सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार:दवाओं के पैकेट पर अब उनके साइड इफेक्ट्स लिखना जरूरी हो गया है. दवाओं के साइड इफेक्ट्स पर हुई एक रिसर्च के बाद केंद्रीय ड्रग कंट्रोल विभाग ने फार्मा कंपनियों को ये आदेश दिया हैदवाओं के पैकेट पर अब उनके साइड इफेक्ट्स लिखना जरूरी हो गया है. दवाओं के साइड इफेक्ट्स पर हुई एक रिसर्च के बाद केंद्रीय ड्रग कंट्रोल विभाग ने फार्मा कंपनियों को ये आदेश दिया है.क्या है नया आदेश-केंद्रीय ड्रग कंट्रोलर ने नो योर मेडिसिन मुहिम के तहत 7 तरह की मेडिसिन और उनसे बनने वाले सैकड़ों ब्रांड्स को लेकर जागरुकता फैलाने की तैयारी की हैमान लीजिए सेफोटैक्सिम, सेफीएग्जाइम जैसी एंटीबॉयोटिक्स खाने से स्किन एलर्जी, त्वचा में सूजन जैसी दिक्कते हो सकती हैं. इसके अलावा मेंसुरेशन ब्लीडिंग नियंत्रण और डिप्रेशन में खाने वाली कई दवाओं से चक्कर आना साथ ही इंफेक्शन जैसी दिक्कतें हो सकती हैं.
इसी तरह आर्थराइटिस, मिर्गी और माइग्रेन की कुछ दवाओं से त्वचा की तकलीफें हो सकती हैं.
ये जिम्मेदारी फिलहाल आपकी भी है और अगर आप भी ऐसी मेडिसिन का इस्तेमाल करते हैं तो दवा खरीदने से पहले उससे होने वाले नुकसान के बारे में जान लीजिए
दवा खाने से बीते 5 साल में देश में साइडइफेक्ट्स और एडवर्स इंवेट्स के मामलों में 150 फीसदी तक बढ़े हैं.
साल 2013 में सिर्फ 28 हजार शिकायत साल 2017 तक 71 हजार तक पहुंच गई हैं.