सर्वप्रथम न्यूज़ आदित्य राज पटना:-
प्रस्तावना
दिव्यांग व्यक्तियों द्वारा किये जानेवाले आर्थिक एवं विकास क्रियाकलापों को बढ़ावा देने के प्रयोजन से नेशनल हैन्डीकैप्ड फाइनैंस एंड डिवैलपमेंट कोर्पोरेशन (एन एच एफ डी सी) की स्थापना की गयी है। निगम ऐसे व्यक्तियों को स्व:रोजगार और अन्य आर्थिक उपक्रमों के लिए ऋण प्रदान करने में सहायता मुहैया कराता है। अधिकांश दिव्यांग जनसंख्या को लगातार छोटे ऋणों की आवश्यकता पड़ती रहती है जिससे वे अपने मौजूदा रोजगार को बनाये रखते हैं, अपने रोजगार को और आगे बढ़ाने तथा अपनी अन्य निजी एवं समाजिक आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। गरीब से गरीब व्यक्तियों को बहुत छोटी-छोटी धनराशियों के ऋणों की आवश्यकता पड़ती है और वे चाहते हैं कि ऐसे ऋण उनकी अपेक्षा के अनुसार निकटतम स्थानों से मिल सकें। परम्परा रही है कि ऐसे को देने का काम निजी साहूकार करते रहे हैं किन्तु ऐसा करना उनके मात्र लक्ष्य को दर्शाता है, गरीबों की मदद न करके उनका शोषण करना। इससे गरीबों की स्थिति में सुधार आने के स्थान पर वे और गरीब बनता जाता है। एक लम्बे समय से, यह महसूस किया जाता रहा है ऋण का प्रावधान एक अत्यंत महत्वपूर्ण संघटक है जो सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों में बदलाव एवं विकास ला सकता है। गरीबों को निजी साहूकारों के पंजों से बचाने के लिए उनको छोटे-छोटे ऋणों को मुहैया कराने हेतु राट्रीयकृत बैंकों सहित कई अंतराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय संगठन आगे आये हैं। तथापि, यह कार्य विशालकाय है और गरीबों की ऋण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक बड़ी खाई भी मौजूद है। इन तथ्यों को दृष्ट्गत रखते हुए, एन एच एफ डी सी ने निम्नलिखित अनुच्छेदों में दिये गये विवरण के अनुसार सूक्ष्म ऋण योजना क्रियान्वित करने का निर्णय लिया है।
नेशनल हैन्डीकैप्ड फाइनैंस एंड डेवलपमेंट कोर्पोरेशन
नेशनल हैन्डीकैप्ड फाइनैंस एंड डेवलपमेंट कोर्पोरेशन (एन एच एफ डी सी) की स्थापना सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 24 फरवरी, 1997 को की गई थी। कम्पनी, कम्पनी अधिनियम, 1956, अनुच्छेद-25 के तहत पंजीकृत है तथा ये गैर-लाभ वाली कम्पनी है। यह भारत सरकार द्वारा पूर्णतया स्वामित्व वाली कम्पनी है और इसकी प्राधिकृत अंश पूंजी 400 करोड़ रुपये (चार सौ करोड़ रुपये केवल) है। कम्पनी निदेशकों के बोर्ड द्वारा प्रबंधित की जाती है जो भारत सरकार द्वारा नामांकित किये जाते है। उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों के लाभार्थ आर्थिक विकास क्रियाकलापों को बढ़ावा देना। दिव्यांग व्यक्तियों के लाभ/आर्थिक पुनर्वास के लिए अन्य उपक्रमों एवं स्वरोजगार को प्रोत्साहन देना। उन दिव्यांग व्यक्तियों को ऋण प्रदान करना जो व्यवसायिक पुनर्वास स्व:रोजगार के लिए व्यसायिक/तकनीकी शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं। उत्पादन इकाईयों के पर्याप्त एवं दक्ष प्रबंधन के लिए दिव्यांग व्यक्तियों के तकनीकी एवं उद्यमीय कौशल के उन्नयन में सहायता प्रदान करना। तैयार माल के लिए दिव्यांग व्यक्तियों की मदद करना।
