सर्वप्रथम न्यूज़ आदित्य राज पटना:-
योजना के उद्देश्य एवं सार
योजना का मुखय उद्देश्य विभिन्न कार्यान्वयन एजेंसियों को जरुरतमंद दिव्यांग व्यक्तियों को उनकी दिव्यांगता के प्रभाव को कम कर और साथ ही उनकी आर्थिक क्षमताओं में वृद्धि कर उनके शारीरिक, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक पुनर्वास को बढ़ावा देने के लिए टिकाऊ, परिष्कृत और वैज्ञानिक रूप से विनिर्मित, आधुनिक, प्रमाणिक सहायता तंत्र और उपकरण की खरीद में सहायता देने के लिए सहायता अनुदान देना है। इस स्कीम के अंतर्गत आपूर्ति किए गए सहायक तंत्र एवं उपकरण का उचित
प्रमाणीकरण होना चाहिए।
योजना का कार्यान्वयन विभिन्न कार्यान्वयन एजेंसियों के माध्यम से किया जाता है। निम्नलिखित एजेंसियां दिव्यांग जन सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय की ओर से निम्नलिखित निबंधन और शर्तों के अध्याधीन योजना का कार्यान्वयन करने की पात्र है-
- समतियां पंजीकरण अधिनियम, 1860 के अंतर्गत पंजीकृत समितियां और अलग से पंजीकृत उनकी शाखायें यदि कोई हो तो।
- पंजीकृत चेरिटेबल न्यास।
- जिला क्लेक्टर/मुखय कार्यकारी अधिकारी/जिला विकास अधिकारी की अध्यक्षता में जिला रेडक्रास समितियां और अन्य स्वायत्त निकाय।
- सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय/स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन कार्यरत राष्ट्रीय/शीर्ष संस्थान, कंपोजिट रिजनल सेंटर, जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र, राष्ट्रीय न्यास और एलिमको।
- राष्ट्रीय/राज्य दिव्यांग विकास निगम और निजी क्षेत्र की धारा 25 की कंपनियां।
- स्थानीय निकाय-जिला परिषद, नगर पालिकायें, जिला स्वायत्त विकास परिषदें और पंचायतें आदि।
- राज्य/संघ राज्य क्षेत्र/केन्द्र सरकार द्वारा यथासंस्तुत अलग संस्था के तौर पर पंजीकृत अस्पताल।
- नेहरु युवक केन्द्र।
- दिव्यांग जन सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा उचित समझा गया कोई अन्य संगठन।
अनुदान हेतु स्वीकार्य कार्यकलाप/घटक
कार्यान्वयन एजेंसियों को ऐसे मानक यंत्रों और उपकरणों की खरीद, निर्माण और वितरण हेतु, जो योजना के उद्देश्यों के अनुरुप हों, वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। योजना में यंत्रों और उपकरणों की फिटिंग किये जाने से पूर्व अनिवार्य चिकित्सा/शल्य क्रिया सुधार और सहायता भी शामिल है।
दृष्टि बाधित
दृष्टि बाधितों हेतु संकेतक मूल्य, विशिष्टताएं और खरीद का स्रोत दर्शाते हुए 51 सहायक उपकरणों की सूची; और (पप) संकेतक मूल्य और खरीद का स्रोत दर्शाते हुए दृष्टिबाधित दिव्यांगों हेतु श्रेणीवार किटस अर्थात किट 1: कक्षा 1 से 5 तक की कक्षाओं में पढ़ने वाले प्राथमिक स्कूल के बच्चों के लिए, किट-2: कक्षा 6 से 8 तक में प्राथमिक स्कूल से ऊपर की कक्षाओं पढ़ने वाले बच्चों के लिये, किट-3: कक्षा 9 और 10 में पढ़ने