दुनिया का सबसे बड़ा लॉकडाउन / 14 अप्रैल की रात तक सब कुछ बंद: मोदी बोले- आज रात 12 बजे से अगले 21 दिन के लिए देशभर में लॉकडाउन, यह एक तरह से कर्फ्यू ही है

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार :कोरोना का कहर रोकने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा लॉकडाउन भारत में शुरू हो चुका है। यह मंगलवार रात 12 बजे से शुरू होकर अगले 21 दिन तक चलेगा। यानी 14 अप्रैल तक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 दिन में दूसरी बार कोरोनावायरस के मुद्दे पर देश के नाम संबोधन में इसकी घोषणा की।प्रधानमंत्री की इस घोषणा का मतलब है कि अगले 21 दिनों तक न कोई ट्रेन चलेगी, न हवाई जहाज उड़ेंगे और न ही बसें चलेंगी। यानी सब पर पाबंदी, सब कुछ बंद रहेगा। 130 करोड़ से ज्यादा आबादी घरों में रहेगी। जिस चीन से कोरोना शुरू हुआ था, वहां भी ऐसी कार्रवाई नहीं की गई है। 29 मिनट के अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा- ‘हिंदुस्तान को बचाने के लिए 21 दिन का यह लॉकडाउन बेहद जरूरी है। यह जनता कर्फ्यू से ज्यादा सख्त होगा और यह एक तरह से कर्फ्यू ही है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘बाहर निकलना क्या होता है, यह 21 दिन के लिए भूल जाइए। 21 दिन नहीं संभले तो आपका देश और आपका परिवार 21 साल पीछे चला जाएगा। कोरोना से मुकाबले के लिए सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है। हमें संक्रमण के चक्र को तोड़ना होगा। कोरोना से तभी बचा जा सकता है, जब घर की लक्ष्मण रेखा ना लांघी जाए।’ प्रधानमंत्री का पूरा संबोधन 10 पॉइंट में पढ़ें…

1. हर राज्य, जिला, गली-मोहल्ला लॉकडाउन किया जा रहा

प्रधानमंत्री ने कहा- अगर लापरवाही जारी रही तो भारत को इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। यह कीमत कितनी चुकानी पड़ेगी, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। देश में दो दिनों से कई भागों में लॉकडाउन कर दिया गया है। राज्य सरकार के इन प्रयासों को गंभीरता से लेना चाहिए। हेल्थ सेक्टर के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए देश महत्वपूर्ण निर्णय करने जा रहा है। आज रात 12 बजे से पूरे देश में पूरा लॉकडाउन होने जा रहा है। हिंदुस्तान को बचाने के लिए, हर नागरिक को बचाने के लिए, आपके परिवार और आपको बचाने के लिए आज रात 12 बजे से घरों से बाहर निकलने पर पूरी तरह पाबंदी लगाई जा रही है। राज्य, केंद्र शासित प्रदेश, हर जिला, गांव, कस्बा, गली-मोहल्ला लॉकडाउन किया जा रहा है। यह एक तरह से कर्फ्यू ही है। जनता कर्फ्यू से जरा ज्यादा सख्त है। कोरोना महामारी के खिलाफ निर्णायक लड़ाई के लिए यह कदम बहुत आवश्यक है।

2. 21 दिन नहीं संभले तो देश और परिवार 21 साल पीछे चले जाएंगे : मोदी
मोदी ने कहा- निश्चित तौर पर लॉकडाउन की आर्थिक कीमत देश को उठानी पड़ेगी। लेकिन, एक-एक भारतीय के जीवन, आपके परिवार को बचाना इस समय मेरी, भारत सरकार की, राज्य सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। इसलिए मेरी आपसे प्रार्थना है। हाथ जोड़कर प्रार्थना करता हूं कि आप इस समय देश में जहां भी हैं, वहीं रहें। अभी के हालात को देखते हुए देश में लॉकडाउन 21 दिन का होगा। तीन सप्ताह का। पिछली बार बात की थी, तब मैंने कहा था कि मैं आपसे कुछ सप्ताह मांगने आया हूं। आने वाले 21 दिन हर नागरिक, हर परिवार के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। कोरोनावायरस का संक्रमण चक्र तोड़ने के लिए 21 दिन का समय बहुत अहम है। अगर 21 दिन नहीं संभले तो देश और आपका परिवार 21 साल पीछे चला जाएगा। कई परिवार हमेशा के लिए तबाह हो जाएंगे। यह बात एक प्रधानमंत्री के तौर पर नहीं, आपके परिवार के सदस्य के नाते कह रहा हूं। बाहर निकलना क्या होता है, यह 21 दिन के लिए भूल जाइए। घर में रहें और यही काम करें।

