प्राइवेट नौकरी वालों को मोदी सरकार देगी तोहफा! ला रही यह 3 महत्वपूर्ण कानून

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : डिसेएबल व्यक्तियों के लिए खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही देश के कर्मचारियों और मजदूरों को खुश करने की तैयारी में हैं। केंद्र में मोदी सरकार आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए अपना फोकस ऐसे ही वर्ग पर करना चाहती है। सरकार प्राइवेट नौकरी करने वालों से लेकर दिहाड़ी मजदूरों और रेहड़ी-पटरी वालों को कई तरह की राहत दे सकती है। सरकार कर्मचारियों को फायदा पहुंचाने के लिए जल्द ही 3 महत्वपूर्ण कानून ला सकती है। इन कानून की मदद से कर्मचारियों को सुरक्षा, न्यूनतम सैलरी जैसे कई लाभ मिलने के आसार हैं।

क्या हैं नए कानून
सबसे महत्वपूर्ण विधेयक है, ‘ऑक्युपेशनल सेफ्टी, हेल्थ ऐंड वर्किंग कंडीशंस (व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति) कोड।’ इस ड्राफ्ट कोड में प्रावधान किया गया है कि कम से कम 10 कर्मचारियों वाली कंपनी, फैक्टरी या संस्थाओं को अपने हर एंप्लॉयी को अपॉइंटमेंट लेटर यानी नियुक्ति पत्र देना होगा। वे बिना अपॉइंटमेंट लेटर के कर्मचारियों से काम नहीं ले सकते हैं। अपॉइंटमेंट लेटर देने का मतलब है कि उन्हें कर्मचारियों को मिनिमम वेज देना होगा और कंपनी लॉ के मुताबिक कर्मचारियों को सभी तरह की सुविधाएं देनी होंगी। इसके आलावा इस ड्राफ्ट कोड में कार्यस्थल पर कर्मचारियों को पूरी सुरक्षा देने का प्रावधान किया गया है। कंपनी को इस बात का ध्यान रखना होगा कि वर्किंग प्लेस में ऐसी कोई चीज न हो, जिससे कर्मचारियों को बीमार या घायल होने का रिस्क हो। ऐसा होने पर कंपनी के खिलाफ ऐक्शन लिया जाएगा और उन्हें कर्मचारियों को मुआवजा देना होगा।

तय होगी न्यूनतम सैलरी 
डिसेएबल व्यक्तियों के लिए  खासकर ए दूसरा विधेयक है- ‘कोड ऑन वेजेज।’ यह बिल केंद्र को सभी सेक्टर के लिए न्यूनतम मजदूरी तय करने का अधिकार देता है। इसका पालन राज्यों को भी करना होगा। इसके तहत 4 कानून- ‘मिनिमम वेजेज ऐक्ट 1948’, ‘पेमेंट ऑफ वेजेज ऐक्ट 1936′, पेमेंट ऑफ बोनस ऐक्ट 1965’ और ‘इक्वल रिमुनेरेशन ऐक्ट 1976’ को मिलाकर वेजेज यानी वेतन की परिभाषा तय की जाएगी।

रिटायरमेंट के बाद लाभ ज्यादा 
तीसरा विधेयक है- सोशल सिक्यॉरिटी कोड। इसके तहत सरकार ने रिटायरमेंट, हेल्थ, ओल्ड एज, डिसेबिलिटी, अनएंप्लॉयमेंट और मैटरनिटी बेनेफिट्स देने के लिए एक बड़ी व्यवस्था का प्रस्ताव किया है।

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