सर्वप्रथम न्यूज़ सौरभ कुमार : दिव्यांग छात्रों को बिहार से बाहर आईआईटी, मैनेजमेंट, बैंकिंग, पीएचडी, आदि की पढ़ाई करने वाले छात्रों को बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के तहत मिलने वाले चार लाख के नए ऋण देने पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। इसलिए जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र पर नया आवेदन नहीं लिया जा रहा है। दरअसल बिहार से बाहर के प्राइवेट शिक्षण संस्थानों की सूची सीएम के सात निश्चय के एमएनएसएसबीवाई पोर्टल पर अपडेट नहीं हुआ है। शिक्षण संस्थानों का सत्यापन शिक्षा विभाग की ओर से किया जा रहा है।
एमएनएसएसबीवाई की पहले की सूची में शामिल कितने शिक्षण संस्थान राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (एनएएसी)या नेशनल बोर्ड आफ एक्रेडिएशन (एनबीए) से मान्यता प्राप्त हैं।
बिहार राज्य वित निगम द्वारा बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड से छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए चार लाख रुपये लोन दिया जाता है। हाल ही में राजस्थान के कुछ प्राइवेट शिक्षण संस्थानों में क्रेडिट कार्ड के फर्जीवाड़े का मामला प्रकाश में आया था। इसमें कई ऐसे संस्थान चिह्नित किए गए थे जो मान्यता प्राप्त नहीं थे। फिर भी वहां पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं को क्रेडिट कार्ड के तहत लोन दे दिया गया था। उसके बाद निगम ने शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर सूची में शामिल शिक्षण संस्थानों के सत्यापन की बात कही। उसके बाद नया क्रेडिट कार्ड बनाने के काम पर रोक लगा दी गई थी। 1जनवरी 2020 को निगम की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि जो मान्यता प्राप्त संस्थान हैं उसमें पढाई के लिए बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड से लोन दिया जाएगा लेकिन सत्यापन होने के बाद। जब तक शिक्षण संस्थानों की सूची पोर्टल पर अपलोड नहीं होगी तब तक छात्र-छात्राओं का नया क्रेडिट कार्ड नहीं बनेगा। जो पुराने कार्ड बने हुए हैं। ऐसे छात्र-छात्राओं का लोन के शेष किस्त संबंधित संस्थानों को जारी होते रहेगा। हालांकि राजस्थान के जिन कॉलेजों में फर्जीवाड़ा पकड़ा गया था, ऐसे संस्थानों में छात्रों के लोन की अगली किस्त पर रोक लगा दी गई है। पटना के जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र की ओर से सूची में शामिल शिक्षण संस्थानों की जानकारी दी गई। देश में 3708 ऐसे प्राइवेट शिक्षण संस्थान हैं जो मान्यता प्राप्त हैं। ऐसे संस्थानों की सूची जल्द ही सात निश्चय योजना की पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। उसके बाद ही नया क्रेडिट कार्ड बनेगा।