सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार: दिव्यांगों के साथ भ्रष्टाचार हो तो निवारण अधिनियम 1988 सरकारी कर्मचारी/लोक सेवक द्वारा किये गये भ्रष्टाचार के लिये अपराध-धारा 7 के अनुसार लोक सेवक/सरकारी कर्मचारी द्वारा किये गये भ्रष्टाचार के लिये कम से कम 3 वर्ष का कारावास या अधिकतम 7 वर्ष के कारावास के दण्ड से दंडित किया जायेगा तथा जुर्माना भी लगाया जायेगा।भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 सरकारी कर्मचारी/लोक सेवक की परिभाषा- धारा 2(c)(1) के अनुसार ऐसा कोई व्यक्ति जो सरकार की सेवा या उसके वेतन पर है या किसी लोक कर्तव्य के लिये सरकार से वेतन/फीस/कमीशन के रुप में परिश्रमिक पाता है, वह लोक सेवक/सरकारी कर्मचारी कहलाता है। यह व्यवस्था केंद्र सरकार के द्वारा कार्यरत कर्मी पर लागू होता है राज्य के कर्मचारी के लिए अलग से यह व्यवस्था होती है एण्टी करप्सन (भष्टाचार रोधी)हेल्पलाइन नं0- 1800110180 इस पर फोन करके राज्य के कर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप दर्ज कर सकते हैं अपने संविधानिक अधिकार को जाने भारत का प्रत्येक व्यक्ति।
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