सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : कोरोना काल में बिहार सरकार लाखों स्टूडेंट्स की जान दांव पर लगाकर इंटर और मैट्रिक का एग्जाम लेने जा रही है। बात सुरक्षा की आई तो सरकार ने 26 जनवरी तक स्टूडेंट्स के वैक्सीनेशन का फरमान जारी कर दिया। सरकार के इस आदेश का हश्र यह हुआ कि अब तक 15 से 18 वर्ष तक के महज 50% बच्चों का ही वैक्सीनेशन हो पाया है, जिसमें बिहार बोर्ड के स्टूडेंट्स की संख्या 30% से भी कम है।
बच्चों के वैक्सीनेशन में फेल होने का 4 कारण
- स्वास्थ्य विभाग के साथ स्कूलों के सामंजस्य में दिखी कमी
- स्वास्थ्य विभाग ने तैयार नहीं करा पाया वैक्सीनेशन का सिस्टम
- स्कूल बंद होते ही शिक्षा विभाग का स्कूल के बच्चों से संपर्क टूटा
- बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर पहले से नहीं बन पाई कोई रणनीति
सरकार के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग फेल
सरकार बिहार बोर्ड की परीक्षा को लेकर पूरा जोर लगाए है, इसके लिए वैक्सीनेशन का बड़ा टारगेट स्वास्थ्य विभाग को दे दिया। 23 दिन में बोर्ड परीक्षा के सभी स्टूडेंट्स सहित 15 से 18 वर्ष तक के लगभग 83.46 लाख बच्चों का वैक्सीनेशन कराना था, इस बड़ी चुनौती में सिस्टम फेल हो गया है। अब स्वास्थ्य विभाग 7 दिन में वैक्सीनेशन का टारगेट पूरा करने की बात कर रही है, लेकिन यह इतना भी आसान नहीं है, क्योंकि जब 23 दिन में 50% वैक्सीनेशन हुआ तो 7 दिन में आंकड़ा पूरा करना बड़ा सवाल है।
जानिए, कैसे सुस्त पड़ी राज्य में वैक्सीनेशन की रफ्तार
पटना में 1,86,803 बच्चों का वैक्सीनेशन किया गया है, इसमें बिहार बोर्ड के स्टूडेंट्स की संख्या लगभग 25 से 30% है। गोपालगंज में 1.4 लाख बच्चों का वैक्सीनेशन हो पाया है। गोपालगंज में 40 हजार 151 परीक्षार्थी बोर्ड एग्जाम में शामिल होंगे। वहीं, रोहतास में 15 से 18 वर्ष के 50% बच्चों का वैक्सीनेशन हो पाया है, इंटर परीक्षा में 53,155 स्टूडेंट्स शामिल होंगे। जिले में 2.45 लाख बच्चों का वैक्सीनेशन होना है। अब तक 1.22 लाख बच्चों का वैक्सीनेशन हुआ है।
बोर्ड परीक्षा में 53,155 स्टूडेंट्स में 26,593 छात्र और 26,562 छात्राएं शामिल हैं। अब तक 15 से 18 वर्ष के कुल 47510 बच्चे वैक्सीनेट हो पाए हैं। नवादा में प्रशासन का दावा है कि 96.33% लक्ष्य पूरा कर लिया गया है। DPO जमाल मुस्तफा का कहना है कि 264 स्कूलों में टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। स्टूडेंटस की संख्या 1 लाख 10 हजार 711 है, जिसमें 1 लाख 6 हजार 644 का टीकाकरण किया जा चुका है। शेष 4 हजार 67 के वैक्सीनेशन की तैयारी है।
पश्चिमी चंपारण से लेकर ग्रामीण जिलों में बड़ी चुनौती
