील दिव्यांगजन संस्थान, पंडित दीनदयाल उपाध्याय दिव्यांगजन संस्थान और भारतीय कृत्रिम अंग उत्पादन निगम (एलिमको) के साथ हुए समझौता ज्ञापन के तहत बनाया गया है।
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