सर्वप्रथम न्यूज़ आदित्य राज पटना:-
भूमिका
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त और विकास निगम अथवा एनएसकेएफडीसी सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाला उपक्रम है जो ऋण योजनाओं के साथ ही गैर-ऋण आधारित योजना के अंतर्गत नीचे दी गयी कार्यों के लिए भी सहायता उपलब्ध कराता है I
जागरूकता शिविर
लक्षित समूह में एनएसकेएफडीसी की योजनाओं एवं कार्यक्रमों की जागरूकता लाने के लिए सीधे संपर्क हेतु एनएसकेएफडीसी राज्य माध्यम अभिकरणों (एस.सी.ए) के माध्यम से सफाई कर्मचारियों/स्वच्छकारों की बस्तियों में जागरूकता शिविर लगाता है एवं उन्हें निगम की योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करता है ताकि वे सफाई के अपने परम्परागत व्यवसाय को छोडकर अन्य सम्मानजनक आय अर्जित करने वाले व्यवसायों या स्वरोजगार गतिविधियों को अपना सकें।
जागरूकता शिविर की विशेषताएं इस प्रकार से हैं:-
- एनएसकेएफडीसी की अधिकारी राज्य माध्यम अभिकरणों के जिला अधिकारियों के साथ जागरूकता शिविर के आयोजन हेतु सक्रिय रूप से जुडे/शामिल रहते हैं।
- स्थानीय भाषा में इश्तेहार/पंफलेट वितरित करके, जिले के स्थानीय सामाचार पत्रों में विज्ञापन देकर प्रचार किया जाता है।
- कायर्कम में भाग लेने वाले लक्षित समूह को एनएसकेएफडीसी का वृतचित्र दिखाया जाता है एवं निगम की योजनाओं की जानकारी एवं ऋण लेने की प्रक्रिया की जानकारी भी दी जाती है।
- एस.सी.ए. एवं एनएसकेएफडीसी के अधिकारी उन्हें एनएसकेएफडीसी/एस.सी.ए. की येाजनाओं के तहत ऋण लेने के लिए मार्गदर्शन करते हैं।
- जागरूकता शिविर के दौरान एससीए द्वारा प्रतिभागियों से नाम, पता, योग्यता, अनुभव एवं योजना का चुनाव आदि जानकारी एकत्र करके इच्छुक लाभार्थियों से प्रारम्भिक ऋण आवेदन पत्र भरवाए जाते हैं।
- इस डाटा का प्रयोग एससीए द्वारा परियोजना प्रस्ताव के नियमन हेतु किया जाता है।
इस योजना के तहत एनएसकेएफडीसी राज्य माध्यम अभिकरणों को जागरूकता शिविर के आयोजन हेतु रू.30000/- प्रति जागरूकता शिविर का पुर्नभुगतान करता है।
मार्केटिंग लिंकेज / मेलों / प्रदर्शनियां / व्यापार मेलों
एनएसकेएफडीसी ने गो-कूप सोल्यूशन एवं सर्विसेज प्रा. लि. (गो-कूप) एवं क्लूस नेटवर्क प्रा. लि. (शॉपक्लूस) के साथ समझौता ज्ञापन किए हैं। गो-कूप एवं शॉपक्लूस सहकारी एवं सामुदायिक आधारित बुनकरों एवं शिल्पकारों के लिए अपने उत्पादों को सूचीगत करने एवं बिक्री हेतु आनलाईन बाजार है। समझौता ज्ञापन के अनुसार गो-कूप एवं शॉपक्लूस एनएसकेएफडीसी के लाभार्थियों को आनलाईन बाजार, प्रशिक्षण, डाटा एनालिटिक्स में आधारभूत ढांचा सहायता एवं उनके उत्पादों के लिए ग्राहक अधिग्रहण एवं लाभकारी मूल्य प्राप्त करने एवं व्यवसाय को बढाने में सहायता प्रदान करेंगे।
प्रदर्शनी का विवरण / व्यापार मेलों मे एनएसकेएफडीसी के लाभार्थियों ने भाग लिया –
क्र.संख्या | प्रदर्शनी का नाम | प्रदर्शनी की अवधि | प्रतिभागियों की संख्या | राज्यों ने भाग लिया | राज्यवार बिक्री (रु. में) | कुल बिक्री |
1 | रामलीला मेला 2014 | 5.10.2014 से 12.10.2014 | 10 | मध्य प्रदेश | 1,57,900 | 1,57,900 |
2
|
6वीं पूर्वी हिमालय एक्सपो 2014 | 7.12.2014 से 15.12.2014 | 2 | मध्य प्रदेश | 1,49,204 |
1,53,654 |
9 | उत्तर प्रदेश | 4,450 | ||||
3 | शिल्पोत्सव -2014 दिल्ली हाट, आईएनए मार्केट, नई दिल्ली | 1-10-2014 से 10-02-2015 | 2 | हिमाचल प्रदेश | 1,53,100 | 12,52,845 |
3 | जम्मू एवं कश्मीर | 1,33,100 | ||||
16 | मध्य प्रदेश | 7,41,970 | ||||
3 | उत्तर प्रदेश | 1,49,250 | ||||
2 | बिहार | 75,425 | ||||
4 | 34 वें आईआईटीएफ -2014 प्रदर्शनी प्रगति मैदान नई दिल्ली | 4.11.2014 से 27.11.2014 | 2 | जम्मू एवं कश्मीर | 1,69,230 | 22,72,680 |
2 | हिमाचल प्रदेश | 1,98,400 | ||||
16 | मध्य प्रदेश | 16,78,430 | ||||
3 | उत्तर प्रदेश | 2,26,620 | ||||
5 | 29 सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले-2014 फरीदाबाद (हरियाणा) | 01.02.2015 से 15.02.2015 | 2 | बिहार | 1,78,292 | 27,61,324 |
3 | जम्मू एवं कश्मीर | 4,50,975 | ||||
2 | हिमाचल प्रदेश | 2,61,150 | ||||
18 | मध्य प्रदेश | 18,70,907 | ||||
कुल योग | 95 | 65,98,403 | 65,98,403 |
कार्यशालाएं/रोजगार मेले
कार्यशालाएं
राज्य माध्यम अभिकरणों (एस.सी.एज.) द्वारा कार्यशालाओं का आयोजन उनके जिला अधिकारियों, जोकि मुख्यालय में एनएसकेएफडीसी के मामलों को देखते हैं, को एनएसकेएफडीसी की योजनाओं एवं कार्यक्रमों की नवीन/अधतन जानकारी देने के लिए किया जाता है। एनएसकेएफडीसी द्वारा प्रत्येक कार्यशाला के आयोजन हेतु रू.25000/- का पुर्नभुगतान राज्य माध्यम अभिकरणों को किया जाता है।
रोजगार मेले
प्रशिक्षित उम्मीदवारों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए एनएसकेएफडीसी रू.50000/- तक की राशि का पुर्नभुगतान राज्य माध्यम अभिकरणों/प्रशिक्षण संस्थाओं को रोजगार मेलों के आयोजन हेतु करता ।