हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के पुनर्वास हेतु स्व-रोजगार योजना(एसआरएमएस)

सर्वप्रथम न्यूज़ आदित्य राज पटना:-

पृष्ठभूमि

हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के पुनर्वास हेतु स्व-रोजगार योजना (एसआरएमएस) हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के पुनर्वास हेतु स्वरोजगार योजना का आरंभ जनवरी 2007 से किया गया जिसका उद्देश्य हाथ से मैला उठाने वाले शेष कर्मियों तथा उनके आश्रितों को मार्च, 2009 तक वैकल्पिक पेशों में पुनर्वास करना था । तथापि, चूंकि इसे लक्षित तिथि तक पूरा नहीं किया जा सका, इस योजना की अवधि इस प्रावधान के साथ मार्च, 2010 तक बढ़ाई गई कि यदि अपेक्षित हो, इसके बाद भी शेष बचे लाभार्थियों को कवर किया जाए । राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा रिपोर्ट की गई अद्यतन संख्या के अनुसार, इस योजना की शुरूआत होने के बाद 18 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में 1.18 लाख हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों की पहचान इस योजना के क्रियान्वयन हेतु की गई थी ।  हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के नियोजन का प्रतिषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम, 2013 के अधिनियमन के पश्चात्, एसआरएमएस में संशोधन इस अधिनियम के उपबंधों के अनुसार किया गया था। संशोधित योजना के अनुसार, प्रत्येक परिवार से एक अभिज्ञात मैनुअल स्केवेंजर को एकबारगी नकद सहायता प्रदान की जाती है।  अभिज्ञात मैनुअल स्केवेंजर तथा उनके आश्रितों को 3,25,000/- रुपए तक की परियोजना आधारित बैक – एण्ड पूंजीगत सब्सिडी और स्वरोजगार उद्यमों के लिए रियायती ब्याज दर पर ऋण प्रदान किए जाते हैं।  लाभार्थियों को 2 वर्ष की अवधि के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है जिसके दौरान 3,000/- रुपए प्रति माह का वजीफा भी दिया जाता है। इस योजना के अंतर्गत प्रदत्त निधि का ब्यौरा निम्नानुसार है –

वर्ष बजट अनुमान(करोड़ रुपए में) संशोधित  अनुमान  (करोड़   रुपए में) व्यय (करोड़ रुपए में)
2006-07

1.00

56.00

56.00

2007-08

50.00

50.00

25.00

2008-09

100.00

100.00

100.00

2009-10

100.00

100.00

50.00

2010-11

5.00

5.00

शून्य

2011-12

100.00

100.00

शून्य

2012-13

100.00

100.00

20.00

2013-14

570.00

70.00

35.00

2014-15

448.00

50.00

शून्य (एनएसकेएफडीसी के पास पर्याप्त निधि उपलब्ध है)

2015-16

470.19

10.00

शून्य (एनएसकेएफडीसी के पास पर्याप्त निधि उपलब्ध है)

योजना का उद्देश्य

हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के पुनर्वास हेतु स्वरोजगार योजना का आरंभ जनवरी 2007 से किया गया जिसका उददेश्य हाथ से मैला उठाने वाले शेष कर्मियों तथा उनके आश्रितों को मार्च, 2009 तक वैकल्पिक पेशों में पुनर्वास करना था । तथापि, चूंकि इसे लक्षित तिथि तक पूरा नहीं किया जा सका, इस योजना की अवधि इस प्रावधान के साथ मार्च, 2010 तक बढ़ाई गई कि यदि अपेक्षित हो, इसके बाद भी शेष बचे लाभार्थियों को कवर किया जाए ।

योजना का क्रियान्वयन

राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों दवारा रिपोर्ट की गई अदयतन संख्या के अनुसार, इस योजना की शुरूआत होने के बाद 18 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में 1.18 लाख हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों की पहचान इस योजना के क्रियान्वयन हेतु की गई थी ।

1.1 संबंधित राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, अभिज्ञात 1.18474 हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों में से सभी पात्र एवं इच्छुक 78,941 हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों को वैकलिपक पेशों में उनके पुनर्वास हेतु सहायता प्रदान की गई । इसके बाद, हाथ से मैला उठाने की कुप्रथा के उन्मूलन हेतु कार्यरत गैर-सरकारी संगठनों ने 15 राज्यों में हाथ से मैला उठाने की कुप्रथा के विद्यमान होने की रिपोर्ट दी तथा 10,697 हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों की सूची प्रस्तुत की । इन सूचियों का सत्यापन करने पर, सिर्फ 628 व्यक्ति एसआरएमएस के अंतर्गत सहायता के लिए पात्र पाए गए तथा इन सभी को इस योजना के अंतर्गत सहायता प्रदान की गई।

1.2 तदनुपरांत, मार्च, 2012 में भारत के महापंजीयक (आरजीआई) दवारा आवास सूचीकरण एवं आवास गणना 2011 के आंकड़े जारी किए गए जिसमें यह उल्लेख किया गया था कि देश में निम्नलिखित श्रेणियों के लगभग 26 लाख अस्वच्छ शौचालय थे

क. वे शौचालय जिनसे मल खुली नाली में डाला जाता है, तथा

ख. सेवा शौचालय, जिसमें से मल

(।) मानव दवारा साफ किया जाता है

(।।) पशुओं की सहायता से मल निकासी की जाती है ।

राज्य/संघ राज्य क्षेत्र-वार ब्यौरा अनुबंध-। में दिया गया है ।

1.3 आरजीआई ने देश में विद्वयमान हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों की संख्या के बारे में कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं कराया है । तथापि, अस्वच्छ शौचालयों की सुविधा वाले परिवारों की कुल संख्या में से (।) मैनुअल रूप से मल निकासी वाले शौचालयों, तथा (।।) खुली नालियों मे मल-निकासी वाले शौचालयों की सुविधा वाले परिवारों की संख्या क्रमश: 8 एवं 13 लाख (कुल 21 लाख) है ।

1.4 निम्नलिखित सर्वेक्षणों से योजना के अंतर्गत कवर किए जाने वाले हाथ से मैला उठाने वाले

कर्मियों से संबंधित वास्तविक आंकड़े प्राप्त होंगे:-

(।) सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय दवारा संचालित एवं समन्वित किए जा रहे सांविधिक नगरों में हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों का सर्वेक्षण ।

(।।) हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के नियोजन का प्रतिषेध तथा उनका पुनर्वास अधिनियम, 2013 के उपबंधों के अनुसार किसी राज्य/संघ राज्य क्षेत्र दवारा कराए गए सर्वेक्षण ।

1.5 उपर्युक्त (।) पर उल्लिखित हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के सर्वेक्षण के लिए निधीयन सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय दवारा तैयार किए गए सर्वेक्षण दिशा निर्देशों के अनुसार प्रदान किया जाता रहेगा ।