वाले वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल के बच्चों के लिये, किट-4: कक्षा 11 और 12 में पढ़ने वाले बच्चों के लिये, जिसके दो उप भाग अर्थात किट 4 (क) दृष्टिहीन छात्रों के लिये और किट-4 (ख) कम दृष्टि के छात्रों के लिये हैं, किट-5: कॉलेज के छात्रों के लिये है जिसके 2 उप-भाग हैं अर्थात किट-5: (क) दृष्टिहीन छात्रों के लिए और किट-5: (ख) कम दृष्टि के छात्रों के लिये हैं और किट-6: एडीएल किट वयस्कों के लिये है। इसमें दृष्टि बाधितों हेतु सामान्य कम दृष्टि उपकरणों की सूची और अधिकतम (हाई एंड) और अन्य सामान्य उपकरणों की सूची भी दी गई है।
स्मार्ट केन
स्मार्ट केन उपकरण एक इलैक्ट्रोनिक ट्रेवल यंत्र है जो घुटने से लेकर सिर की उंचाई तक के अवरोधों का पता लगा सकता है। स्मार्ट केन के अन्य लाभ जैसे स्थानिक जागरूकता उपकरण क्योंकि यह आसपास के वातावरण में वस्तुओं की उपस्थिति और दूरी का पता लगा सकता है। यह वस्तुओं का पता सोनिक वेव्स के जरिए लगाता है।
कुष्ठ प्रभावित
(i) कॉमन सहायक दैनिक रहन-सहन किट (एडीएल) एलिमको द्वारा खरीद की जाएगी और वितरित की जाएगी और (ii) राष्ट्रीय पुनर्वास, प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान, शारीरिक दिव्यांग संस्थान, राष्ट्रीय अस्थि दिव्यांग संस्थान और सहभागी गैर-सरकारी संगठनों द्वारा वितरण किये जाने हेतु आवश्यकता अनुसार 34 वैयक्तिक वैकल्पिक उपकरणों की सूची।
बौद्धिक और विकासात्मक दिव्यांगता
बौद्धिक और विकासात्मक दिव्यांगताग्रस्त व्यक्तियों हेतु वित्तीय सहायता के लिए (क) मानसिक रूप से मंद व्यक्तियों के लिए 4 किट अर्थात् (प)किट 1(क): आयु समूह 0-3 वर्षः प्रारंभिक हस्ताक्षेप समूह (कोडः ईआई) और किट 1(ख): आयु समूह 0-3 वर्ष में बहुदिव्यांगों हेतु टीएलएम किट, (पप) किट-2: आयु समूह 3-6 वर्ष (पूर्व प्राथमिक समूह) (कोडःपीपी), 1(पपप): किट-3: आयु समूह 7-11 वर्ष (प्राथमिक समूह) (कोडःपीआर) और (पअ): किट-4: आयु समूह 12-15 और 16-18 वर्षः (माध्यमिक और पूर्वव्यावसायिक) (कोडःएसईसी/पीवी)। देशभर में विशेष स्कूलों में इन किटों की आपूर्ति शुरू करने हेतु (ख) दिव्यांगताओं से ग्रस्त बच्चों के लिए 3 टीएलएम किट्स-अर्थात किट-(प): आयु समूह 3-6 वर्ष (पप) किट-2: आयु समूह 6-10 वर्ष और (पपप):किट-3: आयु समूह 10 वर्ष और उससे ऊपर और (ग) एलिमको मॉडल सैंसरी किटः बौद्धिक और विकासात्मक दिव्यांगताग्रस्त व्यक्तियों हेतु मल्टी सैंसरी समावेशी शिक्षा विकास।
श्रवण बाधिता