3. कोरोना से मुकाबले के लिए इकलौता विकल्प है सोशल डिस्टेंसिंग

प्रधानमंत्री ने कहा-आप ये देख रहे हैं कि दुनिया के समर्थ से समर्थ देश को भी इस महामारी ने बेबस कर दिया है। ऐसा नहीं है कि देश प्रयास नहीं कर रहे हैं या उनके पास संसाधनों की कमी है। लेकिन, कोरोनावायरस इतनी तेजी से फैल रहा है कि तमाम तैयारियां और प्रयासों के बावजूद यह फैल रहा है। इन सभी देशों के दो महीनों के अध्ययन से जो निष्कर्ष निकल रहा है और जो विशेषज्ञ कह रहे हैं, वह यह है कि कोरोना से प्रभावी मुकाबले के लिए एकमात्र विकल्प है सोशल डिस्टेंसिंग।

4. संक्रमण के चक्र को तोड़ना होगा
मोदी ने कहा- सोशल डिस्टेंसिंग यानी एक-दूसरे से दूर रहना। कोरोना से बचने का इसके अलावा कोई तरीका नहीं है। इसे फैलने से रोकना है तो उसके संक्रमण के चक्र को तोड़ना ही होगा। कुछ लोग इस गलतफहमी में हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग केवल मरीज के लिए आवश्यक है, यह सोच सही नहीं है। सोशल डिस्टेंसिंग हर नागरिक और हर परिवार के लिए है। प्रधानमंत्री के लिए भी है। कुछ लोगों की लापरवाही और गलत सोच आपको, आपके बच्चों, माता-पिता, आपके परिवार, आपके दोस्तों और पूरे देश को बहुत बड़ी मुश्किल में झोंक देगी।

5. कोरोना यानी को- कोई, रो- रोड पर, ना- ना निकले
प्रधानमंत्री ने कहा- देशभर में लॉकडाउन ने आपके घर के दरवाजे पर लक्ष्मण रेखा खींच दी है। आपको याद रहे कि घर से बाहर पड़ने वाला सिर्फ एक कदम कोरोना जैसी गंभीर महामारी को आपके घर में ले आ सकता है। याद रखना है कि कई बार कोरोना से संक्रमित व्यक्ति शुरुआत में बिल्कुल स्वस्थ लगता है। वह संक्रमित है, इसका पता ही नहीं चलता है। इसलिए ऐहतियात बरतिए, अपने घरों में रहिए। जो लोग घर में हैं, वह सोशल मीडिया पर नए-नए तरीके से इस बात को बता रहे हैं। एक बैनर जो मुझे भी पसंद आया, मैं आपको भी दिखा रहा हूं। कोरोना यानी को- कोई, रो- रोड पर, ना- ना निकले।

वह पोस्टर, जिसे प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम संबोधन में दिखाया।

6. संक्रमित एक व्यक्ति सैकड़ों लोगों को एक हफ्ते में संक्रमित कर सकता है
प्रधानमंत्री ने कहा- एक्सपर्ट का यह भी कहना है कि आज अगर किसी व्यक्ति में कोरोनावायरस पहुंचता है तो इसके लक्षण दिखने में कई-कई दिन लग जाते हैं। इस दौरान वह जाने-अनजाने उस व्यक्ति को संक्रमित कर देता है जो उसके संपर्क में आता है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट बताती है कि इस बीमारी से संक्रमित एक व्यक्ति सैकड़ों लोगों को एक हफ्ते में संक्रमित कर सकता है। एक और आंकड़ा है। दुनिया में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या को पहले एक लाख तक पहुंचने में 67 दिन लगे थे, उसके बाद सिर्फ 11 दिन में एक लाख नए लोग संक्रमित हो गए। तीन लाख संख्या होने में सिर्फ 4 दिन लगे। अंदाजा लगा सकते हैं कि यह कितनी तेजी से फैलता है। यह फैलना शुरू करता है तो इसे रोकना मुश्किल होता है। यही वजह है कि चीन, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इटली जैसे देशों में वायरस ने फैलना शुरू किया तो हालात बेकाबू हो गए। इटली हो या अमेरिका, इन देशों की स्वास्थ्य सेवा, उनके हॉस्पिटल, संसाधन पूरी दुनिया में बेहतरीन हैं। उनकी व्यवस्थाएं बेहतरीन मानी जातीहैं। इसके बावजूद ये देश कोरोना का प्रभाव कम नहीं कर पाए।