2. इस योजना का उददेश्य विभिन्न सर्वेक्षणों के दौरान अभिज्ञात मैनुअल स्केवेंजरों का वैकल्पिक पेशों में पुनर्वास करना है । हाथ से मैला उठाने वाले कर्मी तथा उनके आश्रित, चाहे उनकी आय कुछ भी हो, सहायता के लिए पात्र होंगे ।

3. हाथ से मैला उठाने वाले कर्मी की परिभाषा निम्नवत है ।

हाथ से मैला उठाने वाले कर्मी से ऐसा कोई व्यक्ति अभिप्रेत है जो किसी अस्वच्छ शौचालय से या किसी  खुली नाली से या ऐसे गड्ढे में से, जिसमें अस्वच्छ शौचालयों से किसी रेलपथ से, मल-मूत्र के पूर्णतया तथा विघटित होने से पूर्व मानव मल-मूत्र को डाला जाता है, हाथ से सफाई करने, उसे ले जाने, उसके निपटान में या किसी अन्य रीति में उठाने के लिए किसी व्यक्ति या स्थानीय प्राधिकारी  या सार्वजानिक  अथवा निजी अभिकरण द्वारा लगाया जाता है और नियोजित किया जाता है और “सफाई कार्य ” पद का तदनुसार अर्थ लगाया जाएगा ।

स्पष्टीकरण- (क) “लगाया जाना या नियोजित किया जाना” से नियमित या संविदा के आधार पर लगाया जाना या नियोजित करना अभिप्रेत है; (ख) ऐसी युक्तियों की सहायता से या ऐसे संरक्षात्मक साधनों का, जो केंद्रीय सरकार दवारा इस निमित अधिसूचित किए जाएं, प्रयोग करके मल-मूत्र को साफ करने के लिए लगाया गया या नियोजित किया गया कोई व्यक्ति हाथ से मैला उठाने वाला कर्मी नहीं समझा जाएगा ।

3.1 हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के आश्रित से अभिप्रेत उनके परिवार के किसी सदस्य या उस पर आश्रित किसी व्यक्ति से है । हाथ से मैला उठाने वाले प्रत्येक कमों तथा उसका पति अथवा उसकी पत्नी या बच्चे जो 18 वर्ष या इससे अधिक आयु के हैं, जो किसी अन्य कार्य में नहीं लगे हैं (सफाई कार्य के अतिरिक्त), को वितीय सहायता प्रदान की जाएगी । प्रशिक्षण के प्रयोजनार्थ, इसके पात्र होने के लिए आश्रित की आयु में से प्रशिक्षण की अवधि घटाई जाएगी ताकि प्रशिक्षण प्राप्त करने के तुरंत बाद, उसे 18 वर्ष की आयु पूरी करते ही अन्य सहायता प्रदान की जा सकती है ।

4. प्रत्येक परिवार से अभिज्ञात हाथ से मैला उठाने वाला एक कमीं अभिज्ञात किए जाने के तुरंत बाद 40,000 रु. की नकद सहायता प्राप्त करने का पात्र होगा । लाभार्थी को अधिकतम 7,000 रु. की मासिक किस्तों में राशि निकालने की अनुमति होगी । वह पूंजीगत सब्सिडी, ब्याज सब्सिडी तथा वज़ीफा सहित प्रशिक्षण के लिए पात्र होगा/होगी । हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के आश्रित प्रारंभिक नकद सहायता प्राप्त करने के पात्र नहीं होंगे ।

5. इस योजना के तहत 10 लाख रु. तक की अधिकतम लागत का ऋण स्वीकार्य होगा, और वैक्यूम लोडर, स्क्शन मशीन विद व्हीकल, कूड़ा निपटान गाड़ी, भुगतान आधार पर शौचालयों का उपयोग इत्यादि परियोजनाओं से संबंधित सफाई जो लक्ष्य समूह के लिए अधिक प्रासंगिक हैं तथा जो काफी सफल रहने के साथ-साथ आय सृजक भी रहे हैं, के मामले में 15 लाख रु. तक अधिकतम ऋण की अनुमति होगी ।

6. ऋण की पुन:अदायगी की अधिस्थगन अवधि दो वर्ष की होगी । 500,000 रु. तक की परियोजनाओं तथा 5,00,000 रु. से अधिक की लागत वाली परियोजनाओं के लिए अधिस्थगन अवधि सहित ऋण की पुनःअदायगी अवधि क्रमशः पांच वर्ष और सात वर्ष होगी । राज्य चैनलीकरण एजेंसियां पात्र लाभार्थियों से आवेदन प्राप्त होने के तीन माह की अवधि के भीतर निधियों का वितरण करेंगी ।

7. लाभार्थियों से वसूल की जाने वाली ब्याज-दर इस प्रकार होगी –

(क) 25,000 रुपए तक की लागत वाली 5% सालाना (महिला लाभार्थियों के लिए) परियोजनाओं के लिए 4% वार्षिक)

(ख) 25,000 रुपए से अधिक लागत वाली 6% सालाना परियोजनाओं के लिए

8. जिन मामलों में ऋणों पर बैंकों दवारा वसूल की जाने वाली ब्याज-दर, इस योजना में निर्धारित की गयी दरों की अपेक्षा अधिक होगी, संबंधित राज्य चैनलीकरण एजेंसियों दवारा इस अन्तर की सीमा तक ब्याज सब्सिडी बैंकों को दी जाएगी। राज्य चैनलीकरण एजेंसियों दवारा मासिक आधार पर इस राशि का भुगतान बैंकों को करना होगा ताकि ब्याज सब्सिडी के भाग पर बैंकों दवारा चक्रवृद्ध ब्याज लगाने संबंधी कोई मामला न हो ।

9. लाभार्थियों को ऋणों पर संबंध पूंजीगत सब्सिडी के अंतिम भाग की व्यवस्था एक मापमान ढंग से इस प्रकार की जाएगी –

परियोजना लागत की सीमा (रु.) सब्सिडी की दर
2,00,000 तक

 

परियोजना लागत का 50%
2,00,000 से 5,00,000 तक 1 लाख+परियोजना लागत का 33%, 2- 5 लाख रु. के बीच
5,00,000 से 10,00,000 तक 2 लाख+परियोजना लागत का 25%, 5-10 लाख रु. के बीच
10,00,000 से 15,00,000 तक 3,25,000/- रु.