सहायक उपकरण जिसमें बाडी लैवल हीयरिंग एडस, एनलोग/नान प्रोग्रामेबल-बिहाइंड दी ईयर (बीटीई), इन दा ईयर (आईटीई), इन द केनाल (आई.टी.सी), कंपलीटली इन दी केनाल (सीआईसी), डिजिटल/प्रोग्रामेबल-बीहाइंड दी ईयर (बीटीई), इन दी ईयर (आई टी ई), इन दी केनाल (आईटीसी), कमप्लिटली इन की कैनाल (सीआईसी) पर्सनल एफएम हीयरिंग एडस, श्रवण यंत्रों हेतु ब्लु टूथ नेक लूप, वाइब्रेटरी अलार्म, बेबी-क्राईंग अलर्टिंग वायरलैस डिवायस, डोर बैल सिगनलर, फायर स्मोक अलार्म, टेलीफोन सिग्नलर, एंपलिफाइड टेलीफोन, टेलीफोन एंपलिफायर, आडियों इंडक्शन लूप, इनफ्रेरड सिस्टम, बोन वाइब्रेटर के साथ श्रवण यंत्र, द्रौक्षिक किट (2 से 5 वर्ष के बच्चे, प्रि-स्कूल गोइंग चिल्डर्न), कंटेनिंग लंगवेज (वाकुबलरी) बुक, आर्टिकुलेशन ड्रिंक बुक, स्टोरी बुक, अन्य सामग्री (फेमिली हैंड पपटस, 5 पजलस, मांटेसरी इक्विपमैंटस/टायस, द्रोप सार्टर क्लाक, नायस मेकरस का एक सैट, ब्लाक सार्टर बाक्स, वर्ब कार्डस का सैट और 5 साफट कार्डस) आदि शामिल हैं।
कोकलियर इंपलांट
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय सरकार द्वारा 6.00 लाख रुपये प्रति यूनिट वहन की जाने वाली सीमा के साथ योजना के अंतर्गत कोकलियर इंपलांट करने हेतु पात्र बच्चों की संस्तुति करने हेतु प्रत्येक जोन से राष्ट्रीय स्तर के एक संस्थान को मान्यता प्रदान करेगा। मंत्रालय जोनों में उन संस्थानों की पहचान करेगा और मान्यता प्रदान करेगा जहां शल्य क्रिया की जायेगी। मंत्रालय योजना के अंतर्गत कोकलियर इंपलांट उपलब्ध कराने (500 बच्चे प्रति वर्ष) हेतु उपयुक्त एजेंसियों की भी पहचान करेगा। लाभार्थियों के लिये आय सीमा अन्य यंत्रों/उपकरणों की तरह होगी।
मोटरीकृत ट्राइसाइकलस और व्यहील चेयर्स
शरीर के तीन/चार अंगों अथवा द्रारीर के आधे भाग से गंभीर रूप से बाधित होने वाले गंभीर दिव्यांगों और क्वड्रिप्लिजिक मस्कुलर डाइस्ट्रोफी, स्ट्रोक, सैरेबल पालसी, हैमिपेलिजिया से पीडित अथवा ऐसी हालातों से पीडितों के लिए सब्सिडी की मात्रा 25,000/-रूपए तक सीमित होगी। यह 16 वर्ष और इससे अधिक आयु के व्यक्तियों को 10 वर्ष में एक बार प्रदान की जायेगी। तथापि, 16 वर्ष और उपरी आयु के मानसिक मंदता के साथ में गंभीर दिव्यांगता व्यक्ति मोटरीकृत ट्राइसाइकिल और व्हील चेयर के पात्र नहीं होंगे, चूंकि इससे उनको गंभीर दुर्घटना/शारीरिक नुकसान का खतरा हो सकता है।
योजना के अंतर्गत उपलब्ध सहायता की मात्रा
योजना के अंतर्गत एकल दिव्यांगता हेतु 10,000/- रुपये तक की लागत के यंत्र/उपकरण कवर होते हैं तथापि पग वीं कक्षा से आगे की कक्षाओं के छात्रों के मामले में सीमा 12,000/- रुपये तक बढ़ा दी जायेगी॥ बहुदिव्यांगताओं की दशा में सीमा एक से अधिक यंत्र/उपकरण की आवश्यकता के मामले में अलग-अलग व्यैक्तिक मदों हेतु
कुल आय |
सहायता का मात्रा |
(क) 15,000/- रुपये मासिक तक |
यंत्र/उपकरण की पूरी लागत |
(ख)15,000/- रुपये से 20,000 रुपये मासिक तक यंत्र/उपकरण की लागत का 50: |
यंत्र/उपकरण की लागत का 50 % |
