यदि रेलगाड़ी चलते हुए चालाक की ही तबीयत बिगड़ने लगे, तो क्या किया जाता है?

सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : यदि ट्रेन चलाते हुए चालक (लोकोपायलट) की तबियत बिगड़ने लगे तो सहायक चालक (सहायक लोकोपायलट) सैक्शन या स्टेशन में गाड़ी को रोक कर गार्ड की सहायता से इसकी सूचना देगा, फिर दूसरे चालक की व्यवस्था होने पर ही ट्रेन रवाना की जाएगी।”

दूसरे लोकोपायलट का इंतजाम कैसे किया जायेगा –

सैक्शन कंट्रौलर को सूचना दी जायेगी दूसरे ड्राइवर का इंतजाम करने के लिए। यदि मेल एक्सप्रेस ट्रेन के ड्राइवर की तबियत खराब हुयी है तो कंट्रौलर उस स्टेशन के 2–4 स्टेशन के दरम्यान में कोई मालगाड़ी चल रही होगी तो उसे किसी रोड साइड रेलवे स्टेशन पर स्टेबल करके उसके ड्राइवर को उस मेल एक्सप्रेस ट्रेन पर भेजेगा। वह मालगाड़ी के ड्राइवर उस ट्रेन को किसी जंक्शन स्टेशन तक ले जायेंंगे। वहाँ दूसरे मेल एक्सप्रेस ट्रेन के ड्राइवर का इंतजाम तब तक हो ही जायेगा। फिर वो ड्राइवर उस ट्रेन को आगे चलायेंगे। इस तरह से वो आप्शन चुना जाता जिसमें कम से कम टाइम लगे।

दूसरा आप्शन यदि जंक्शन या बड़ा स्टेशन नजदीक ही है तो वहाँ से दूसरे फ्रैश ड्राइवर को भेज दिया जायेगा और वह ट्रेन को आगे ले जायेंंगे।

ऐसे ही यदि किसी मेल एक्सप्रेस ट्रेन का एंजिन फेल हो जाए तो पहले नजदीक की किसी मालगाड़ी का एंजिन काटकर उससे मेल एक्सप्रेस ट्रेन को आगे भेजा जाता है। या फिर नजदीकी जंक्शन स्टेशन से दूसरा एंजिन भेजा जाता है। एंजिन फेल के केस में ट्रेन वहीं खड़ी रहेगी, जहाँ एंजिन फेल हुआ है। हालांकि ड्राइवर कोशिश करते हैंं कि एंजिन इतना तो चल जाये कि अगले रोड साइड स्टेशन तक गाड़ी लूप लाइन में जाकर खड़ी हो जाये।

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