 

10. सब्सिडी बैंक-एण्डेड होंगी । बैंक/ऋणदात्री एजेंसी लाभार्थियों को ऋण के रूप में सब्सिडी सहित पूर्ण परियोजना लागत का संवितरण करेंगी । बैंक दवारा सब्सिडी राशि का संचालन निम्नलिखित रूप में किया जाएगा:-

(क) एसआरएमएस के तहत लाभार्थियों के लिए अनुमत सब्सिडी लाभार्थी के नाम सावधि जमा में रखने की बजाय लाभार्थी-वार सब्सिडी रिजर्व फंड अकाउंट में रखी जानी चाहिए । बैंकों इत्यादि को सब्सिडी रिजर्व फंड अकांउट पर ब्याज नहीं लगाना चाहिए । इसके मददेनजर, ऋण पर ब्याज लगाने के प्रयोजनार्थ, सब्सिडी राशि अलग कर दी जायेगी । सब्सिडी रिजर्व फंड अकांउट के खाते में शेष पड़ी राशि एसएलआर/सीआरआर के प्रयोजनार्थ आस्थगित कर देयताओं का भाग नहीं होगी ।

(ख) ऋण चुकौती सारणी इस तरह तैयार की जाएगी कि सब्सिडी रिजर्व फंड के तहत रखी गई सब्सिडी, पूंजीगत सब्सिडी राशि के समतुल्य ऋण चुकौती के लिए समायोजन हेतु पर्याप्त होगी । लाभार्थी के लिए यह अपेक्षित होगा कि वे इस योजना के तहत विहित चुकौती सारणी के अनुसार परियोजन के ऋण भाग की चुकौती करे । लाभार्थी सब्सिडी से होने वाले किसी लाभ के लिए पात्र नहीं होगा यदि ऋण का भुगतान ऋणदात्री एजेंसी के दवारा विनिर्दिष्ट किसी निर्धारित अवधि से पूर्व कार्यकलाप के आधार पर, पूर्ण रूप से भुगतान किया जाता है । लाभार्थियों को सब्सिडी का लाभ संस्वीकृत परियोजना हेतु ऋण का उपयुक्त रूप से उपयोग किए जाने पर प्राप्त होगा ।

(ग) ऋणदात्री एजेंसियां लाभार्थियों का ऋण पासबुक जारी करेंगी । इन पासबुकों में ऋण संस्वीकृति की तिथि, संस्वीकृत ऋण की राशि, ऋण चुकौती की अंतिम किस्त में समायोजित की जाने वाली सब्सिडी, ब्याज की दर, प्रत्येक किस्त की निर्धारित राशि, किस्तों की देय तिथियों, इत्यादि जैसा ब्यौरा दिया जाना चा । बैंकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बैंक की शाखाओं को पासबुकों में सभी कॉलमों को भरना चाहिए अन्यथा पासबुक जारी करने का उददेश्य ही समाप्त हो जाएगा ।

11. इस योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को यदि जरूरी हुआ, बैंकों से दूसरी बार अथवा अनुवर्ती ऋण, पूंजीगत सब्सिडी एवं ब्याज सब्सिडी और किसी अन्य अनुदान के बगैर, लेने की अनुमति होगी ।

12. राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित और विकास निगम अथवा इस योजना के तहत अभिज्ञात कोई अन्य एजेंसी इसके अंतर्गत सभी कार्य शुरू करेगी और लाभार्थियों को ईष्टतम लाभ सुनिश्चित करने हेतु संबंधित एजेंसियों के साथ तालमेल करेगी । यह निगम अथवा अन्य अभिज्ञात एजेंसी को अपनी स्वयं की निधियों में से इस योजना के तहत ग्राहय व्यय को वहन करने की स्वतंत्रता होगी जिसकी प्रतिपूर्ति उन्हें की जाएगी । राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित एवं विकास निगम या कोई अन्य अभिज्ञात एजेंसी को अपनी स्वयं की निधियों में से इस योजना में निर्धारित दरों पर लक्षित वर्ग को ऋण प्रदान करने तथा इसकी वसूली करने का विकल्प होगा । तथापि, इस प्रकार की राशियों की प्रतिपूर्ति सरकार से नहीं की जाएगी । ऐसे मामलों में वे प्रशिक्षण, ब्याज सब्सिडी (यदि जरूरी हुआ), पूंजीगत सब्सिडी आदि के लिए सहायता का दावा करने के हकदार होंगे जैसाकि इस योजना के अंतर्गत उपबंधित है ।

13. इस योजना का कार्यान्वयन राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम अथवा इस प्रयोजनार्थ अन्य अभिज्ञात एजेंसियों के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर किया जाएगा। राज्य स्तर पर कार्यान्वयन एजेंसियां इस प्रयोजनार्थ अभिज्ञात की गई राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसियां होंगी । इनमें सरकारी एजेंसियां और प्रख्यात गैर-सरकारी संगठनों को शामिल किया जा सकेगा । स्व-सहायता समूहों के माध्यम से सूक्ष्म वित्तपोषण संबंधी योजनाओं के लिए प्रख्यात सूक्ष्म वित पोषण संस्थाओं और गैर-सरकारी संगठनों की भागीदारी को प्रोत्साहित किए जाने का भी प्रावधान किया गया है। लाभार्थियों के प्रशिक्षण के लिए, सरकारी संस्थाओं के अलावा प्रख्यात विशिष्ट प्रशिक्षण संस्थाओं को शामिल करने की बात भी कहीं गई है।

14. इस मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित एवं विकास निगम और उसकी राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसियों जैसी मौजूदा संस्थाओं के पास इस प्रस्तावित योजना को कार्यान्वित करने हेतु अपेक्षित अनुभव है। तथापि, उनकी सीमित अवसंरचना संबंधी क्षमता का विस्तार किए जाने की आवश्यकता होगी। उनसे अपने मौजूदा कार्यों के अलावा इस योजना को कार्यान्वित करने की उम्मीद होगी और इसलिए बढ़े हुए कार्य को करने के लिए उनकी क्षमता निर्माण हेतु सहायता दिए जाने की आवश्यकता होगी तथा सौंपे गए कार्य को पूरा करने हेतु नवीनतम तंत्र बनाया जाना आवश्यक होगा। इसी प्रकार, विभिन्न स्तरों पर शामिल अन्य अभिज्ञात एजेंसियों की सहायता करने की आवश्यकता होगी। इन्हें विविध एवं प्रशासनिक व्ययों के तहत वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

15. इस योजना के कार्यान्वयन के समय कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर समय पर निर्णय लेने की आवश्यकता होगी । कार्यक्रम को आसान बनाने तथा महत्वपूर्ण मुददों पर समय पर निर्णय लेने हेतु एक विशिष्ट तंत्र बनाए जाने की परिकल्पना है । सचिव, सामाजिक न्याय और अधिकारिता की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी जिसकी संरचना इस प्रकार होगी –

अपर सचिव, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय – सदस्य

संयुक्त सचिव एवं वित्त सलाहकार, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय – सदस्य