7. कोरोना से तभी बचा जा सकता है, जब घर की लक्ष्मण रेखा ना लांघी जाए
मोदी ने कहा- सवाल ये है कि इस स्थिति में उम्मीद की किरण कहां है, उपाय और विकल्प क्या हैं। कोरोना से निपटने के लिए उम्मीद की किरण उन देशों से मिले अनुभव हैं, जो कोरोना को कुछ हद तक नियंत्रित कर पाए। हफ्तों तक इन देशों के नागरिक घरों से बाहर नहीं निकले। इन देशों के नागरिकों ने शत-प्रतिशत सरकारी निर्देशों का पालन किया और इसलिए ये कुछ देश अब इस महामारी से बाहर आने की ओर बढ़ रहे हैं। हमें भी यह मानकर चलना चाहिए कि हमारे सामने सिर्फ और सिर्फ यही एक मार्ग है। हमें घर से बाहर नहीं निकलना है। चाहे जो हो जाए, घर में ही रहना है। सोशल डिस्टेंसिंग। प्रधानमंत्री से लेकर गांव के नागरिक तक सबके लिए। कोरोना से तभी बचा जा सकता है, जब घर की लक्ष्मण रेखा ना लांघी जाए। इसके फैलने की चेन को तोड़ना है। भारत आज उस मुकाम पर है, जहां हमारे आज के एक्शन तय करेंगे कि इस आपदा के प्रभाव को हम कितना कम कर सकते हैं। यह समय हमारे संकल्प को बार-बार मजबूत करने का है। यह समय कदम-कदम पर संयम बरतने का है। आपको याद रखना है कि जान है तो जहान है।

8. डॉक्टर, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ के बारे में सोचिए
मोदी ने कहा- यह धैर्य और अनुशासन की घड़ी है। जब तक देश में लॉकडाउन की स्थितिहै, हमें अपना संकल्प और अपना वचन निभाना है। मेरी आपसे हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि घरों में रहते हुए आप उन लोगों के बारे में सोचिए, उनके बारे में मंगलकामना कीजिए, जो अपना संकल्प निभाने के लिए अपनी जान खतरे में डालकर काम कर रहे हैं। डॉक्टर, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ के बारे में सोचिए। ये लोग एक-एक जीवन बचाने के लिए अस्पताल में काम कर रहे हैं। अस्पताल प्रशासन के लोग, एम्बुलेंस के ड्राइवर, सफाई कर्मचारियों के बारे में सोचिए जो दूसरों की सेवा कर रहे हैं। आपकी सोसाइटी, सड़कों, मोहल्लों को साफ करने वालों के बारे में सोचिए। आपको सही जानकारी देने के लिए 24 घंटे काम कर रहे मीडिया के लोगों के बारे में भी सोचिए जो संक्रमण का खतरा उठाकर सड़कों पर, अस्पतालों में हैं। पुलिसकर्मियों के बारे में सोचिए जो घर-परिवार की चिंता किए बिना आपको बचाने के लिए ड्यूटी कर रहे हैं। कई बार कुछ लोगों की गुस्ताखी के शिकार भी हो जाते हैं। कोरोना वैश्विक महामारी से बनी स्थितियों के बीच केंद्र और राज्य सरकारें तेजी से काम कर रही हैं। रोजमर्रा की जिंदगी में लोगों को असुविधा ना हो, इसके लिए कोशिश कर रही हैं।

