सर्वप्रथम न्यूज़ आदित्य राज पटना:-
भूमिका
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त और विकास निगम अथवा एनएसकेएफडीसी सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाला उपक्रम है जिसकी स्थापना दिनांक 24 जनवरी, 1997 को कम्पनी अधिनियम, 1956 की धारा 25 के तहत ‘‘लाभ न कमाने वाली’’ कम्पनी के रूप में की गई थी। राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त और विकास निगम अक्तूबर, 1997 से पूरे भारत के सफाई कर्मचारियों, कूड़ा उठाने वाले तथा उनके आश्रितों की चहुंमुखी सामाजिक-आर्थिक उन्नति के लिए शीर्ष निगम के रूप में कार्य कर रहा है। राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त और विकास निगम की स्कीमें/कार्यक्रम राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों द्वारा नामांकित राज्य चैनल अभिकरणों (एस.सी.ए.), क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आर.आर.बी.) तथा राष्ट्रीयकृत बैंकों के माध्यम से कार्यान्वित किए जाते हैं। एस.सी.ए./आर.आर.बी./राष्ट्रीकृत बैंकों को रियायती ब्याज दर पर वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है ताकि वे आगे एन.एस.के.एफ.डी.सी. के लक्षित समूह को इसका वितरण कर सकें।
एनएसकेएफडीसी का विजन
लक्षित समूहों अर्थात् सफाई कर्मचारी, स्केवेंजर तथा उनके आश्रितों को किसी व्यवहार्य आय सृजन कार्यकलापों के लिए रियायती ब्याज दरों पर वित्तीय सहायता प्रदान करके तथा समयबद्ध रूप से कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रमों के जरिए पुनर्वास करना।
एनएसकेएफडीसी की स्कीम और कार्यक्रमों के तहत लाभ प्रदान करके लक्षित समूहों के व्यक्तियों की अधिकतम संख्या को कवर करना है।
मिशन
लक्षित समूहों तथा इसके आश्रितों को पारंपरिक पेशों, वंचित सामाजिक स्थितियों तथा गरीबी से बाहर निकालने के लिए उनहें सशक्त बनाना और उनको प्रतिष्ठा तथा सम्मान के साथ सामाजिक और आर्थिक रास्ते से अपना स्वयं का रास्ता चुनने में सहायता देना।
एनएसकेएफडीसी का उद्देश्य
एनएसकेएफडीसी का प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार है
- सफाई कर्मचारियों/स्वच्छ्कारों और उनके आश्रितों की आर्थिक विकास गतिविधियों को प्रोत्साहन देना ।
- सफाई कर्मचारियों/स्वच्छ्कारों और उनके आश्रितों के लाभ और/अथवा पुनरूत्थान के लिए स्व-रोजगार उद्यमों को प्रोत्साहन देना ।
- राज्य अनुसूचित जाति विकास/वित्त निगम अथवा राज्य सरकार या संघ शासित क्षेत्र द्वारा नामित चैनल अभिकरण, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों एवं राष्ट्रीयकृत बैंकों के माध्यम से तथा सरकार द्वारा समय समय पर दिए गए निर्देशों के अधीन सफाई कर्मचारियों/स्वच्छ्कारों और उनके आश्रितों को, व्यक्तिगत रूप से या समूहों में, आर्थिक और वित्तीय रूप से व्यावहारिक आय जनन योजना तथा परियोजनाओं के लिए अनुदानों, सब्सिडी, ऋणों अथवा अग्रिमों द्वारा सहायता प्रदान करना ।
- भारत सरकार अथवा राज्य/संघ शासित क्षेत्रों की सरकारों के मंत्रालयों अथवा विभागों के साथ सहयोग में उनके संबंधित कार्यक्रमों के तहत सफाई कर्मचारियों/स्वच्छ्कारों और उनके आश्रितों को रियायती वित्त मंजूर करना ।
- सफाई कर्मचारी/स्वच्छ्कारों समुदाय के विद्यार्थियों को व्यवसायिक अथवा तकनीकी शिक्षा के लिए ऋण प्रदान करना ।
- स्वछता कार्यों के निष्पादन हेतु प्रशिक्षण, गुणवत्ता नियंत्रण, प्रौद्योगिकी समुन्नतन और सामान्य सुविधा केन्द्रों को प्रोत्साहन प्रदान करना।
- सफाई कर्मचारियों/स्वच्छ्कारों और उनके आश्रितों के विकास से जुड़े राज्य स्तर के संगठनों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने और वाणिज्यिक निधीयन अथवा पुनरवित्तपोषण द्वारा सहायता प्रदान करना ।
- राज्य सरकारों/संघ शासित प्रशासनों द्वारा सफाई कर्मचारियों/स्वच्छ्कारों और उनके आश्रितों के आर्थिक विकास हेतु सहायता के लिए गठित सभी निगमों, बोर्डों के कार्य के समन्वय तथा निगरानी के लिए शीर्ष संस्था के तौर पर कार्य करना ।
- सफाई कर्मचारियों/स्वच्छ्कारों और उनके आश्रितों के आर्थिक विकास के लिए सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने में मदद करना ।