योजना आयोग में संबंधित सलाहकार – सदस्य

संयुक्त सचिव (अनुसूचित जाति विकास) – संयोजक

वितीय सेवाएं विभाग के संयुक्त सचिव स्तरीय प्रतिनिधि

समिति, यदि जरूरी समझे, तो अपनी बैठक में उपस्थित होने के लिए किसी व्यक्ति को विशेष आमंत्रित के रूप में बुला सकती है। इस समिति की सिफारिशें इस योजना के व्यापक मापदण्डों के अनुसार होंगी तथा सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री के अनुमोदन से कार्यान्वित की जाएंगी ।

16. प्रत्येक राज्य में, हर बैंक के वार्षिक लक्ष्य, राज्य-वार योजना लक्ष्यों के मुताबिक राज्य स्तरीय बैंकर्स समितियों दवारा नियत किए जाएंगे ।

17. लाभार्थी किसी भी व्यवहार्य आय सूजक स्वरोजगार परियोजना का चयन करने के लिए स्वतंत्र हैं । लाभार्थियों को किसी विशिष्ट परियोजना का ही चयन करने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा, बल्कि किसी परियोजना का चयन करने में उनकी रूचि, अनुभव एवं पसंद को पर्याप्त प्राथमिकता दी जाएगी। लाभार्थियों दवारा चयन की जाने वाली परियोजनाओं की सांकेतिक सूची अनुबंध-।।  में दी गई है ।

17.1 प्रशिक्षण प्राप्त लाभार्थी को उस विशिष्ट कार्यकलाप/व्यापार के लिए ऋण दिया जाएगा जिसके लिए लाभार्थी को प्रशिक्षण दिया गया है। एक ही स्थान में रह रहे सभी लाभार्थियों को एक ही व्यापार/कार्यकलाप के लिए ऋण नहीं दिया जाना चाहिए ताकि उनके बीच प्रतिस्पर्धा न हो और /अथवा परियोजनाएं अलाभकारी न बन सके ।

18. चूंकि अस्वच्छ व्यवसाय से मुक्ति पाए स्केवेंजरों को गैर पारंपरिक व्यवसायों में लगाया जाएगा, इसलिए उन्हें नए कौशल और उदयमशीलता की क्षमता प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता जा सकता है। चुनिंदा उद्योगों/व्यापारिक प्रतिष्ठानों में प्रशिक्षणार्थियों के लाभदायक रोजगार को आसान बनाने के लिए सिनजों को प्रोत्साहित किया जाएगा ।

18.1  लाभार्थियों को 3000 रु. प्रति माह के वजीफा सहित दो वर्षों तक की अवधि के लिए पाठ्यक्रम प्रशिक्षण दिया जाएगा । लाभार्थी की शिक्षा एवं अभिरूचि के स्तर के अनुरूप प्रशिक्षण दिया जाएगा ।

18.2 विभिन्न अवधि वाले प्रशिक्षण संबंधी व्यापारों की सांकेतिक सूची अनुबंध-।।। में दी गई है ।

18.3 प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, जिला ग्रामीण विकास एजेंसी, जिला उदयोग केंद्रों इत्यादि जैसे विभिन्न मंत्रालयों की मौजूदा योजनाओं का इष्टतम उपयोग लाभार्थियो के प्रशिक्षण के लिए किया जाएगा । इसके अलावा, लाभार्थियों के प्रशिक्षण हेतु एसआरएमएस के अंतर्गत तैयार किए गए राष्ट्रीय एवं राज्य विशिष्ट प्रशिक्षण ढांचे प्रत्येक लाभार्थी के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम के चयन हेतु निर्देशक दस्तावेज हाँगे ।

18.4 जहां अपेक्षित हो, प्रशिक्षण के बाद, लाभार्थियों को स्वरोजगार उदयमों के लिए सहायता प्रदान की जाएगी । प्रशिक्षण के बाद चयन किए जाने वाले स्वरोजगार उदयम के लिए लाभार्थी दवारा प्राप्त प्रशिक्षण उपयोगी होना चाहिए । प्रशिक्षण कार्यक्रम तथा संबद्ध परियोजनाओं की सांकेतिक सूची अनुबंध-।V में दी गई है ।

19. सभी स्तरों पर जागरूकता सूजन की दृष्टि से एक व्यापक प्रचार कार्यक्रम शुरू किया जाएगा जिससे कि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कम से कम समय में लाभार्थियों को इष्टतम लाभ प्राप्त हो सके ।

20. लाभार्थियों को परियोजना/प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का चयन करने, आवेदन करने, निधि की संस्वीकृति प्राप्त करने इत्यादि में मार्गदर्शन करने के लिए कैम्प अभिगम अपनाया जाएगा । इससे लाभार्थियों के पुनर्वास की प्रक्रिया एवं योजना के क्रियान्वयन की गति तेज होगी ।

21. जहां तक संभव हो, प्रस्तावित योजना के लक्षित लाभार्थियों के डाटाबेस का एकीकरण यूआईडीएआई के साथ निम्नलिखित के दवारा किया जाएगा

(क) लाभार्थियों के डाटाबेसों में आधार नम्बर (यूआईडीनम्बर) जोड़ना;

(ख) लाभार्थियों को दी जानी वाली सहायता को जमा करने के लिए यूआईडीएआई समर्थित बैंक खाता (यूईबीए) का उपयोग करना;

(ग) सेवा सुपुर्दी में समग्र सुधार हेतु लाभार्थियों की पहचान के लिए यूआईडीएआई की ऑन लाइन प्रमाणीकरण सेवाओं का उपयोग करना ।

22. लाभार्थियों दवारा अपनी अन्य आवश्यकताओं हेतु निधियों का उपयोग किए जाने के मामले में, बैंक इस संबंध में अपनी नीति एवं नियमों के अनुसार कार्रवाई आरंभ कर सकते हैं । यदि यह पाया जाता है कि लाभार्थी ने सब्सिडी जिस प्रयोजन के लिए प्रदान की गई थी उससे भिन्न किसी अन्य प्रयोजन के लिए उसका उपयोग किया है तो

(।) वह सब्सिडी की संपूर्ण राशि 9% वार्षिक के दंड ब्याज सहित तुरंत भुगतान करेगा/करेगी।

(।।) वह भविष्य में इस योजना के तहत कोई सहायता प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं होगा ।

22.1 राज्य चैनलाइजिंग एजेंसियों से अपेक्षित है कि वे लाभार्थियों से ऋण की समय पर वसूली के लिए बैंकों को सभी संभव सहायता एवं सहयोग प्रदान करेंगे । वे यह सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त उपाय करेंगे कि लाभार्थी किसी अन्य प्रयोजनार्थ प्राप्त सहायता का उपयोग नहीं करें ।

22.2 “हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के नियोजन का प्रतिषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम, 2013” के तहत स्थापित जिला स्तरीय समितियां इस योजना के क्रियान्वयन की निगरानी करेंगी तथा बैंकों के साथ तिमाही बैठक करेंगी ताकि योजना के क्रियान्व्यन की स्थिति की समीक्षा की जा सके ।