ऋण का उद्देश्य
ऋण का उद्देश्य दिव्यांगों के कमजोर वर्गों को वित्तीय सहायता मुहैया कराना है जिससे कि वे अपने आय सृजन संबंधी क्रियाकलापों को आरम्भ कर सकें, उनको आगे बढ़ा सके।
आय सृजन क्रियाकलाप
आय सृजन क्रियाकलापों का स्वरुप निम्न प्रकार से है :-
क) छोटा व्यवसाय/व्यापार
ख) सूक्ष्म/कुटीर उद्योग अथवा सेवा क्रियाकलाप
ग) सूक्ष्म/कुटीर उद्योग अथवा सेवा क्रियाकलाप
घ) कारीगर क्रियाकलाप
ङ) कृषि एवं सम्बद्ध क्रियाकलाप
च) परिवहन क्षेत्र क्रियाकलाप
ऋण की मात्रा एवं ब्याज दर
सूक्ष्म ऋण योजना के अन्तर्गत एस सी ए को ऋण प्रदान किया जाता है ताकि वे आगे गैर-सरकारी संगठनों की मदद से लाभभोगियों,दिव्यांगों के स्वावलंबन समूहों को ऋण मुहैया कर सकें।
- गैर-सरकारी संगठनों को मुहैया कराये जा सकने वाले ऋण की अधिकतम धनराशि सीमा 5.00 लाख रुपये (पांच लाख रुपये केवल) तक सीमित है। तथापि, गैर-सरकारी संगठन के पिछले प्रदान, अदायगी संबंधी रिपोर्ट, ऋणों की उपयोगिता आदि को ध्यान में रखते हुए उनको पुन: भी ऋण दिया जा सकता है। तथापि, गैर-सरकारी संगठन के विरुद्ध कभी भी, 5.00 लाख रुपये से अधिक का बकाया मूलधन नहीं होना चाहिए।
- लाभभोगी को ऋण के रुप में दी जानेवाली अधिकतम धनराशि की सीमा 25,000/- रुपये (पच्चीस हजार रुपये केवल) प्रति लाभभोगी है।
- स्वीकृत परियोजनाओं के लिए एन एच एफ डी सी 100 प्रतिशत तक निधियां मुहैया करायेगा।
ब्याज एवं छूट
क) लाभभोगियो द्वारा देय ब्याज 5 प्रतिशत प्रति वर्ष से अधिक नहीं होना चाहिए।
ख) एस सी ए को एन एच एफ डी सी की ऋण दर 2 प्रतिशत प्रति वर्ष होगी।
ग) एस सी ए एवं गैर-सरकारी संगठन के मध्य हुए उनके करारनामे के अनुसार इनके बीच 3 प्रतिशत इंटरेस्ट स्प्रैड विभाजित होगा।
घ) महिला लाभभोगियों को ब्याज पर 1 प्रतिशत प्रति वर्ष छूट स्वीकार्य होगी। इस मामले में, एस सी ए को एन एच एफ डी सी का ऋणद ब्याज 1 प्रतिशत प्रति वर्ष होगा।
लाभभोगियों के मापदण्ड की पात्रता
क) 40 प्रतिशत अथवा इससे अधिक दिव्यांगता सहित कोई भी भारतीय नागरिक।
ख) आयु 18 से अधिक।
ग) क्या कर्जदार पहले ही केंद्रीय अथवा राज्य सरकार अथवा वित्तीय संस्थानों द्वारा प्रायोजित किसी अन्य वित्त स्कीम के अन्तर्गत कवर है और उनके नाम से कोई बकाया ऋण है यदि हां, तो वे पात्र व्यक्ति नहीं हैं।
घ) श्रेयकर होगा यदि कर्जदार थ्रिफ्ट एंड क्रेडिट ग्रुप (स्वावलंबन समूह) का नियमित सदस्य हो।
ङ) महिला लाभभोगियों को वरीयता दी जाएगी।
च) संबंधित शैक्षिक/तकनीकि/व्यावसायिक योग्यता, अनुभव एवं पृष्ठभूमि।