प्रत्येक दिव्ययांगता हेतु वित्तीय सहायता राशि 10,000/- रुपये तक सीमित होगी और उपकरण की लागत 20,000/- रुपए तक होने की दशा में दिव्यांग छात्रों हेतु 12,000/- रुपये तक सीमित होगी। 20,000/- रुपए अथवा इससे अधिक लागत के सभी मंहगे सहायक उपकरणों की सूची, कोकलियर इंपलाट को छोड़कर, आय सीमा की शर्त के साथ तैयार की जायेगी। समिति द्वारा इस प्रकार सूचीबद्ध किये गये इन उपकरणों की लागत का 50 प्रतिशत तक का खर्च सरकार वहन करेगी और शेष राशि का अंशदान या तो राज्य सरकार द्वारा अथवा गैर-सरकारी संगठन द्वारा अथवा किसी अन्य एजेंसी द्वारा और संबंधित लाभाभोगी द्वारा वहन किया जायेगा जो योजना के अंतर्गत बजट की 20 प्रतिशत तक की सीमा के साथ मामला-दर-मामला आधार पर मंत्रालय के पूर्व अनुमोदन की शर्त होगा।
दिव्यांग व्यक्तियों को यात्रा लागत अलग से स्वीकार्य होगी और बस अथवा रेल किराये के साथ एक एस्कोर्ट तक स्वीकार्य होगा जो केन्द्र के दौरों की संखया के संबंध में 250 रुपये तक प्रति व्यक्ति तक सीमित होगा।
इससे अतिरिक्त अधिकतम 15 दिन की अवधि के लिए 100रुपये प्रतिदिन की दर से भोजन और आवास व्यय भी स्वीकार्य होगा। यह केवल उन रोगियों के लिये लागू होगा जिनकी आय 15,000/- रुपए प्रतिमाह तक होगी और यहीं परिचर/एस्कोर्ट के लिये भी स्वीकार्य होगा।
आवेदन कैसे करें
संगठन अपने आवेदन पत्र दिव्यांग जन सशक्तिकरण विभाग को नये मामले के संबंध में संबंधित राज्य सरकार/संघ राज्य क्षेत्र के माध्यम से और चालू मामले के संबंध में राज्य सरकार/संघ राज्य क्षेत्र/दिव्यांग जन सशक्तिकरण विभाग के अधीन राष्ट्रीय संस्थान के माध्यम से प्रस्तुत करेंगे।
आवेदन पत्र के साथ निम्नलिखित कागजात/सूचना (विधिवत सत्यापित) भेजी जानी चाहिए।
(क) दिव्ययांग जन (समान अवसर, अधिकार सरंक्षण और संपूर्ण भागीदारी) अधिनियम, 1995 की धारा 51/52 के अंतर्गत
पंजीकरण प्रमाण-पत्र की एक प्रति।
(ख) समितियां पंजीकरण अधिनियम, 1860 के अंतर्गत और उनकी शाखओं के अलग से यदि कोई हो तो, अथवा चेरिटेबल
ट्रस्ट के अंतर्गत पंजीकृत होने की अलग से एक प्रति।
(ग) संगठन की प्रबंधन समिति के सदस्यों के नाम और विवरण।
(घ) संगठन के नियमों, उद्देश्यों और कार्यों की एक प्रति।
(ड.) पिछले वर्ष के प्रमाणित लेखा परीक्षित लेखों और वार्षिक रिपोर्ट की एक प्रति (यह दर्शाते हुये कि संगठन वित्तीय तौर पर
सुद्ढ है)।
(च) उन कार्यान्वयन एजेंसियों को, जो योजना के अंतर्गत पहले से अनुदान सहायता प्राप्त कर रही हैं एक्शल प्रोग्राम में सीडी
में अनुबंध-पग में दिये गये प्रपत्र के अनुसार उन्हें पिछले वर्ष जारी की गई अनुदान सहायता से सहायता प्रदत्त
लाभार्थियों की सूची और अधिक से अधिक दो पृष्ठों में हार्ड कापी में कवर किये गये लाभार्थियों का सारांश संलग्न करना
चाहिए।
(छ) जीएफआर के अंतर्गत निर्धारित प्रपत्र में उपयोगिता प्रमाण पत्र।
अनुदान/सहायता मंजूर करने की प्रक्रिया
दिव्यांग जन सशक्तिकरण विभाग
कार्यान्वयन एजेंसियां
लाभार्थी
यंत्र और सहायता उपकरण पात्र लाभार्थियों को कार्यान्वयन एजेंसियों के माध्यम से कैंप कार्यकलापों/मुखयालय कार्यकलापों/विशेष कैंपों/एडिप-एसएसए के माध्यम से वितरीत किये जाते हैं।