सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : 200 साल तक अंग्रेजों की गुलामी में रहने के बाद भारत और पाकिस्तान करीब 71 साल पहले एक ही साल आजाद हुए थे. 14-15 अगस्त 1947 के बाद भले ही भारत और पाकिस्तान अलग हो गए हों, लेकिन इससे पहले दोनों एक ही मुल्क थे और जाहिर है कि उनका इतिहास भी एक ही रहा है. हालांकि पाकिस्तान और भारत के बच्चे अलग-अलग इतिहास पढ़ रहे हैं. जी हां, भारत और पाकिस्तान में स्कूली किताबों में इतिहास के बारे में अलग-अलग जानकारी दी जाती है. जानते हैं आखिर विभाजन, स्वतंत्रता आंदोलन, भारत-पाक के बीच हुए युद्ध के बारे में पाकिस्तान में क्या पढ़ाया जाता है कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान की किताबों में भारत से अलग जानकारी दी जाती है.भारत की किताबों में पढ़ाया जाता है कि कश्मीर के राजा हरि सिंह पहले किसी भी देश के साथ नहीं जाना चाहते थे. हालांकि बाद में जब घुसपैठियों ने कश्मीर पर हमला कर दिया तो हरि सिंह ने भारत में शामिल होने का फैसला किया. वहीं पाकिस्तान की किताबों में पढ़ाया जाता है कि हरि सिंह ने कश्मीर में मुस्लिमों के साथ गलत व्यवहार किया और बाद में कई लड़ाकों ने कश्मीर के बड़े हिस्से को आजाद करवा लिया था, जिसके बाद हरि सिंह को भारत में कश्मीर का विलय करना पड़ा.विभाजन को लेकर पाकिस्तान की किताबों एेसी जानकारी दी जाती है. पाकिस्तान में पंजाब प्रांत की कक्षा 4 की किताबों में विभाजन के लिए हिंदुओं को जिम्मेदार बताया गया है. किताब में लिखा है विभाजन के समय जब लोग पाकिस्तान छोड़कर भारत जा रहे थे तो यहां के मुस्लिम उनकी मदद कर रहे थे, जबकि भारत से पाकिस्तान आने वाले मुसलमानों को लूटा जा रहा था और उन पर अत्याचार किया जा रहा था.वहीं विभाजन के कारणों को लेकर पाकिस्तान की 12वीं कक्षा की एक किताब में लिखा है कि आजादी मिलने के बाद मुस्लिम चाहते थे कि एक ऐसी सरकार का गठन हो जो पूरी तरह इस्लाम (कुरान) के नियमों पर आधारित हो. हालांकि उन्हें यह पता था कि भारत में हिंदू ज्यादा संख्या में हैं, इसलिए वो यहां हिंदू कानून बनाएंगे और इस कानून में मुस्लिम को अछूत की नजर से देखा जाएगा. साथ ही मुसलमानों को उस वक्त यह डर था कि कहीं मुसलमान हिंदुओं के गुलाम न बन जाएं.महात्मा गांधी के योगदान के बारे में भी जुदा-जुदा है जानकारी. जहां भारत की किताबों में पढ़ाया जाता है कि अंग्रेजों से आजादी दिलाने में महात्मा गांधी का अहम योगदान था और वो भारत के एकीकरण के पक्ष में थे, लेकिन मुस्लिम लीग की मांग के बाद पाकिस्तान का जन्म हुआ. वहीं पाकिस्तान की किताबों में महात्मा गांधी के योगदानों को तरजीह नहीं दी गई है. किताबों में लिखा है कि मुस्लिम लीग मुसलमानों के आत्मसम्मान और उन्हें स्वतंत्रता दिलाए जाने के लिए लड़ीसविनय अवज्ञा आंदोलन ब्रिटिश साम्राज्यवाद के विरुद्ध भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से चलाए गए जन आन्दोलन में से एक था. यह आंदोलन महात्मा गांधी ने छेड़ा था. इस आंदोलन के तहत ब्रिटिश सरकार द्वारा बनाये गये कानूनों का बहिष्कार किया गया. लेकिन पाकिस्तान की किताबों में सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930-34) की कोई चर्चा नहीं है.वहीं भारत-पाकिस्तान के बीच हुए चार युद्धों को लेकर भी भारत-पाकिस्तान की किताबों में जीत का दावा किया जाता है. दोनों देशों की ओर से शहीदों की संख्या या दोनों देशों की कार्रवाई के आधार पर जीत का दावा किया जाता है। तोशियास संस्था सचिव पढ़े लिखे दिव्यांग 5 सितंबर 2019 से एक मुहिम चलाकर एवं यूट्यूब के माध्यम से फेसबुक के माध्यम से और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से पाकिस्तान के इस झूठ का जवाब देंगे और लोगोंं को सच्चाई से सच्चाई बताएंगे और भारत के प्रत्येक राज्यों में इसको लेकर कार्यक्रम का आयोजन करवाया जाएगा जिससे कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पाकिस्तान की नापाक चेहरे को लाया जाए साथ ही साथ कोशिश होगी अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्ताान के किताबों में यह झूठ बच्चों को पढ़ाई जाती हैै इसे समाप्त करवाई जाए एक समृद्ध् निर्माण की जाए अब पाकिस्तान को जवाब देंगे
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