23. योजना के क्रियान्वयन की प्रगति की निगरानी के लिए, एक विशिष्ट अंतर्सपर्क वेबसाइट की शुरूआत की जाएगी, जिस पर जिला/राज्य तथा राष्ट्र स्तर पर डाटा अपलोड किया जाएगा । ऋण/सब्सिडी के लिए आवेदन ऑनलाइन प्रस्तुत करने की व्यवस्था की जाएगी ताकि इस प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके । इसके अलावा, लाभार्थियों का नाम, उनका ब्यौरा तथा उन्हें प्रदत लाभ का ब्यौरा वेबसाइट पर डाला जाएगा । ऋण की संस्वीकृति/संवितरण संबंधी जानकारी संबंधित प्राधिकारियों दवारा संबंधित लाभार्थियों को ऑनलाइन या रिटर्न इमेल दवारा दी जाएगी ।

23.1 राज्य चैनलाइजिंग एजेंसियों दवारा “टॉल फ्री नम्बर” प्रणाली की शुरूआत की जाए ताकि लाभार्थियों को उनके तत्काल उत्तर तत्काल मिल सके तथा एसआरएमएस की योजना के तहत वितीय सहायता का लाभ उठाने के लिए अपना नाम पंजीकृत कराने की अनुमति भी होनी चाहिए ।

23.2 इस योजना के क्रियान्वयन की प्रगति की निगरानी एनएसकेएफडीसी तथा इस प्रयोजनार्थ अभिज्ञात अन्य शीर्ष स्तरीय एजेंसियों दवारा की जाएगी ।

23.3. राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग, विचारार्थ विषयों के अनुसार, कार्यक्रमों व योजनाओं के कार्यान्वयन की तथा सफाई कर्मचारियों के सामाजिक व आर्थिक पुनर्वास की समीक्षा कर सकता है। साथ ही साथ इस योजना का एक स्वतंत्र तंत्र के माध्यम से मूल्यांकन भी किया जाएगा इस पर होने वाले व्यय की प्रतिपूर्ति इस योजना के तहत “विविध एवं प्रशासनिक व्यय” शीर्ष के अंतर्गत उददीष्ट निधियों से की जाएगी ।

24. सफाई कर्मचारियों की मुक्ति और उन्हें अन्य काम-धंधों में लगाने के अन्तर को कम करने के लिए, इस योजना को आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय तथा राज्य व स्थानीय स्तरों पर नगरपालिका निकायों के समन्वय से शुक शौचालयों को जलवाहित शौचालयों में बदलने के कार्यक्रम के साथ सम्बद्ध किया जाएगा । चूंकि भारत सरकार और राज्य सरकारों के विभिन्न मंत्रालय अनेक विकासात्मक कार्यक्रम कार्यान्वित कर रहे हैं । ऐसे प्रयास किए जाएंगे कि अन्य मौजूदा कार्यक्रमों के तहत मिलने वाले लाभों को एक ही स्कीम के अंतर्गत लाया जाए जिससे कि लक्षित वर्ग को सार्थक लाभ दिए जा सकें । हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के नियोजन का प्रतिषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम, 2013 में यथा प्रदत्त केन्द्रीय मानीटरिंग समिति के मौजूदा तंत्र का इस प्रयोजन के लिए उपयोग किया जाएगा।

अनबंध – ।

‘आवास सूचीकरण तथा आवास गणना, 2011’ के अनुसार अस्वच्छ शौचालयों की राज्य/संघ राज्य क्षेत्र-वार संख्या

क्रम सं.

 

राज्य/संघ

 

राज्य क्षेत्र पररवारों की कुल संख्या

 

किस्म-वार अस्वच्छ शौचालयों वाले परिवारों की संख्या
(1) (2) (3) (4) (5) (6) (7) (8) (9)
  अखिल भारतीय 246,692,667 1,314,652 794,390 2,109,042 497,236 2,606,278 1.06
1 उत्तर प्रदेश 32,924,266 151,717 326,082 477,799 80,291 558,090 1.7
2 पश्चिम बंगाल 20,067,299 78,446 130,330 208,776 72,289 281,065 1.4
3 जम्मू और कश्मीर 2,015,088 64,479 178,443 242,922 13,109 256,031 12.71
4 आंध्र प्रदेश

 

21,024,534 165,673 10,357 176,030 52,767 228,797 1.09
5 महाराष्ट्र

 

23,830,580 154,331 9,622 163,953 45,429 209,382 0.88
6 तमिलनाडु

 

18,493,003 149,455 27,659 177,114 26,020 203,134 1.1
7 असम 6,367,295 54,381 22,139 76,520 35,394 111,914 1.76
8 राजस्थान

 

12,581,303 94,061 2,572 96,633 8,781 105,414 0.84
9 कर्नाटक

 

13,179,911 61,802 7,740 69,542 28,995 98,537 0.75
10 बिहार 18,940,629 39,246 13,587 52,833 35,009 87,842 0.46
11 उड़ीसा

 

61,085 30,567 26,496 57,063 24,222 81,285 0.84
12 राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र  दिल्ली

 

3,340,538 68,424 583 69,007 633 69,640 2.08
13 मध्य प्रदेश

 

14,967,597 41,363 5,664 47,027 13,948 60,975 0.41
14 पंजाब

 

5,409,699 28,274 3,465 31,739 9,460 41,199 0.76
15 मणिपुर 507,152

 

 

27,713 10,062 37,775 2,964 40,739 8.03
16 हरियाणा 4,717,954

 

32,432 1,343 33,775 4,752 38,527 0.82
17 गुजरात 12,181,718

 

25,234 2,566 27,800 4,890 32,690 0.27
18 झारखंड 6,181,607

 

9,317 1,836 11,153 5,986 17,139 0.28
19 केरल 7,716,370

 

12,052 3,011 15,063 1,713 16,776 0.22
20 उत्तराखंड 1,997,068

 

6,730 4,701 11,431 2,562 13,993 0.7
21 अरुणाचल प्रदेश 261,614 1,865 1,059 2,924

 

9,579 12,503 4.78
22 छत्तीसगढ़ 5,622,850

 

4,881 736 5,617 3,484 9,101 0.16
23 त्रिपुरा 842,781

 

3,760 830 4,590 3,733 8,323 0.99
24 मेघालय 538,299

 

1,792 1,962 3,754 4,126 7,880 1.46
25 नागालैंड 399,965

 

1,208 786 1,994 2,481 4,475 1.12
26 हिमाचल प्रदेश 1,476,581

 

3,069 310 3,379 561 3,940 0.27
27 गोवा  

322,813

667 667 3,151 3,818 1.18
28 मिजोरम 221,077

 

583 121 704 562 1,266 0.57
29 पुडूचेरी 301,276

 

638 133 771 88 859 0.29
30 दादरा और नागर हवेली 73,063

 

55 168 223 28 251 0.34
31 अंडमान और निकोबार  द्वीप समूह 93,376

 

