सर्वप्रथम न्यूज़ आदित्य राज पटना:- मुख्यमंत्री दिव्यांग शिक्षा ऋण योजना उच्चतर पेशेवर शिक्षा के लिए दिव्यांग छात्रों को ऋण प्रदान करती है। इसके अंतर्गत भारत सरकार, राज्य सरकार, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, भारतीय चिकित्सा शोध परिषद द्वारा मान्यताप्राप्त डिग्री, डिप्लोमा और अन्य समकक्ष तकनीकी और वाणिज्यिक पाठयक्रम शामिल हैं। इस योजना के कार्यान्वयन के लिए बिहार राज्य पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम नोडल एजेंसी है।
लाभ और पात्रता
इस योजना के अंतर्गत लाभार्थी चार प्रतिशत की निम्न ब्याज दर पर 5 लाख रु. तक के ऋण उपलब्ध कर सकते हैं। ऋण राशि का संवितरण संबंधित शिक्षा संस्था के माध्यम से बिहार राज्य पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम द्वारा किया जा सकता है। लाभार्थी इस ऋण राशि का उपयोग प्रवेश शुल्क, परीक्षा शुल्क, हॉस्टल फीस, पुस्तकों की खरीद और पाठयक्रम से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण चीज़ों की खरीद के लिए कर सकता है।
लाभार्थी 18-30 वर्ष आयु समूह बिहार का निवासी होना चाहिए और उसकी दिव्यांग का स्तर कम से कम 40 प्रतिशत होना चाहिए। ऋण केवल उन दिव्यांग छात्रों को प्रदान किये जाते हैं जो केंद्र या राज्य सरकार द्वारा मान्यताप्राप्त संस्थाओं से डिग्री/डिप्लोमा पाठयक्रम की पढ़ाई करना चाहते हैं।
कैसे प्राप्त करें
ऋणों के लिए आवेदनपत्र प्रबंध निदेशक, बिहार राज्य पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम के पास जमा किये जाते हैं। आवेदक को आवेदन पत्र के साथ संस्था द्वारा जारी प्रवेश प्रमाणपत्र संलग्न करना होता है। इस संबंध में लाभार्थी को निगम द्वारा दिये गये प्रपत्र में संस्था द्वारा जारी प्रमाणपत्र ही जमा करना होता है। आवश्यक मानदंडों की जांच के बाद निगम लाभार्थियों का चयन करता है।