गैर-सरकारी संगठन को पात्रता आवश्यकता
क) आवेदक गैर-सरकारी संगठन को कम से कम तीन वर्ष के लिए पंजीकृत होना चाहिए और अच्छी प्रतिष्ठा होनी चाहिए।
ख) एक गैर-सरकारी संगठन जो सूक्ष्म ऋण योजना क्रियान्वित करना चाहती हो उनका उद्देश्य सामाजिक एवं आर्थिक रुप से पिछड़े कमजोर वर्गों अथवा दिव्यांग व्यक्तियों की मदद करना होना चाहिए।
ग) संबंधित गैर-सरकारी संगठन में आवश्यक लचीलापन, व्यवसायिक सुयोग्यता और आधारभूत वित्तीय प्रबंधन क्षमता और संगठनात्मक कौशल का होना नितांत आवश्यक है जिससे कि वे ऋण कार्यक्रम को क्रियान्वित कर सकें। ऐसे संगठन के पास कार्य करने के क्षेत्रों में सुविधाए मुहैया कराने के पर्याप्त सुविधाएं होनी चाहिए।
घ) ऐसे संगठन के पास लेखे रखने की पूरी सुविधा होनी चाहिए। लेखे परीक्षित होने चाहिए। लेखा परीक्षा में कोई गम्भीर अनियमितता सामने नहीं आई हो न ही लेखे प्रकाशित हुए हो।
ङ) गैर-सरकारी संगठन के ट्रेड रिकार्ड साफ होने चाहिए और थ्रिफ्ट एण्ड क्रेडिट प्रशासन चलाने का कम से कम तीन वर्ष का अनुभव होना चाहिए तथा पिछले तीन वर्ष के दौरान उनकी वसूली का प्रदान लगभग 90 प्रतिशत अथवा उससे अधिक होना चाहिए।
प्रतिभूति
क) माइक्रो क्रेडिट स्कीम के अन्तर्गत निधि केवल उन्ही एस सी ए को रिलीज की जाएगी जिन्होंने जनरल लोन एग्रिमेंट पर हस्ताक्षर किये हों और पर्याप्त ब्लॉक गर्वनमेंट गारंटी मुहैया कराई हो।
ख) एस सी ए गैर-सरकारी संसगठन से न्यनतम गारंटी अर्थात एफ डी आर के रुप में प्रतिभूत कुल स्वीकृत धनराशि का 25 प्रतिशत अथवा कॉलेटरल सिक्योरिटी के रुप में स्वीकृत धनराशि का 40 प्रतिशत प्राप्त करेगी।
ग) जब ऋण एन एच एफ डी सी द्वारा प्रत्यक्ष रुप से गैर-सरकारी संगठन को दिया जाता हे तो एन जी ओ को एफ डी आर के रुप में प्रतिभूत कुल स्वीकृत धनराशि का 25 प्रतिशत अथवा कॉलेटरल सिक्यारिटी के रुप में स्वीकृत धनराशि का 40 प्रतिशत एन.एच.एफ.डी.सी में जमा कराना होगा।
फाइनांसिंग पैटर्न
एन एच एफ डी सी गैर-सरकारी संगठनों को प्रतिपूर्ति के लिए एस सी ए को परियोजना लागत का 100 प्रतिशत मुहैया करायेगा।
ऋण की उपयोगिता और अनुपयोगित ऋण को वापस लौटाना
क) एस सी ए जिनको निधियां स्वीकृत की जा चुकी हैं वे स्वीकृत ऋण सीमा के भीतर आवश्यकता के अनुसार निधियों का आहरण कर सकते हैं जो कि सामान्यतया एक वर्ष के लिए होगा।
ख) प्रथम आहरण स्वीकृति की तिथि से एक माह पहले नहीं किया जाएगा बशर्तें एन एच एफ डी सी द्वारा सीमाएँ बढ़ा दी गई हो। यदि ऋणद कार्य आरम्भ नहीं किये गये तो एन एच एफ डी सी को छूट होगी कि वे स्वीकृति अथवा किसी भी निबंधन एवं शर्तों में किंचित परिवर्तन लाते हुए निरस्त कर सकती है।