151 11 162 57 219 0.23
32 सिक्किम 128,131

 

93 93 126 219 0.17
33 चंडीगढ़ 235,061

 

164 164 32 196 0.08
34 दमन और दीव 60,381

 

29 16 45 14 59 0.1
35 लक्षद्वीप 10,703 0

 

0 0 0 0

 

स्रोत : जनगणना, 2011

अनबंध – ।।

 

संकेतक परियोजनाएं/कार्यकलाप

क्रम राशि की सीमा संकेतक परियोजनाएं/कार्यकलाप/योजना

 

1 25000 रुपए तक कृषि क्षेत्र

मिश्रित खेती, मधु मक्खी पालन

सेवा क्षेत्र

चायपत्ती दुकान, चाय स्टॉल, केन बॉस दुकान, पर्चून की दुकान, सिंगार दुकान, मूर्ति बनाना, बढ़ईगीरी, रिक्शा, स्टील के बर्तनों की बिक्री, उपहार सामान दुकान, फूल दुकान, अंडा व्यवसाय, चावल बिक्री, बड़ी/पापड़ बनाना, रेडीमेड वस्त्र, राजमिस्त्री , मोबाइल रिपेयरिंग, टीवी/घरेलू उपकरण रिपेयरिंग, इलेक्ट्रिशियन, प्लम्बिंग एवं मेसन, फल और सब्जी बिक्रेता तथा मीट दुकान, पान दुकान।

 

2 25001 से 50000 रुपए तक कषि क्षेत्र

बकरी पालन, डेयरी, मुर्गी पालन, बत्तख पालन।

सेवा क्षेत्र

ब्यूटी पार्लर , फुटवीयर शॉप, रेडीमेड गारमेंट, घरेलू उपकरण रिपेयरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स शॉप, सीडी/कैसेट्स शॉप, फास्ट फूड, फोटो स्टूडियो, डाइस पोलिशिंग, इमीटेशन ज्वेलरी, उपहार स्टॉल, साइकिल रिपेयरिंग, नाई दुकान, सिलाई दुकान, आटा चक्की, साइकिल किराया और रिपेयरिंग।

उद्योग क्षेत्र

लकड़ी फोटो फ्रेम, हाथ से बनी ईंटे, जाली पिलर, हरबल कास्मेटिक्स, राखी/सजावटी झालर।

3 50001 से 1.00 लाख रुपए तक कृषि क्षेत्र

मुर्गी पालन, बकरी पालन, दुधारू जानवर।

सेवा क्षेत्र

फॅब्रिकेशन वर्क, शटरिंग, कंप्यूटर, कारपेंटरी व्यवसाय, फर्टीलाइजर शाँप, मोबाइल रिपेयरिंग, बैटरी बाइडिंग एंड रिपेयरिंग, दो/चार पहिया वाहन रिपेयरिंग, नाई दुकान, आटो-रिक्शा (पेट्रोल), आटो-मोबाइल रिपेयर शॉप, फोटो कॉपीयर बूथ, पर्चून दुकान, ब्यूटी पार्लर और म्यूजिक स्टोर इत्यादि।

उद्योग क्षेत्र

बूम स्टिक, आर्टिफिशियल ज्वेलरी, पेपर, जूट एवं क्लाथ बैग एंड फोल्डर, कागज लिफाफे और फाइल कवर, एयर बैग/पर्स, हवाई चप्पल, सर्जिकल बैंडेज बनाना, पेपर कप और प्लेट निर्माण, जुराब बनाना।

4 1.01 लाख रुपए से 5.00 लाख रुपए तक

 

कृषि क्षेत्र

भूमि खरीद, मुर्गी पालन, पौधशाला, वर्मी कम्पोस्टिंग, मेडीसनल एवं एरोमैटिक प्लांट्स, सेरीकल्चर एंड मलबेरी फार्मिग, मशरूम कल्टीवेशन, ट्रेक्टर, पावर टिलर, बागवानी।

सेवा क्षेत्र

ढाबा/मिनी होटल, वकील कार्यालय, ईंट बेचना, ट्रेबल एजेंसी, मेडिकल शाँप, इंटरनेट कैफे, प्लास्टिक लैमिनेशन, कृषि उपकरणों की मरम्मत, ड्राई-क्लिनिंग, डाई एंड ड्रैपिंग, ट्रासंपोर्ट, वाहन डेटिंग और पेंटिग तथा घरेलू गजेट, सेनिटरी और हार्डवेयर शॉप, घरेलू बिजली उपकरणों की सर्विसिंग एंड रिपेयर, टेंट हाउस, बैण्ड पार्टी, रेडीमेड गारमेंट शॉप, ट्रैक्टर, ट्रॉली, मुर्गी पालन जैसी गैर-भूमि आधारित योजनाओं सहित कृषि तथा संबद्ध कार्यकलाप। झाडू बनाना, ब्रश बनाना, होलो ब्रिक्स और जाली बनाना, प्रिंटिंग प्रेस, लोहारगीरी, कढाई/जरी कार्य, मशीन पेंच बनाना, सजींकला पट्टी बनाना, चाँदी गहने बनाना, फुटवीयर मैन्यूफैक्चरिंग, हरबल शैम्पू मैन्यूफैक्चरिंग, टायर रिट्रेडिंग, सिट्रोनेला आयल मैन्यूफैक्चरिंग, चांदी के गहने बनाना।

5  

5.01 लाख रुपए से 10.00 लाख रुपए तक

सेवा क्षेत्र

मिनी होटल/होटल, ढाबा।

परिवहन क्षेत्र

बोलेरो, महिन्द्रा जीप, इनोवा, क्वालिस, टाटा सोमा, माइक्रो बस (आरटीवी)। राईस मिल, स्टोन कुशर, होजरी यूनिट, मिनरल सोडा वाटर प्लांट।

6 10.00 लाख रुपए से अधिक के लिए सेनिटरी आधारित उपकरण

वैक्यूम लोडर, वाहन सहित सक्शन मशीन, कूड़ा निपटान वाहन, भुगतान पर शौचालय उपयोग।

 

अनुबंध -।।।

अवधि सहित प्रशिक्षण टेड/पाठयक्रम के ब्यौरे

क्रम सं. ट्रेड/क्षेत्र पाठ्यक्रम अवधि माह में
1 कंप्यूटर प्रौदयोगिकी कंप्यूटर हार्डवेयर एसेम्बलिंग एवं सेवाएं 3
    कंप्यूटर साफ्टवेयर 3
    बेसिक कंप्यूटर अनुप्रयोग 3
    डाटा प्रसंस्करण में सर्टीफिकेट कोर्स 3
    सर्टीफिकेट कोर्स इन ऑफिस आटोमेशन एंड इंटरनेट 3
    पीसी, मॉनीटर एंड प्रिंटर रिपेयर एंड सर्विसिंग 4
    सर्टीफिकेट कोर्स इन कंप्यूटर हार्डवेयर मेंटेनेंस 4
    कंप्यूटर साफ्टवेयर एंड टाली 6
    एडव. डिप्लोमा इन साफ्टवेयर टेक. 6
    ऑटो कैड 12
2 एपारल टेक्नोलॉजी

