सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : अमेरिका-ईरान (US-Iran) टेंशन के बीच पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) की कीमतों पर काबू पाने के लिए सरकार सक्रिय हो गई है. CNBC आवाज को सूत्रों से मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक पेट्रोलियम मंत्रालय ने सरकारी तेल कंपनियों के साथ आपात बैठक की है और कहा है कि हालात ज्यादा बिगड़े उससे पहले ही एक्शन प्लान पर काम शुरू कर दिया जाए.
बता दें कि हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर कच्चा तेल 10 डॉलर प्रति बैरल महंगा होता है तो हर महीने भारत का आयात बिल 1.5 अरब डॉलर बढ़ जाएगा. महंगे तेल का सीधा असर रीटेल महंगाई पर पड़ता है और यह 0.40 फीसदी बढ़ जाती है. भारत की अर्थव्यवस्था पहले से मांग में कमी से गुजर रही है. ऐसे में अगर महंगाई बढ़ जाती है तो आर्थिक सेहत और बिगड़ जाएगी. कच्चा तेल महंगा होने से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है. आज (9 January 2020) पेट्रोल के दाम 8 पैसे प्रति लीटर तक बढ़े हैं. वहीं दूसरी ओर डीजल 16 पैसे प्रति लीटर तक महंगा कर दिया गया है. तेल की बढ़ती कीमतों को कम करने के लिए सरकार ने तीन एक्शन प्लान तैयार किए हैं.
लॉन्ग टर्म कॉन्ट्रैक्ट पर ज्यादा सप्लाई की कोशिश होगी. सऊदी अरब, कुवैत, नाइजीरिया, UAE से बातचीत होगी. इराक से भी सप्लाई बढ़ाने का आग्रह किया है. OMCs (Oil marketing companies) को मौजूदा शर्तों पर बात करने को कहा गया है.
एक्शन प्लान-2
गैर खाड़ी देशों से सप्लाई बढ़ाने की कोशिश होगी. अमेरिका, रूस ने ज्यादा सप्लाई का भरोसा दिया है. Oil marketing companies प्राइसिंग, ऑर्डर साइज की समीक्षा कर रही हैं.
Sarvpratham News Latest Online Breaking News