पश्चिम चंपारण में 15 से 18 वर्ष तक के बच्चों को एक लाख 16 हजार टीकाकरण कर लिया गया है। जिले में 40 परीक्षा केन्द्रों पर कुल 34 हजार 684 परीक्षार्थी भाग लेंगे। बेतिया में बिहार बोर्ड के कुल 34 हजार 684 परीक्षार्थी भाग लेंगे। इनमें 18492 छात्र तथा 16192 छात्राएं शामिल हैं। अब तक 2 लाख 96 हजार टीकाकरण का लक्ष्य दिया गया था, जिसमें अब तक एक लाख 16 हजार बच्चों का टीकाकरण हुआ है। इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा के लिए जिले में कुल 40 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। इनमें जिला मुख्यालय बेतिया में कुल 26 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जहां 25450 परीक्षार्थी परीक्षा में भाग लेंगे। इसमें 18492 छात्र तथा 6958 छात्राएं शामिल हैं।
सहरसा में इंटरमीडिएट की परीक्षा में लगभग 18,600 परीक्षार्थी शामिल होंगे। इनमें से 17300 से अधिक बच्चों का टीकाकरण हो चुका है। जिले में 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग के एक लाख 29 हजार 797 बच्चों के टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित है, लक्ष्य के में अब तक 73786 लोगों का टीकाकरण हुआ है।
पूर्वी चंपारण में थोड़ी राहत
पूर्वी चंपारण 15 से 18 वर्ष के वैक्सीनेशन प्रथम स्थान पर है। स्वस्थ्य विभाग द्वारा इंटर परीक्षा से पहले शत प्रतिशत परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों को कोरोना का टीका लगाने का लक्ष्य मोतिहारी में लगभग पूर्ण होने के कगार पर हैं। जिले को 374000 युवाओं को कोविड 19 का टीका लगाने का लक्ष्य मिला था, जिसमें अब तक पूर्वी चंपारण जिले में 2,25,000 युवाओं को टीका लगाया कर पूर्वी चंपारण बिहार में प्रथम स्थान पर हैं। मोतिहारी में बिहार बिहार बोर्ड के 54 केंद्रों पर इंटर परीक्षा होगी। 54 केंद्रों पर 55,632 छात्र-छात्राएं शामिल होंगे। इनमें साइंस के 14,183, आर्ट्स के 38,054, कॉमर्स के 3391 और वोकेशनल के चार विद्यार्थी शामिल होंगे। जमुई अब तक एक लाख दो हजार बच्चों का टीकाकरण किया जा चुका है। जहां 1,34,000 टीकाकरण करने का लक्ष्य था है। जमुई में 21,700 छात्र-छात्राओं एग्जाम में शामिल होना है। भोजपुर में 44024 स्टूडेंट्स इंटर की परीक्षा देंगे, प्रशासन का दावा है कि 96% वैक्सीनेशन हो चुका है।
इन जिलाें में भी वैक्सीनेशन की रफ्तार कम
समस्तीपुर में 59 हजार 525 स्टूडेंट इंटर एग्जाम में देंगे। जिले में 1 लाख 51 हजार 200 बच्चों का वैक्सीनेशन हुआ, लेकिन इसमें बिहार बोर्ड के स्टूडेंट्स की संख्या कम है। जिले में 3 लाख 26 हजार 543 बच्चों का लक्ष्य है। औरंगाबाद में 46 हजार 333 बिहार बोर्ड के परीक्षार्थी हैं। अब तक महज 38% बच्चों का वैक्सीनेशन हो पाया है। पूर्णिया में एक लाख 34 हजार 156 बच्चों को टीका लगा है, जबकि लक्ष्य 2.55 लाख है। मुजफ्फरपुर में भी महज 50% का वैक्सीनेशन हो पाया है। इसमें बिहार बोर्ड के स्टूडेंट्स की संख्या कम है। लक्ष्य 3 लाख 86 हजार 875 का है लेकिन अब तक एक लाख 90 हजार 924 का ही टीका लगा है। सीतामढ़ी में 30,571 छात्र इंटरमीडिएट की परीक्षा में शामिल होंगे, अब तक लगभग एक लाख बच्चों को टीका दिया गया है।