 

स्मार्ट चेकर 1
    स्मार्ट आपरेटर (सिविंग मशीन) (बेसिक) 1.5
    इम्ब्रॉइडरी 3
    इम्ब्रॉइडरी एंड जेरी वर्क 3
    कटिंग एंड टेलरिंग/फैशन डिजाइनिंग 3
    बूलेन शॉल इम्ब्रॉइडरी कैप्स एंड शॉक्स 3
    हिमाचली क्रॉफ्ट (रूमाल एंड डाल्स मेकिंग) 3
    फैशन डिजाइनिंग 3
    फैशन डिजाइनिंग एंड यूज ऑफ फैसी ड्रेस मटेरियल 3
    रेडीमेड गारमेंट्स मेन्युफै 3
    हिमाचली शॉल वीविंग एंड डिजाइनिंग ट्रेनिंग 6
3 इलेक्ट्रिक/इलेक्ट्रॉनिक्स मोबाइल  रिपेयर 2
    रिपेयर्स ऑफ इलेक्ट्रिकल अपलायन्सेज एंड डोमेस्टिक वायरिंग इत्यादि 3
    मोबाइल रिपेयर इन्क्ल्यूडिंग हार्डवेयर एंड साफ्टवेयर 3
    मोटर रिवाइंडिंग 3
    कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स-रिपेयर्स एंड मेनटेनेंस 3
    सर्टीफिकेट कोर्स इन कैमरा (स्टिल फोटोग्राफी) 3
    एडवांस सर्टीफिकेट कोर्स इन टेलीविज़न  रिपोर्टिग 3
    वीडियोग्राफी एंड फोटोग्राफी 3
    सर्टीफिकेट कोर्स इन वीडियो एडिटिंग 6
4 ऑटोमोबाइल एलएमवी ड्राइविंग 1
    एल.टी. मोटर ड्राइविंग कम एडवांस मेकैनिज्म ट्रेनिंग 3
    ऑटोमोबाइल रिपेयर्स एंड सर्विसिंग 3
    मोटर ड्राइविंग एंड बेसिक मकैनिज्म 6
5 व्यावसायिक ईको-टूरिज्म ट्रेनिंग 1
    डोना पट्टल मैन्यूफै 1.5
    पेपर बैग्स, पेपर इन्वलप्स, गिफ्ट बैग्स, फाइल कवर आदि 2
    एरोमेट्रिक कैन्डल्स 2
    ब्यूटी कल्चर एंड स्किन केयर 2
    ब्यूटीशियन 3
    पैकिंग, ग्रेडिंग, लेवेलिंग एंड मार्केटिंग टेक्निक्स फॉर लोकल प्रोडक्ट्स 3
    ब्यूटी कल्चर एंड स्किन केयर 3
    एयर ट्रवेल फेयर टिकटिंग एंड एयरपोर्ट हैंडलिंग 6
    होलिस्टिक ब्यूटी कल्चर 12
    ट्रेवल एंड टूरिजम मैनेजमेंट 12
6 हाउसहोल्ड हिमाचली फूड कम फास्ट फूड ट्रेनिंग 1
    फ्रूट प्रोसेसिंग 1
    सॉफ्ट टॉयज 1.5
    फूड प्रोसेसिंग एंड प्रिजर्वेशन 1.5
    सॉफ्ट टॉयज 2
    फ्रूट प्रोसेसिंग 2
    हिमाचली फूड कम फास्ट फूड ट्रेनिंग 3
    सॉफ्ट टॉयज एंड फैंसी हैंडीक्राफ्टस 3
    डिजाइनिंग बैग एंड सीट कवर मैन्यूफै 3
    इमीटेसन जेवेलरी 3
7 निर्माण वुडेन वर्क/क्राफ्ट्स आइटम्स 3
    प्लंबिंग एंड सैनीटरी वर्क 3
    राज मिस्त्री

 

3
    स्टील फेब्रिकेशन

 

3
    सिकयोरिटी गार्ड

 

6
    सैनीटरी इंस्पेक्टर

 

12
8 उदयमशीलता विकास कार्यक्रम

 

ईडीपी 1

 

एक वर्ष से अधिक की अवधि के प्रशिक्षण कार्यक्रमों की संकेतक सूची

क्रम सं. प्रशिक्षण कार्यक्रम का नाम अवधि(माह) न्यूनतम अर्हता आयोजनकर्ता अभिकरण
1. लेबोरेटरी असिस्टेंट/ अटेंडेंट आपरेटर (केमिकल प्लांट) 24 एसएसएलसी  

 

 

 

 

आईटीआई

2 ड्राट्समैन (सिविलमैकेनिक) 24 एसएसएलसी
3 इलेक्ट्रॉनिक मकैनिक 24 एसएसएलसी
4 इंफार्मेशन टेक्नोलाजी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम 24 एसएसएलसी
5 लिफ्ट मकैनिक, मशीनिस्ट, मेनटेनेस मकैनिक, 24 एसएसएलसी
6 रेडियोलाजिस्ट 24 12वीं
7 सर्वेयर 24 एसएसएलसी
8 वायरमैन 24 8वीं.
9 डेन्टल लेबोरेटरी टेकनीशियन 24 एसएसएलसी
10 डिप्लोमा इन रेडियेशन एंड इमेजिंग 18    

 

 

 

अपोलो मेड-स्किल्स लिमिटेड

11 डिप्लोमा इन मेडिकल लेब टेकनोलाजी 18  
12 डिप्लोमा इन कार्डियक नान-इनवेसिव टेक 18  
13 डिप्लोमा इन आपरेशन थियेटर टेक 18  
14 डिप्लोमा इन डायलेसिस टेक 18  
15 डिप्लोमा इन वार्ड सेक्रेटरी 18  
16 जूनियर बेसिक टीचर्स ट्रेनिंग 24 12वीं टीचर्स ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट
17 नर्सिंग  कोर्सेज 24 माह तक एसएसएलसी/12वीं नर्सिग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट
18 टेक्सटाइल वेट प्रोसेसिंग 14 एसएसएलसी केवीआईसी
         

 

अनबंध-।V

उन प्रस्तावित टेड/प्रशिक्षण पाठयक्रमों तथा कार्यकलापों/योजनाओं के ब्योरे जिनके लिए ऋण संवितरित किया जा सकता है-

