सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार पटना : केंद्र सरकार ने हमारे देश के छोटे और मध्यम उद्यमियों (Entrepreneurs) की मदद करने के लिए और हमारे देश में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम की शुरुआत की थी और ये योजना काफी सफल रही थी.इस योजना के सफल होने के कारण इस योजना की अवधि को हाल ही में सरकार ने 2019-20 के वित्तीय वर्ष तक के लिए बढ़ा दिया है. सब्सिडी से जुड़ी इस योजना की अवधि को बढ़ाने के सरकार के इस फैसले से आने वाले सालों में हमारे देश में और रोजगार उत्पन्न हो सकेंगे.
- प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) की मदद से सरकार हमारे देश के लोगों को नया व्यापार स्टार्ट करने में उनकी आर्थिक मदद करेगी.
- ये योजना राष्ट्रीय स्तर पर खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) द्वारा लागू की गई है और इस स्तर पर इस योजना से जुड़े सारे कार्य केवीआईसी द्वारा देखे जाएंगे.
- राज्य स्तर पर इस योजना को सही तरह से चलाने की जिम्मेदारी केवीआईबी (खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड) को दी गई है. केवीआईबी, डीआईसी (जिला उद्योग केंद्र) के साथ मिलकर राज्य और जिला स्तर पर इस योजना से जुड़े कार्य देखने का काम करेगा.
- इस योजना के साथ जुड़े बैंकों द्वारा इस योजना के तहत मिलने वाली सरकारी सब्सिडी को लाभार्थियों / उद्यमियों के बैंक खातों तक पहुंचाया जाएगा और ये प्रक्रिया सही से हो इस बात को देखने की जिम्मेदारी केवीआईसी की होगी.
योजना का बजट और इससे होने वाले लाभ (Budgets And Benefits)
- सरकार ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के लिए 5500 करोड़ रुपये का बजट तय किया है और इस बजट को मंजूरी भी मिल गई है. इस बजट को इस विस्तार योजना के तहत निवेश किया जाएगा.
- प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम की टर्म बढ़ने से हमारे देश के 15 लाख लोगों को नौकरी मिल सकेगी और कई नई परियोजनाएं शुरू हो सकेंगी.
- 18 साल से ऊपर की आयु का कोई भी व्यक्ति प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के लिए आवेदन कर सकता है.
- अगर कोई व्यक्ति विनिर्माण क्षेत्र से जुड़ी कोई परियोजना शुरू करता है, जो कि 10 लाख रुपये से ऊपर की है, तो ऐसी सूरत में वो व्यक्ति तभी इस योजना के लिए आवेदन कर सकता है अगर वो आठवीं कक्षा पास हो. यानी अगर वो व्यक्ति आठवीं पास नहीं है और वो 10 लाख की राशि से ऊपर की परियोजना शुरू करता है, तो उसे सरकार की इस योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा.
- वहीं अगर कोई व्यक्ति व्यापार और सेवा क्षेत्र से जुड़ी कोई ऐसी परियोजना शुरू करता है, जो कि पांच लाख से ऊपर की है तो ऐसी सूरत में भी उस व्यक्ति को तभी इस योजना का लाभ मिलेगा अगर वो आठवीं कक्षा पास होगा.
- पीएमईजीपी योजना का लाभ केवल नई परियोजनाओं को ही मिलेगा, मौजूदा परियोजनाओं को इस स्कीम से बाहर रखा गया है. इसलिए अगर आप कोई नई परियोजना शुरू कर रहें, तो तभी आप इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन करें.
- अगर कोई व्यक्ति सरकार द्वारा चलाई गई किसी और योजना का लाभ उठा रहा है, तो वो व्यक्ति इस योजना के लिए अप्लाई नहीं कर सकता है.
- विनिर्माण क्षेत्र के तहत केवल उसी परियोजनाओं को स्वीकार्य किया जाएगा जिसकी अधिकतम लागत 25 लाख रुपये तक की होगी और इसी तरह व्यवसाय / सेवा क्षेत्र के तहत केवल उन्हीं परियोजनाओं को स्वीकार्य किया जाएगा, जिनकी अधिकतम लागत 10 लाख रुपये तक की होगी.
- सामान्य श्रेणी के लोगों को इस योजना के तहत, उनकी परियोजना लागत के 25% की मार्जिन मनी सब्सिडी के रूप में सरकार द्वारा दी जाएगी. ये 25% की मार्जिन मनी की सब्सिडी केवल ग्रामीण इलाकों के सामान्य श्रेणी के लोगों के लिए रखी गई. वहीं शहरी क्षेत्रों के सामान्य श्रेणी के लोगों के लिए सरकार ने मार्जिन मनी सब्सिडी 15% तय की है.
- अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / महिलाओं जैसे विशेष श्रेणियों से संबंधित रखने वाले लाभार्थियों के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में मार्जिन मनी सब्सिडी 35% और शहरी क्षेत्रों में 25% तय की गई है।