ग) एस सी ए को उपलब्ध कराई गई निधियां, निधियां रिलीज होने की तिथि से 90 दिनों के भीतर की अवधि तक उपयोगित हो जानी चाहिए। एस सी ए को निर्धारित प्रपत्र में निधियों की उपयोगिता का ब्यौरा देना होगा। यदि किसी कारणवश निधियां अनुपयोगी रह जाती हैं तो एस सी ए से अपेक्षा की जाती है कि वे स्वीकृति पत्र में निर्दिष्ठ उपयोगिता अवधि की समाप्ति से पहले पंद्रह दिनों के भीतर लौटाना आवश्यक है।
घ) यदि अनुपयोगित निधियां निर्धारित तिथि के भीतर एन एच एफ डी सी को नहीं लौटाई जाती है, तो उस अनुपयोगित धनराशि पर 3 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से दण्डरुप ब्याज वसूला जाएगा जो कि उपयोगिता अवधि की अंतिम तिथि की समाप्ति से अगले 90 दिनों के लिए सामान्य ब्याज दर के अतिरिक्त होगा। तत्पश्चात, अनुपयोगित धनराशि पर धनराशि को लौटाने की तारीख तक 2 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से अतिरिक्त दण्डरुप ब्याज भी लगेगा।
परिशोधन (रिपेमेंट)
एन एच एफ डी सी से आहरित आवधिक ऋण को तिमाही किश्तों में 36 माह की अवधि के भीतर अदा करना आवयक है। आवधिक ऋण एवं ब्याज की किश्तें प्रत्येक वर्ष 30 जून, 30 सितम्बर, 31 दिसम्बर को एन एच एफ डी सी को देय होगी अथवा अन्य ऐसी कोई तिथि जो एन एच एफ डी सी द्वारा समस्त हो। एन एच एफ डी सी को अदा की जाने वाली कोई भी किश्तों के लिए 6 दिनों की ग्रेस अवधि स्वीकार्य होगी।
परिशोधित हानि (लिक्विडेटिड डेमेजिस)
एन एच एफ डी सी देयों (मूलधन के साथ-साथ ब्याज) के परिशोधन में चूक होने से 2 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से परिशोधित हानि के अतिरिक्त ब्याज की सामान्य दर वसूली जायेगी।
पदोन्नति/प्रशिक्षण हेतु अनुदान
एन एच एफ डी सी द्वारा गैर-सरकारी संगठन को लाभभोगियों के प्रशिक्षण , स्थिति निर्धारण, अनुकूलन/प्रेरणा, स्वावलंबन समूहों के क्षमता निर्माण एवं संघटन, जागरुकता बढ़ाने और प्रशासनिक व्ययों के लिए 1 लाख रुपये की ऋण धनराशि के प्रत्येक ब्लॉक हेतु 2000/- रुपये के अनुदान भी मुहैया कराया जाएगा। एनजीओ को अनुदान देने की कोई भी अधिकतम सीमा नहीं है ।
बही खाते/निरीक्षण
एन एच एफ डी सी द्वारा मुहैया कराई गई निधियों के संबंध में एस सी ए द्वारा अलग से खाते का रख-रखाव रखा जाएगा। माइक्रो क्रेडिट स्कीम के अन्तर्गत एस सी ए को भी एन एच एफ डी सी के लाभभोगियों का निरीक्षण करना चाहिए। जब भी जहां भी जो कोई भी जानकारी अपेक्षित हो उसे प्रस्तुत किया जाए।
ऋण प्राप्त करने हेतु प्रक्रिया
जो एस सी ए माइक्रो क्रेडिट स्कीम (एम सी एस) क्रियान्वित करने के इच्छुक हैं उन्हें आगे गैर-सरकारी संगठनों के मार्फत व्यक्तिक, स्वावलंबन समूहों को मुहैया कराना होगा।
क) स्कीम के अन्तर्गत गैर-सरकारी संगठन संबंधित एस सी ए (स्टेट चैनलाइजिंग एजेंसी) को आवेदन करेगा।
ख) गैर-सरकारी संगठन माइक्रो क्रेडिट स्कीम के तहत सभी सम्बंधित विवरणों एवं दस्तावेजों के साथ निर्धारित आवेदन प्रपत्र में अपना आवेदन एस सी ए को प्रस्तुत करेगी।