क्रम.स. ट्रेड/क्षेत्र पाठ्यक्रम अवधि रोजगार/नियोजन 1.00 लाख रु.तक 1.01 लाख से 5.00 लाख रुपए तक 5.01 लाख रुपए से  10.00 लाख रुपए तक 10.00 लाख रुपए से   अधिक
1 कंप्यूटर प्रौद्योगिकी कंप्यूटर हार्डवेयर एसेम्बलिंग एवं सेवाएं 3     हार्डवेयर रिपेयर सर्विस शॉप    
    कंप्यूटर साफ्टवेयर 3 हाँ      
    बेसिक कंप्यूटर अनुप्रयोग 3 हाँ      
    डाटा प्रसंस्करण में सर्टीफिकेट कोर्स 3 हाँ      
    सर्टीफिकेट इन ऑफिस आटोमेशन एंड इंटरनेट 3     कंप्यूटर जॉब वर्कशॉप    
    पीसी, मॉनीटर एंड प्रिंटर रिपेयर एंड सर्विसिंग 4     हार्डवेयर रिपेयर एंड सर्विस शॉप    
    सर्टीफिकेट कोर्स इन कंप्यूटर हार्डवेयर मेंटेनेंस 4     हार्डवेयर रिपेयर इन  सर्विस शॉप    
    कंप्यूटर साफ्टवेयर एंड टाली 6 हाँ      
    एडव. डिप्लोमा इन साफ्टवेयर टेक. 6 हाँ      
    ऑटो कैड 12     ऑटो कैड जॉब वर्क के लिए कंप्यूटर शॉप    
2. एपारल प्रौद्योगिकी स्मार्ट चेकर 1 हाँ        
    स्मार्ट आपरेटर (सिविंग मशीन) (बेसिक) 1.5 हाँ टेलरिंग शॉप      
    इम्ब्रॉइडरी 3   इम्ब्रॉइडरी एंड जेरी वर्क      
    इम्ब्रॉइडरी एंड जेरी वर्क 3        
    बूलेन शॉल इम्ब्रॉइडरी कैप्स एंड शॉक्स 3     मैन्युफैक्चरिंग शॉप    
    हिमाचली क्रॉफ्ट(रूमाल एंड डाल्स मेकिंग) 3        
    हिमाचली शॉल वीविंग एंड डिजाइनिंग ट्रेनिंग 6        
    कटिंग एंड टेलरिंग /फेशन डिजाइनिंग 3     टेलरिंग एंड फैशन डिजाइनिंग    
    फैशन डिजाइनिंग 3        
    फैशन डिजाइनिंग एंड यूज ऑफ ड्रेस मटेरियल 3        
    रेडीमेड गारमेंट मैन्यूफै 3   टेलरिंग शॉप      
3 इलेक्ट्रिक/ इलेक्ट्रॉनिकस प्रौद्योगिकी मोबाइल  रिपेयर 2   मोबाइल रिपेयर शॉप      
    रिपेयर्स ऑफ़ इलेक्ट्रिक अपलायन्सेज एंड डोमेस्टिक वायरिंग इत्यादि 3   रिपेयर एंड मेन्टेनेन्स ऑफ़ हाउसहोल्ड आइटम्स शॉप      
    मोबाइल रिपेयर इन्क्ल्यूडिंग हार्डवेयर एंड साफ्टवेयर 3     मोबाइल सेल एंड रिपेयर शॉप    
    मोटर रिवाइंडिंग 3 हाँ इलेक्ट्रीशियन शॉप      
    कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स-रिपेयर्स एंड मेनटेनेंस 3   रिपेयर एंड मेंटेनेंस ऑफ़ हाउसहोल्ड आइटम शॉप      
    सर्टीफिकेट कोर्स इन कैमरा (स्टिल फोटोग्राफी) 3     स्टूडियो फॉर वीडियोग्राफी एंड फोटोग्राफी    
    एडवांस सर्टीफिकेट कोर्स इन टेलीविज़न रिपोर्टिंग 3 हाँ        
    वीडियोग्राफी एंड फोटोग्राफी 3     स्टूडियो फॉर वीडियोग्राफी एंड फोटोग्राफी    
    सर्टीफिकेट कोर्स इन वीडियो एडिटिंग 6     विडियो एडिटिंग शॉप    
4 ऑटोमोबाइल्स एलएमवी ड्राइविंग 1 हाँ     वाहन की खरीद के लिए  
    एल. टी. मोटर ड्राइविंग एडवांस मेकैनिज्म ट्रेनिंग 3 हाँ     वाहन की खरीद के लिए  
    ऑटोमोबाइल रिपेयर्स एंड सर्विसिंग 3     ऑटोमोबाइल रिपेयर् शॉप    
    मोटर ड्राइविंग एंड बेसिक मकैनिजन्म

 

 

6 हाँ        
5 व्यावसायिक डोना पट्टल मैन्यूफै 1.5   पेंसिल यूटेंसिल मैन्युफैक्चरिंग शप      
    पेपर बैक्स, पेपर इन्वलप्स, गिफ्ट बैग्स, फाइल कवर आदि 2   पेंसिल यूटेंसिल मैन्युफैक्चरिंग शप      
    ब्यूटी कल्चर एंड स्किन केयर 3     ब्यूटी पार्लर    
    पैकिंग, ग्रेडिंग, लेबलिंग एंड मार्केटिंग टेक्नीकस फॉर लोकल प्रोडक्ट्स 3 हाँ        
    एयर ट्रवेल फेयर टिकटिंग एंड एयरपोर्ट हैंडलिंग 6     ट्रवेल एजेंट शॉप    
    होलोस्टिक ब्यूटी कल्चर 12     ब्यूटी पार्लर    
    ट्रवेल एंड टूरिज्म मैनेजमेंट 12     ट्रवेल एजेंट  शॉप    
6 हाउसहोल्ड हिमाचली फूड कम फास्ट फ़ूड ट्रेनिंग 3 हाँ   ढाबा/ रेस्टुरेंट    
    फ्रूट प्रोसेसिंग 1 हाँ फ्रूट प्रोसेसिंग शॉप      
    फूड प्रोसेसिंग एंड प्रेजर्वेशन 1.5     फूड प्रोसेसिंग यूनिट    
    साफट टोयज एंड फैंसी हैंडीक्राफ्ट 3     फैंसी आइटम शॉप    
    रेगीजिन बैग एंड सीट कवर मैन्युफै 3     अपहोल्सटरी मैन्युफैक्चरिंग शॉप    
    इमीटेशन ज्वेलरी 3     इमीटेशन ज्वेलरी शॉप    
7 निर्माण वूडेन वर्क/क्राफ्ट आइटम्स 3     फर्नीचर शॉप    
    प्लंबिंग एंड सैनीटरी वर्क 3 हाँ   हार्डवेयर शॉप    
    राज मिस्त्री 3 हाँ        
    स्टील फेब्रिकेशन 3 हाँ   स्टील फेब्रिकेशन शॉप    
    सिकयोरिटी गार्ड 6          
    सैनीटरी इंस्पेक्टर 12          

 

स्रोत: सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, भारत सरकार

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