सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : भारत सरकार सामाजिक कल्याण न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय सभी देशवासियों से अपना दायित्व का निर्वहन एवं पालन करें भारत का तमाम नागरिक दिव्यांगों के प्रति सर्कुलर जारी हमें दया नहीं संवैधानिक अधिकार चाहिए दिव्यांगजनों के साथ बेहतर संवाद हेत मार्गदर्शिका
जब आप किसी दिव्यांगजन को देखते हैं तो आपके मन में क्या विचार आता है? क्या आप सोचते हैं
कि वह क्या नहीं कर सकते बल्कि यह सोचने के बजाय वह क्या कर सकते हैं। क्या विकलांग मनुष्य
भगवान के अभागे बच्चे हैं? तो क्यों हम उन्हें भिन्न मानते हैं?
अगली बार जब आप किसी दिव्यांगजन से मिले तो उनसे समानता का भाव रखें। इसके कुछ तरीके
यहां दिए गए हैं:
1. यदि आप नहीं जानते कि चुप्पी कैसे तोड़नी है और बातचीत कैसे शुरू करनी है, तो शांत रहें
और दिव्यांगजन को यह कार्य करने दें।
विकलांगों के लिए सकारात्मक सोच रखें। उनसे आपसी ताल-मेल बढ़ाएं। आप अवश्य ही
कुछ रोचक व्यक्तित्व पाएंगे।
यदि सहायता की आवश्यकता हो तो ही प्रदान करें, पर अति-उत्साही नहीं बनना चाहिए।
किसी भी प्रकार की सहायता के लिए उस व्यक्ति का सम्मान करें।
व्यक्ति द्वारा दुपहिया कुर्सी (व्हील चेयर) बिना मांगें प्रस्तुत नहीं करनी चाहिए।
व्यक्ति को व्हील चेयर या बैसाखी या अन्य प्रकार की सहायता बिना मांगे नहीं दें।
विकलांगता के बारे में चर्चा की शुरूआत ना करें पर स्वतः ही चर्चा हो जाए तो विचार बांट
सकते हैं।
पूर्ण सहयोग करें। दिव्यांगजन को बात करने के लिए ज्यादा समय या स्थान की आवश्यकता
हो सकती है।
दिव्यांगजन जो कार्य कर सकता है, उसकी प्रशंसा करें। उन कष्टों को याद रखें जो व्यक्ति को
उसकी विकलांगता से अधिक समाज के व्यवहार के कारण उसके सामने उत्पन्न हो सकते हैं।
विकलांगता के ऊपर उस व्यक्ति से सीधी बात करें। बातचीत करने के लिए किसी मध्य व्यक्ति
की सहायता न लें।
किसी दिव्यांगजन से बात करते समय उसकी बात पर पूरा ध्यान दें। उनके दृष्टिकोण को
सम्मान दें। दिव्यांगजन से बात करते समय आपका रवैया उनके दृष्टिकोण में सुधार करने की
अपेक्षा उनको प्रोत्साहित करने का होना चाहिए।
ऐसे व्यक्ति को जिसे बोलने में कठिनाई हो, उससे ऐसे प्रश्न करें जिनके जवाब छोटे रूप में या
हाव-भाव के संकेत से दिए जा सकते हैं।
सुनने की कठिनाई वाले व्यक्ति से आराम से, धीरे और स्पष्ट शब्दों में बात करें।
दिव्यांगजन के साथ भोजन करते समय, जरूरत होने पर या अनुमति मांगे जाने पर ही भोजन
करने में उनकी मदद करें। अनुमति लेना ज्यादा आरामदेय हो सकता है यदि व्यक्ति अपना
भोजन स्वयं ही रसोई में करना चाहता है। यदि आप नेत्रहीन व्यक्ति के साथ भोजन कर रहे है।
तो उसे टेबल पर रखें बर्तनों और पकवानों की स्थिति के बारे में बताएं।

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