9. यह गरीबों के लिए मुश्किल वक्त
प्रधानमंत्री ने कहा- निश्चित तौर पर संकट की यह घड़ी गरीबों के लिए भी मुश्किल वक्त लेकर आई है। सरकार, सिविल सोसाइटी, तमाम संगठन इन लोगों के लिए जुटे हुए हैं। लोग इन गरीबों के लिए साथ आ रहे हैं। जीवन जीने के लिए जो जरूरी है, उसके लिए सारे प्रयासों के साथ ही, जीवन बचाने के लिए जो जरूरी है, उसे सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी। महामारी से निपटने के लिए देश की स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ानेका काम केंद्र सरकार कर रही है।कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत बनाने के लिए केंद्र ने 15 हजार करोड़ रुपए का काम किया है। आइसोलेशन बेड, आईसीयू बेड, प्रयोगशालाएं आदि बढ़ाई जाएंगी। मेडिकल और पैरामेडिकल की ट्रेनिंग का काम भी किया जाएगा। राज्यों से अनुरोध किया है कि स्वास्थ्य सेवा ही सभी की प्राथमिकता होनी चाहिए। देश का प्राइवेट सेक्टर भी संकट और संक्रमण की इस घड़ी में देशवासियों के साथ खड़ा है। प्राइवेट लैब और अस्पताल सरकार के साथ काम करने के लिए आगे आ रहे हैं।यह भी ध्यान रखिए कि ऐसे समय में जाने-अनजाने अफवाहें भी जोर पकड़ती हैं। मेरा आग्रह है कि किसी भी तरह की अफवाह और अंधविश्वास से बचें। केंद्र सरकार, राज्य सरकार और मेडिकल संस्थानों द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करना बहुत जरूरी है। बिना डॉक्टरों की सलाह के कोई भी दवा ना लें। खिलवाड़ आपके जीवन को और खतरे में डाल सकता है। मुझे विश्वास है कि हर भारतीय संकट की इस घड़ी में सरकार के निर्देशोें का पालन करेगा। 21 दिन का समय लंबा है, आपके जीवन, आपके परिवार की रक्षा के लिए हमारे पास यही एक रास्ता है। भरोसा है कि हर हिंदुस्तानी इस संकट का मुकाबला करेगा, बल्कि इस मुश्किल घड़ी से विजयी होकर निकलेगा। अपना, अपनों का ध्यान रखिए। आत्मविश्वास के साथ कानून-नियमों का पालन करते हुए, संयम बरतते हुए, विजय का संकल्प करते हुए, हम सब इन बंधनों का पालन करें।

10. जनता कर्फ्यू की सफलता के लिए धन्यवाद

मोदी ने कहा-मेरे प्यारे देशवासियो! आज मैं एक बार फिर कोरोनावायरस पर बोलनेआया हूं। 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का जो संकल्प हमने लिया था। एक राष्ट्र के नाते उसकी शुद्धि के लिए हर भारतवासी ने पूरी संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ अपना योगदान दिया। बच्चे, बुजुर्ग, छोटे-बड़े हर वर्ग के लोगों ने परीक्षा की इस घड़ी में साथ दिया। जनता कर्फ्यू को हर भारतवासी ने सफल बनाया। एक दिन के जनता कर्फ्यू से भारत ने दिखा दिया कि जब देश पर संकट आता है, मानवता पर संकट आता है तो किस प्रकार से हम सभी भारतीय मिलकर उसका मुकाबला करते हैं। आप सभी जनता कर्फ्यू की सफलता के लिए धन्यवाद के पात्र हैं।मोदी की सलाह नहीं मानी, लोग घरों से निकले और बाजारों में भीड़ रही
मोदी ने 19 मार्च को अपील की थी कि हर एक देशवासी अगले कुछ हफ्तों तक घर से बाहर न निकलें। बहुत जरूरी होने पर ही बाहर आएं। 60 से 65 साल या उससे ज्यादा उम्र के बुजुर्ग घर में ही रहें। इस अपील के बाद लोगों ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगाया और शाम को 5 बजे थाली, शंख समेत अन्य चीजें बजाकर कोरोना से लड़ रहे लोगों का हौसला बढ़ाया। हालांकि बिहार, समेत अन्य राज्यों में लोगों ने मोदी की अपील नहीं मानी और घरों से निकले। यहां बाजारों में भीड़ नजर आई और लोग बसों में भी सफर करते नजर आए। इसके बाद मोदी ने दूसरी बार लोगों से अपील की और लोगों को घर में रहने के लिए कहा।

 

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