- सफाई कर्मचारियों/स्वच्छ्कारों के समुदाय से संबंधित व्यक्तियों अथवा उनके आश्रितों के तकनीकी और उद्यमिता कौशल के समुन्नतन हेतु सहायता प्रदान करना ताकि उनके द्वारा स्थापित उत्पादन और सेवा यूनिटों का समुचित एवं कुशल प्रबंधन किया जा सके अथवा रोजगार के अवसरों की तलाश की जा सके ।
- सफाई कर्मचारी/स्वच्छ्कारों समुदाय के स्व-नियोजित व्यक्तियों अथवा व्यक्ति समूहों और उनके आश्रितों को अथवा उनके द्वारा स्थापित इकाइयों/को-आपरेटिव्स को कच्चा माल प्राप्त करने तथा उत्पाद व तैयार माल अथवा सेवाओं के विपणन में सहायता करना।
स्कीम और कार्यक्रम
एनएसकेएफडीसी का प्रमुख उद्देश्य मैनुअल स्केवेंजिंग की भयावह अमानवीय प्रथा का उन्मूलन है एवं सफाई कर्मचारियों, स्वच्छकारों एवं उनके आश्रितों की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति को राज्य सरकारों/संघ शासित प्रशासनों द्वारा नामित एस.सी.एज. एवं क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आर.आर.बी.) एवं राष्ट्रीयकृत बैंकों के माध्यम से विभिन्न ऋण योजनाओं के तहत वित्तीय सहायता प्रदान करके एवं कौशल विकास हेतु प्रशिक्षण प्रदान करके सश्क्त करना है।
इसके अतिरिक्त एनएसकेएफडीसी भारत में शिक्षा हेतु रू.10.00 लाख तक एवं विदेश में शिक्षा हेतु रू. 20.00 लाख तक का ऋण भी प्रदान करता है।
एनएसकेएफडीसी ने 31 जुलाई 2016 तक 306360 लाभार्थियों को लाभान्वित करने के लिए रू.1271.13 करोड का वितरण किया है।
ऋण योजनायें
संछिप्त में, योजनायें नीचे दी गयी सारणी से स्पष्ट होगी –
क्रम सं. | स्कीम और ऋण | अधिकतम लागत यूनिट | प्रभार योग्य ब्याज | वापसी अदायगी अवधि | |
एनएसकेएफडीसी से एससीए को
|
लाभार्थियों को एससीए से | ||||
1. | महिला समृद्धि योजना (एमएसवाई) |
50000 रुपए तक |
1%वार्षिक |
4%वार्षिक |
3 वर्ष |
2. | महिला अधिकारिता योजना (एमएवाई) |
75000 रुपए तक |
2%वार्षिक |
5%वार्षिक |
5 वर्ष |
3. | माइक्रो क्रेडिट वित्त (एमसीएफ) |
50000 रुपए तक |
2%वार्षिक |
5%वार्षिक |
3 वर्ष |
4. | सामान्य ऋण आवधिक (जीटीएल) |
15 लाख रुपए तक |
3%वार्षिक |
6%वार्षिक |
10 वर्ष |
5. | सफाई कर्मचारी पुनर्वास स्कीम (एसडब्ल्यूआरएम) |
15 लाख रुपए तक |
3%वार्षिक |
6%वार्षिक |
10 वर्ष |
6. स्वच्छता उद्यमी योजना – ”स्वच्छता से संपन्नता की ओर” | |||||
क) | स्कीम फार पे एंड यूज टायलेट |
25 लाख रुपए तक |
4% वार्षिक (महिला लाभार्थियों के लिए 1% प्रतिवर्ष छूट तथा समय पर ऋण चुकाने पर 0.5 % छूट) |
10वर्ष |
|
ख) | स्कीम फार प्रोक्यूरमेंट आफ सैनीटेशन रिलेटेट व्हिकिल्स |
15 लाख रुपए तक |
4% वार्षिक(महिला लाभार्थियों के लिए 1% प्रतिवर्ष छूट तथा समय पर ऋण चुकाने पर 0.5 % छूट) |
10वर्ष |
|
7. | सैनीटरी मार्ट स्कीम |
15 लाख रुपए तक |
4% वार्षिक(महिला लाभार्थियों के लिए 1% प्रतिवर्ष छूट तथा समय पर ऋण चुकाने पर 0.5 % छूट) |
10वर्ष |
|
8. | शिक्षा ऋण (ईएल) (अधिकतम पाठ्यक्रम लागत) | ||||
भारत में अध्ययन के लिए | 10 लाख रुपए तक | 1%वार्षिक | 4% वार्षिक
(महिला लाभार्थियों के लिए 0.5%रियायत) |
1 वर्ष की अधिस्थगन अवधि के साथ पाठ्यक्रम के समाप्त होने के बाद 5 वर्ष
|
|
विदेश में अध्ययन के लिए | 20 लाख रुपए तक |
नोट: भुगतान 3 माह की कार्यान्वयन अवधि तथा 6 माह की अधिस्थगन अवधि के बाद तथा 6 माह की कार्यान्वयन अवधि तथा 6 माह की अधिस्थगन अवधि के बाद।
गैर-ऋण आधारित योजना
कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम
1500 रुपए प्रतिमाह, प्रति अभ्यर्थी वृत्तिका सहित प्रशिक्षण हेतु 100% अनुदान।
जॉब फेयर
प्रति जॉब फेयर 50000 रुपए तक जाब फेयर आयोजित करने के लिए प्रतिपूर्ति व्यय।
जागरूकता सृजन
प्रति जागरूकता कार्यक्रम के लिए 30,000 रुपए तक व्यय प्रतिपूर्ति
वर्कशॉप प्रति
वर्कशॉप 25000 रुपए तक व्यय प्रतिपूर्ति।
कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम
नौकरी के अवसरों की तलाश करने तथा स्वरोजगार उद्यम हेतु लक्षित समूह के पात्र सदस्यों के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं। 100% प्रति पाठ्यक्रम/ट्रेड के रूप में में सहायता प्रदान की जाती है। नि:शुल्क प्रशिक्षण प्रदान करने के अलावा, पात्र अभ्यर्थियों को प्रतिमाह/प्रति अभ्यर्थी 1500 रुपए की वृत्तिका भी दी जाती है।