सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार पटना: प्रधानमंत्री मोदी के रोज़गार सृजन मिशन के तहत एक नयी योजना सोलर चरखा को शुरू करने की घोषणा की गयी है। केंद्र सरकार के सूक्षम, लघु एवं माध्यम उद्योग मंत्रालय के द्वारा इस योजना का संचालन किया जायेगा। इस योजना के तहत हथकरघा उद्योग को प्रोत्साहन देने तथा इस उद्योग में नए उद्यमियों के प्रवेश हेतु सोलर चरखा लगाने के लिए उद्यम का मॉडल प्रस्तुत किया गया है।
सोलर चरखा योजना का उद्देश्य (SOLAR CHARKHA YOJANA KA UDDESHY) :
- देश के पारंपरिक कला से सम्बंधित कुटीर, लघु एवं माध्यम उद्योग को बढ़ावा देना है।
- सोलर चरखा योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र में कम लागत के प्रोजेक्ट स्थापित करने की योजना से महिला उद्यमियों को नए उद्यम लगाने के लिए प्रेरित करना है।
- खादी उद्योग में सूत कातने का काम ज्यादातर महिलाएं करतीं हैं। अत: सोलर चरखा के द्वारा सूत कम समय में ज्यादा तैयार होगें। जिससे देश की महिलाएं की आय में वृद्धि होगी और वो स्वावलंबी बनेंगी।
- इस योजना के तहत सोलर चरखा के माध्यम से सूत तैयार करने में कम समय में ज्यादा उत्पादन होगा। पारम्परिक चरखे से बुनकर मजदूर दिन में 8 घंटे काम करने पर रूपए 160 कमाते हैं। वहीँ सोलर चरखे के द्वारा दिन में रूपए 360 तक कमा पाएंगे। इस तरह उनके आमदनी में वृद्धि होगी।
- इस योजना का उद्देश्य बुनकर/ शिल्पकार/ सूत कातने वाले मजदूरों के आय में वृद्धि करना, तथा उनको रोज़गार के अवसर प्रदान करना है।
- खादी उद्योग को पुनर्जीवित करना है।
सोलर चरखा योजना का क्रियान्वयन (SOLAR CHARKHA YOJANA KA KRIYANVAN):
इस योजना की शुरुआत केंद्र सरकार द्वारा अप्रैल 2018 में महाराष्ट्र राज्य के बीड जिले से किया जायेगा। क्योंकि महाराष्ट्र राज्य में ज्यादातर कपड़े की मीलें हैं। सोलर चरखा द्वारा तैयार चादर, तौलिया, तकिया कवर, यूनिफार्म, डस्टर आदि का सप्लाई सरकारी विभाग और रेलवे में किया जायेगा।
सोलर चरखा योजना के लाभ (SOLAR CHARKHA YOJANA KE LABH) :
- इस योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में रोज़गार के अवसर उपलब्ध करवाना है।
- सोलर चरखा योजना के माध्यम से सोलर ऊर्जा के उपयोग से नागरिकों को परिचित करवाना है।
- पर्ववरण सुरक्षा हेतु सोलर ऊर्जा को देश में बढ़ावा देन है।
- सोलर चरखा के उपयोग से बुनकरों और सूत कातने वाले मजदूरों की आय में वृद्धि करना है।
- इस योजना के माध्यम से देश भर में 5 करोड़ लोगों को रोज़गार उपलब्ध हो सकेंगे, तथा प्रत्येक पंचायत में 1100 नए रोज़गार का सृजन होगा।
सोलर चरखा योजना का बिजनेस मॉडल (SOLAR CHARKHA YOJANA KA BUSINESS MODEL):
प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन योजना के तहत लोन दिए जायेगा। इस योजना के तहत सोलर ऊर्जा इकाई स्थापित करने का कुल खर्च -रूपए 24,87,694 है। इसमें से रूपए 2238 925 लोन बैंक से प्राप्त हो जायेगा, तथा बची हुई राशि का( मार्जिन मनी) रूपए 621924 सब्सिडी सरकार की ओर से स्वरोजगार हेतु उद्यम स्थापित करने और देश में रोज़गार के अवसर बढ़ने के एवज में PMEG के अंतर्गत मिलेगा। आपको अपने पास से लगाना है मात्र रूपए 248769 और आपका सोलर चरखा प्रोजेक्ट लग जायेगा। इस उद्यम को लगाकर आप वार्षिक 80,000- 100000 रूपए तक कम सकेंगे।