सर्वप्रथम न्यूज सौरभ कुमार : दिव्यांग मजदूरों भी को मिलेगा इसका फायदा बिहार में 15 लाख श्रमिकों के लिए अच्छी खबर। राज्य सरकार निर्माण और अन्य क्षेत्रों से जुड़े प्रत्येक रजिस्टर्ड श्रमिकों को डीबीटी के जरिये तीन-तीन हजार रुपये भेजने जा रही है। श्रम संसाधन विभाग ने बैंकों को इस राशि के हस्तांतरण की कार्रवाई शुरू कर दी है। यह राशि वार्षिक चिकित्सा सहायता योजना के तहत प्रत्येक पंजीकृत श्रमिक को मिलने वाले अनुदान की है। करीब 15 लाख पंजीकृत श्रमिकों को कुल मिलने वाली रकम करीब 446 करोड़ रुपये है।बिहार राज्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में राज्य के 14 लाख 87 हजार 23 श्रमिक पंजीकृत हैं। यह भवन निर्माण सहित अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले वे श्रमिक हैं, जिनकी आयु 60 वर्ष तक है। ऐसे श्रमिकों को राज्य सरकार चिकित्सा अनुदान के नाम पर हर साल तीन हजार रुपए देती है। इस साल भी यह पैसा श्रमिकों को भेजा जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2020-21 की इस राशि को श्रम संसाधन विभाग ने शुक्रवार से बैंकों को ट्रांसफर किए जाने की प्रक्रिया आरंभ कर दी। जल्द सभी श्रमिकों के खातों में यह राशि डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए पहुंच जाएगी। अंतिम बार मिल रहा चिकित्सा अनुदान हर साल मिलते आ रहे इस चिकित्सा अनुदान की इस बार यह आखिरी किस्त होगी। नए वित्तीय वर्ष से यह चिकित्सा अनुदान मिलना बंद हो जाएगा। लेकिन अब राज्य सरकार बिहार राज्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड से पंजीकृत सभी श्रमिकों को केंद्र की आयुष्मान भारत योजना का लाभ देने जा रही है। संभवत: 31 मार्च को इस संबंध में श्रम संसाधन विभाग और स्वास्थ्य विभाग के बीच करार हो जाएगा। इसके बाद सभी पंजीकृत श्रमिकों को हर साल पांच लाख रुपए तक की नि:शुल्क इलाज की सुविधा मुहैया हो सकेगी। इससे श्रमिकों और उनके परिवारों को किसी भी बीमारी की स्थिति में इलाज में खासी मदद मिलेगी।श्रम संसाधन विभाग मंत्री जीवेश कुमार ने बताया कि श्रमिकों को चिकित्सा अनुदान के रूप में दी जाने वाली तीन हजार रुपए की राशि को ट्रांसफर करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह अनुदान इसी साल तक देंगे। नए वित्तीय वर्ष में श्रमिकों को आयुष्मान योजना का लाभ दिलाया जाएगा।
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