ग) एस सी ए गैर-सरकारी संगठन के दस्तावेजो की जांच करेगी तथा सत्यापित करेगी कि यह संगठन माइक्रो क्रेडिट स्कीम के क्रियान्वयन हेतु उपयुक्त है तथा इस संगठन में लाभभोगियों की सख्या के साथ-साथ निधि की धनराशि को सम्भालने की क्षमता है।
घ) दिव्यांग व्यक्तियों अथवा लाभभोगियों के एस सी ए को आगे और फाइनांस करने के लिए एस सी ए गैर-सरकारी संगठन को 2-00 लाख रुपये तक ऋण स्वीकृत कर सकता है।
ङ) 2.00 लाख रुपये (दो लाख रुपये केवल) से अधिक की धनराशि के ऋण के गैर-सरकारी संगठन के आवेदन को एस सी ए द्वारा जांचा जाएगा तत्पश्चात एन एच एफ डी सी को अग्रसित कर दिया जाएगा इस सिफारिश के साथ कि गैर-सरकारी संगठन की सत्यापन रिपोर्ट तैयार कर ली गई है तथा इस संगठन को उक्त धनराशि को स्वीकृत किये जाने की सिफारिश की जा सकती है।
ऋण प्राप्त करने के लिए प्रक्रिया
स्टेट चैनलाइजिंग एजेंसी (एस.सी.ए)
नेशनल हैन्डीकैप्ड फाइनैंस एंड डेवलपमेंट कोर्पोरेशन विकलांग व्यक्तियों को सम्बन्धित राज्य सरकारों/संघ शासित क्षेत्रों द्वारा नामांकित स्टेट चैनालाइजिंग एजेंसियों के माध्यम से ऋण प्रदान करता है।
आवेदन निर्धारित प्रपत्र पर स्टेट चैनलाइजिंग एजेंसियों के माध्यम से भेजे जा सकते हैं। 5.00 लाख रुपये तक की परियोजनाए स्टेट चैनलाइजिंग एजेंसी द्वारा स्वीकृत की जाती है और 5.00 लाख रुपये से अधिक की परियोजनाए एन एच एफ डी सी द्वारा स्वीकृत की जाती है।
राष्ट्रीयकृत बैंक
नेशनल हैन्डीकैप्ड फाइनैंस एंड डेवलपमेंट कोर्पोरेशन, पंजाब एण्ड सिंध बैंक और ऑरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओ बी सी) के मार्फत दिव्यांग व्यक्तियों को ऋण मुहैया कराता है।
गैर-सरकारी संगठन
बेहद गरीब कर्जदारों के लिए, निगम के पास माइक्रो फाइनांसिंग स्कीम है। माइक्रों क्रेडिट स्कीम के अन्तर्गत गैर-सरकारी संगठनों को अपना आवेदन बिहित प्रारुप मे सम्बन्धित विवरणों सहित राज्य कार्यकारी अभिकरण (एस.सी.ए) को जमा करना होगा ।
अतिरिक्त विवरणो के लिए कृप्या संम्पर्क करें –
अपने राज्य/संघ शासित क्षेत्र में स्टेट चैनलाइजिंग एजेंसियों की सूची
अथवा
नेशनल हैन्डीकैप्ड फाइनैंस एंड डेवलपमेंट कोर्पोरेशन (दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार)
कार्यालय
पीएचडी हाउस, तीसरी मंजिल , 4 / 2, सिरी इंस्टीट्यूशनल एरिया,
अगस्त क्रांति मार्ग , नई दिल्ली- 110016
दूरभाष : 011-45803730, 45088637 , टेलीफैक्स : 011-45088636
पंजीकृत कार्यालय
रेड क्रॉस भवन, सेक्टर-12, फरीदाबाद-121007
फोन : (0129) 2287512, 2287513, 2280214, 2280335, 2264841
टेलीफैक्स : (0129) – 2284371
ई-मेल : nhfdc97@gmail.com
ऋण आवेदन पत्र
आवेदन के लिए अथवा ऋण आवेदन पत्र डाउनलोड करने के लिए इस लिंक पर देखें
स्रोत: भारत सरकार का नेशनल हैन्डीकैप्ड फाइनैंस एंड डेवलपमेंट कारपोरेशन, सामाजिक न्याय व अधिकारिकता मंत्रालय