दिव्यांगों को उनके मर्जी के खिलाफ टीका नहीं लगा सकते

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत ने 150 करोड़ कोविड टीकाकरण की बेमिसाल उपलब्धि को हासिल कर लिया है. इसी बीच केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के जारी कोविड-19 टीकाकरण दिशानिर्देशों में किसी व्यक्ति की सहमति के बिना उसका जबरन टीकाकरण कराने की बात नहीं की गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने शीर्ष अदालत के समक्ष दायर एक हलफनामे में कहा कि भारत का टीकाकरण कार्यक्रम दुनिया में सबसे बड़ा है. देश में अब तक कुल 156 करोड़ से ज्यादा खुराकें दी जा चुकी हैं. हलफनामे में कहा गया है कि 90.84 प्रतिशत पात्र वयस्क आबादी को टीके की पहली खुराक मिल गई है और 61 प्रतिशत आबादी को दूसरी डोज मिल गयी है. इसके अलावा विकलांग व्यक्तियों को कुल 23,768 खुराक दी गई हैं. ये डोज उन लोगों को मिली हैं जिन्होंने टीकाकरण के समय रजिस्ट्रेशन लिए अपने विशिष्ट विकलांगता आईडी कार्ड / विकलांगता प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया है. दिव्यांगजनों को टीकाकरण प्रमाणपत्र दिखाने से छूट देने के मामले पर केंद्र ने न्यायालय से कहा कि उसने ऐसी कोई मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी नहीं की है, जो किसी मकसद के लिए टीकाकरण प्रमाणपत्र साथ रखने को अनिवार्य बनाती हो. किसी व्यक्ति की मर्जी के बिना उसका टीकाकरण नहीं घर-घर जाकर प्राथमिकता के आधार पर दिव्यांगजनों का टीकाकरण किए जाने का अनुरोध किया गया है. हलफनामे में कहा गया है, ‘‘भारत सरकार और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की तरफ से जारी दिशानिर्देश किसी व्यक्ति की सहमति प्राप्त किए बिना जबरन टीकाकरण की बात नहीं कहते.” केंद्र ने कहा कि किसी भी व्यक्ति की मर्जी के बिना उसका टीकाकरण नहीं किया जा सकता. बिना आईडी कार्ड के भी करा सकते हैं टीकाकरण स्वास्थ्य मंत्रालय ने फेस मास्क या फेस कवर के इस्तेमाल पर जोर दिया और कहा कि विकलांग व्यक्तियों सहित पात्र लाभार्थियों के घर-घर टीकाकरण के लिए “हर घर दस्तक अभियान” चलाया जा रहा है. केंद्र ने कोर्ट को यह भी बताया कि ऐसे व्यक्ति जिनके पास आईडी कार्ड नहीं हैं वे भी टीकाकरण के लिए पात्र हैं. ऐसे लोगों के लिए CoWIN वेबसाइट पर विशेष टीकाकरण सत्र चलाने की सुविधा है.  CoWIN पब्लिक इंटरफ़ेस अंग्रेजी के अलावा 11 क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध है. साथ ही इसे किसी भी भाषा में अनुवाद, प्रकाशन और प्रसार के लिए अवेयरनेस मटेरियल की फाइलें राज्यों को दी गई हैं.

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